tag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post3036803593063247158..comments2024-03-01T15:59:55.297+05:30Comments on सरस पायस: रेल चली, भइ, रेल चली : रानीविशाल का बालगीतरावेंद्रकुमार रविhttp://www.blogger.com/profile/15333328856904291371noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-22952059022849027732011-03-01T08:42:36.660+05:302011-03-01T08:42:36.660+05:30इस गीत को चार चाँद लगा कर यहाँ प्रकाशित करने के लि...इस गीत को चार चाँद लगा कर यहाँ प्रकाशित करने के लिए ह्रदय से आभार ...अनुष्का 'ईवा'https://www.blogger.com/profile/15980380179328657983noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-80425262316429276872011-02-09T09:06:16.308+05:302011-02-09T09:06:16.308+05:30मान्यवर , आप पाठकोँ के सुझावोँ को इतनी सहजता एवं ग...मान्यवर , आप पाठकोँ के सुझावोँ को इतनी सहजता एवं गंभीरता से स्वीकार करते हैँ और फिर इतनी तत्परता के साथ सजग संपादन भी .,। बाल सखा और पराग जैसी पत्रिकाएँ भले ही आज बंद हैँ किँतु ऐसे ही संपादकोँ की दूरदृष्टि के फलस्वरूप ही आज भी उनका सानी नहीँ है । फिलहाल ... वाह ! वाह ! वाह ! आपके लिए भी और इस सरस गीत की रचनाकार रानी जी के लिए भी । बच्चे इसे मस्ती और पूरी तन्मयता के साथ गाएँगे और ऐसी अन्य श्रेष्ठ रचनाओँ की सोत्साह प्रतीक्षा करेँगे । बधाई... बधाई ...जी , बधाई ।डॉ. नागेश पांडेय संजयhttps://www.blogger.com/profile/02226625976659639261noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-21477855548034427002011-02-09T08:00:43.907+05:302011-02-09T08:00:43.907+05:30नागेश भाई से अनुरोध है --
क्या अब यह गीत प्रवाहमा...<b>नागेश भाई से अनुरोध है -- <br />क्या अब यह गीत प्रवाहमान हो गया है? <br />कृपया बताएँ! </b>रावेंद्रकुमार रविhttps://www.blogger.com/profile/15333328856904291371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-46450477363801853662011-02-07T22:37:37.564+05:302011-02-07T22:37:37.564+05:30नागेश भाई,
आपका कहना बिल्कुल सही है!
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ऐसा पहली...<b>नागेश भाई, <br />आपका कहना बिल्कुल सही है!<br />-- <br />ऐसा पहली बार हुआ है, <br />जब "सरस पायस" पर किसी गीत को <br />बिना संपादन किए प्रकाशित कर दिया गया! <br />--<br />मैं रानीविशालजी से विचार-विमर्श करके <br />इस प्रवाह को पूरी तरह से दूर करने का प्रयास करूँगा! <br />-- <br />इस ओर ध्यान दिलाने के लिए <br />आपका आभारी हूँ!<br /></b>रावेंद्रकुमार रविhttps://www.blogger.com/profile/15333328856904291371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-51707012485685274942011-02-07T22:32:35.263+05:302011-02-07T22:32:35.263+05:30are wah anuska mama ji bhi aa gyeare wah anuska mama ji bhi aa gyeसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-42578966825936650372011-02-07T22:32:03.947+05:302011-02-07T22:32:03.947+05:30प्यारा गीतप्यारा गीतसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-26984559367093800092011-02-07T22:31:44.440+05:302011-02-07T22:31:44.440+05:30बहुत सुंदरबहुत सुंदरसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-58927129403745414752011-02-07T22:27:14.271+05:302011-02-07T22:27:14.271+05:30सुंदर । बहुत सुंदर ... प्यारा सा गीत । हाँ , यह गी...सुंदर । बहुत सुंदर ... प्यारा सा गीत । हाँ , यह गीत बहुत-बहुत-बहुत ही सुंदर हो सकता है , यदि अंत मेँ प्रवाह ठीक हो जाए ।सब वाह ! वाह ! करेँगे । क्या विचार है मान्यवर ?डॉ. नागेश पांडेय संजयhttps://www.blogger.com/profile/02226625976659639261noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-13411725842312592132011-02-07T02:06:39.499+05:302011-02-07T02:06:39.499+05:30हम्म.. और इस गीत को पढ़ कर अनुष्का के दोस्त यानि के...हम्म.. और इस गीत को पढ़ कर अनुष्का के दोस्त यानि के हम भी बहुत खुश है.. :)Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-69178152023453030542011-02-06T20:32:56.658+05:302011-02-06T20:32:56.658+05:30बहुत सुंदर जी धन्यवादबहुत सुंदर जी धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-26811505118275554242011-02-06T18:31:01.844+05:302011-02-06T18:31:01.844+05:30इतना सरस बालगीत रचने के लिए रानी विशाल जी को बहुत-...इतना सरस बालगीत रचने के लिए रानी विशाल जी को बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!<br />यह रचना सरस पायस के मानक के अनुरूप है।Anonymousnoreply@blogger.com