tag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post1480623928547655318..comments2024-03-01T15:59:55.297+05:30Comments on सरस पायस: गुदगुदी रजाई : रावेंद्रकुमार रवि का नया बालगीतरावेंद्रकुमार रविhttp://www.blogger.com/profile/15333328856904291371noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-59945792048775509942012-01-14T13:38:49.252+05:302012-01-14T13:38:49.252+05:30गरम-गरम चाय अभी मुँह में है नाई –
वाह !! हुजूर ! ...गरम-गरम चाय अभी मुँह में है नाई –<br /><br />वाह !! हुजूर ! <br />जिसके नाई , उसने क्या कहा ... ? <br /><br />मकर संक्रांति की शुभकामनाएं.डॉ. नागेश पांडेय संजयhttps://www.blogger.com/profile/02226625976659639261noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-61553218797756181962012-01-14T13:36:41.318+05:302012-01-14T13:36:41.318+05:30गरम-गरम चाय अभी मुँह में है नाई –
वाह !! हुजूर ! ...गरम-गरम चाय अभी मुँह में है नाई –<br /><br />वाह !! हुजूर ! <br />जिसके नाई , उसने क्या कहा ... ? <br /><br />मकर संक्रांति की शुभकामनाएं.डॉ. नागेश पांडेय संजयhttps://www.blogger.com/profile/02226625976659639261noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-76932669937974238872011-01-14T06:25:08.705+05:302011-01-14T06:25:08.705+05:30अच्छी लगी कविता ....
सक्रांति ...लोहड़ी और पोंगल.....अच्छी लगी कविता ....<br />सक्रांति ...लोहड़ी और पोंगल....हमारे प्यारे-प्यारे त्योंहारों की शुभकामनायें...... Chaitanyaa Sharmahttps://www.blogger.com/profile/17454308722810077035noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-56192021024358349092011-01-13T22:33:16.250+05:302011-01-13T22:33:16.250+05:30वाह !! आज तो सर्दी का भी मज़ा आ गया..। :)वाह !! आज तो सर्दी का भी मज़ा आ गया..। :)Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-38247149094187410932011-01-13T11:45:20.450+05:302011-01-13T11:45:20.450+05:30sundarsundarMrityunjay Kumar Raihttps://www.blogger.com/profile/16617062454375288188noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-47797589125556570002011-01-13T08:23:18.702+05:302011-01-13T08:23:18.702+05:30ओहो ठंडी का पूरा मज़ा इस कविता में आ गया...
बहुत स...ओहो ठंडी का पूरा मज़ा इस कविता में आ गया...<br />बहुत सुन्दर...Shubham Jainhttps://www.blogger.com/profile/11736748654627444959noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-55728349485247635082011-01-13T07:36:23.500+05:302011-01-13T07:36:23.500+05:30बिल्कुल मौसम के अनुकूल रचना!
जाड़े में सबसे अच्छी ...बिल्कुल मौसम के अनुकूल रचना!<br />जाड़े में सबसे अच्छी रजाई ही लगती है! मगर मास्टरों को यह ज्यादा देर तक नसीब नही होती! बच्चों की तो छुट्टिया है किन्तु मास्टरों को तो विद्यालय जाना ही पड़ेगा! उत्तराखण्ड सरकार की दृय़्टि में अध्यापकों को सरदी नहीं लगती है!Anonymousnoreply@blogger.com