tag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post4282921918576312860..comments2024-03-01T15:59:55.297+05:30Comments on सरस पायस: बैठ खेत में इसको खाया : डॉ. रूपचंद्र शास्त्री 'मयंक' की एक बालकवितारावेंद्रकुमार रविhttp://www.blogger.com/profile/15333328856904291371noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-62019249863505768372010-05-18T00:20:27.844+05:302010-05-18T00:20:27.844+05:30kha kar hamne pyas bujhaee,
chehre par fir raunak ...kha kar hamne pyas bujhaee,<br />chehre par fir raunak chaee.दीनदयाल शर्माhttps://www.blogger.com/profile/07486685825249552436noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-65650588981117721072010-05-16T20:03:59.080+05:302010-05-16T20:03:59.080+05:30मूँह में पानी आ गया शास्त्री जी………………बहुत ही लाल ल...मूँह में पानी आ गया शास्त्री जी………………बहुत ही लाल लगाये हैं……………तरबूज का बहुत ही सुन्दर चित्रण किया है।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-65654748979928351872010-05-15T10:16:05.905+05:302010-05-15T10:16:05.905+05:30ye to apne khet yaad aa gaye mujhe.. :)ye to apne khet yaad aa gaye mujhe.. :)स्वप्निल तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/17439788358212302769noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-74922421963474781802010-05-15T00:16:43.455+05:302010-05-15T00:16:43.455+05:30बहुत सुंदर कविता शास्त्री जी, हमारे यहां भी आ गये ...बहुत सुंदर कविता शास्त्री जी, हमारे यहां भी आ गये तरबुज लेकिन अभी यहां सर्दी है, ओर तरबुज भी करीब ७० रुपये का एक किलो है, कुछ दिनो मै गर्मी आयेगी तो मीठे तरबुज हम भी खाये गे अभी तो चित्र देख कर ही जी भर लियाराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-29396969865020861462010-05-15T00:08:31.689+05:302010-05-15T00:08:31.689+05:30मेरा भी मन खाने को कर रहा है।मेरा भी मन खाने को कर रहा है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-78820367457900603362010-05-14T23:01:08.354+05:302010-05-14T23:01:08.354+05:30तरबूजे पर जीवंत कविता के लिए बधाई.तरबूजे पर जीवंत कविता के लिए बधाई.Divya Narmadahttps://www.blogger.com/profile/13664031006179956497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-38447668566468881652010-05-14T21:54:58.253+05:302010-05-14T21:54:58.253+05:30गर्मी के मौसम में तरबूज से बढ़िया फल और कोई नहीं! ...गर्मी के मौसम में तरबूज से बढ़िया फल और कोई नहीं! लाल लाल तरबूज देखकर मन ललचाया! सुन्दर प्रस्तुती!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-41586804743145306462010-05-14T21:05:07.847+05:302010-05-14T21:05:07.847+05:30ये चित्र और कविता दोनों ही मनोरम.....मन ललचा जाता...ये चित्र और कविता दोनों ही मनोरम.....मन ललचा जाता है...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-11796706478256733172010-05-14T20:00:39.592+05:302010-05-14T20:00:39.592+05:30आदरणीय मयंक जी!
सामयिक रचनाओं को "सरस पायस&q...<b>आदरणीय मयंक जी! <br />सामयिक रचनाओं को "सरस पायस" पर <br />अविलंब प्रकाशित करने का प्रयास किया जाता है! <br />-- <br />आपकी कविता के इतनी जल्दी प्रकाशन का <br />एक कारण यह भी रहा कि <br />आपने "सरस पायस" पर <br />रचना प्रकाशन के सभी नियमों को ध्यान में रखकर, <br />इतना श्रम करके फ़ोटो भी तैयार करके भेजे थे! <br />-- <br />आशा है : भविष्य में भी <br />"सरस पायस" को आपका भी स्नेह इसी प्रकार मिलता रहेगा!</b>रावेंद्रकुमार रविhttps://www.blogger.com/profile/15333328856904291371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-55145136154208628712010-05-14T18:23:56.821+05:302010-05-14T18:23:56.821+05:30अच्छा , शाश्त्री अंकल ने कल लीची पर कविता लिखी , आ...अच्छा , शाश्त्री अंकल ने कल लीची पर कविता लिखी , आज तरबूज पर लिखा , देखकर खाने का दिल कर रहा है , मैंने अभी तक तरबूज नहीं खाए है , पापा आज लायेंगे तब मै इसे खाकर अपनी प्रतिक्रिया दूंगा <br />http://madhavrai.blogspot.com/<br /><br />पापा का ब्लॉग- qsba.blogspot.comमाधव( Madhav)https://www.blogger.com/profile/07993697625251806552noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-24862454685730737312010-05-14T17:27:46.341+05:302010-05-14T17:27:46.341+05:30बहुत बढ़िया...इसको पढ़कर तो तरबूज खाने का मन करने ...बहुत बढ़िया...इसको पढ़कर तो तरबूज खाने का मन करने लगा.<br />__________________<br />'पाखी की दुनिया' में- जब अख़बार में हुई पाखी की चर्चा !!Akshitaa (Pakhi)https://www.blogger.com/profile/06040970399010747427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-55245258629671955662010-05-14T16:39:43.931+05:302010-05-14T16:39:43.931+05:30niceniceRandhir Singh Sumanhttps://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-2197840223760120492010-05-14T15:28:33.690+05:302010-05-14T15:28:33.690+05:30अरे वाह...!
आज सुबह ही इसको लिखा,
आपको भेजा और दोप...<b>अरे वाह...!<br />आज सुबह ही इसको लिखा,<br />आपको भेजा और दोपहर को ही <br />प्रकाशित भी कर दिया!<br /><br />इस बालकविता को आपका प्यार मिला!<br />सधन्यवाद आभार!</b>डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com