tag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post7894935067575546017..comments2024-03-01T15:59:55.297+05:30Comments on सरस पायस: म्याऊँ करके उसे चिढ़ाती : आकांक्षा यादव की नई शिशु कवितारावेंद्रकुमार रविhttp://www.blogger.com/profile/15333328856904291371noreply@blogger.comBlogger20125tag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-7870413634474596662010-04-27T18:51:08.126+05:302010-04-27T18:51:08.126+05:30अगर यह कविता
पाखी के मन को भा गई,
तो समझो -
रचनाका...<b>अगर यह कविता<br />पाखी के मन को भा गई,<br />तो समझो -<br />रचनाकार और सरस पायस<br />दोनों का श्रम सजीव हो गया!<br />-- <br />पाखी और माधव को<br />उनकी मीठी-मीठी टिप्पणियों के लिए<br />मीठा-मीठा प्यार!<br />-- <br />अन्य सभी<br />आदरणीय टिप्पणीकारों का भी आभारी हूँ!<br />"सरस पायस" पर अपना स्नेह ऐसे ही बरसाते रहें! </b>रावेंद्रकुमार रविhttps://www.blogger.com/profile/15333328856904291371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-24356178336908550782010-04-27T16:30:52.463+05:302010-04-27T16:30:52.463+05:30म्याऊँ करके उसे चिढ़ाती,
बिल्ली से मैं उसे बचाती।...म्याऊँ करके उसे चिढ़ाती, <br />बिल्ली से मैं उसे बचाती। <br />....म्याऊँ-म्याऊँ...कित्ता प्यारा गीत ..है न. मेरे मन को तो भा गया.Akshitaa (Pakhi)https://www.blogger.com/profile/06040970399010747427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-1647683058052023982010-04-27T16:20:05.616+05:302010-04-27T16:20:05.616+05:30बहुत प्यारा बाल गीत. मन को भा गया.बहुत प्यारा बाल गीत. मन को भा गया.KK Yadavhttps://www.blogger.com/profile/05702409969031147177noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-78352882791018704532010-04-27T16:14:31.280+05:302010-04-27T16:14:31.280+05:30मजा आ गया यह शिशु गीत पढ़कर..आकांक्षा जी व सरस पाय...मजा आ गया यह शिशु गीत पढ़कर..आकांक्षा जी व सरस पायस को बधाई.Shahrozhttps://www.blogger.com/profile/09298590445316914641noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-65443323807360316952010-04-27T16:10:25.817+05:302010-04-27T16:10:25.817+05:30आकांक्षा यादव जी का शिशुगीत बहुत ही सुन्दर व मनभाव...आकांक्षा यादव जी का शिशुगीत बहुत ही सुन्दर व मनभावन लगा..बधाई.Ram Shiv Murti Yadavhttps://www.blogger.com/profile/14132527541648964036noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-85010685868894239302010-04-27T16:06:29.906+05:302010-04-27T16:06:29.906+05:30म्याऊँ करके उसे चिढ़ाती,
बिल्ली से मैं उसे बचाती।...म्याऊँ करके उसे चिढ़ाती, <br />बिल्ली से मैं उसे बचाती। <br />बहुत सुन्दर बाल-गीत लिखा आकांक्षा जी ने..बधाई.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09269049661721803881noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-69465236994715760802010-04-26T13:25:32.853+05:302010-04-26T13:25:32.853+05:30चिट्ठाजगत पर इस समय
"सरस पायस" का सक्रि...<b>चिट्ठाजगत पर इस समय <br />"सरस पायस" का सक्रियता क्रमांक 111 है!</b>रावेंद्रकुमार रविhttps://www.blogger.com/profile/15333328856904291371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-87195309447407809362010-04-26T09:42:35.464+05:302010-04-26T09:42:35.464+05:30रवि जी, सरस पायस जिस तरह बच्चों के साथ-साथ बड़ों का...रवि जी, सरस पायस जिस तरह बच्चों के साथ-साथ बड़ों का बचपना भी लौटा रहा है, वह सराहनीय है. मेरे इस शिशु-गीत के प्रकाशन के लिए आभार. <br /><br />आप सभी के प्रोत्साहनस्वरूप टिप्पणियों के लिए आभार.Akanksha Yadavhttps://www.blogger.com/profile/10606407864354423112noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-747543037839213262010-04-26T08:58:12.906+05:302010-04-26T08:58:12.906+05:30बहुत प्यारी बाल कविता....बधाईबहुत प्यारी बाल कविता....बधाईसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-61176122280152403822010-04-25T20:20:38.312+05:302010-04-25T20:20:38.312+05:30म्याऊँ करके उसे चिढ़ाती,
बिल्ली से मैं उसे बचाती।...म्याऊँ करके उसे चिढ़ाती, <br />बिल्ली से मैं उसे बचाती। <br /><br />ये पंक्तियाँ मुझे बिल्कुल नई <br />और प्यारी लगीं!सरस पायस : Saras Paayashttps://www.blogger.com/profile/05361416252982497710noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-26260486893575192202010-04-25T19:41:58.353+05:302010-04-25T19:41:58.353+05:30बहुत बढ़िया शिशु कविता है। इसे पढ़कर दिल ख़ुश हो ग...बहुत बढ़िया शिशु कविता है। इसे पढ़कर दिल ख़ुश हो गया।अरविंद राजhttps://www.blogger.com/profile/03325104487579205206noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-32750357028871663782010-04-25T13:53:43.538+05:302010-04-25T13:53:43.538+05:30bachpan yaad aa gyiiibachpan yaad aa gyiiiShri"helping nature"https://www.blogger.com/profile/03420975378972936187noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-68200944769712513932010-04-25T08:04:05.383+05:302010-04-25T08:04:05.383+05:30चावल दाल और अमरुद भी तो दो उसे..बस मिर्ची पानी पर ...चावल दाल और अमरुद भी तो दो उसे..बस मिर्ची पानी पर कब तक चलेगा बेचारा. :)<br /><br /><br />बहुत बढ़िया रचना!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-8975491740332091182010-04-25T00:58:03.672+05:302010-04-25T00:58:03.672+05:30बहुत सुंदर जी ,बहुत सुंदर जी ,राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-68396780360744861642010-04-24T23:48:39.721+05:302010-04-24T23:48:39.721+05:30sundar kavita !sundar kavita !nilesh mathurhttps://www.blogger.com/profile/15049539649156739254noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-16967823395938147182010-04-24T23:35:16.327+05:302010-04-24T23:35:16.327+05:30कुछ शीतल सी ताजगी का अहसास करा गई आपकी रचना।कुछ शीतल सी ताजगी का अहसास करा गई आपकी रचना।संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-15334467690745035082010-04-24T22:19:23.194+05:302010-04-24T22:19:23.194+05:30बहुत ही सुन्दर और प्यारा तोता हैबहुत ही सुन्दर और प्यारा तोता हैमाधव( Madhav)https://www.blogger.com/profile/07993697625251806552noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-25012456186352149792010-04-24T22:08:14.215+05:302010-04-24T22:08:14.215+05:30बहुत अच्छी कविता।बहुत अच्छी कविता।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-45416277680824576622010-04-24T20:32:45.664+05:302010-04-24T20:32:45.664+05:30मिर्ची बहुत चाव से खाता,
लेकर मेरा नाम बुलाता!
इसक...<b>मिर्ची बहुत चाव से खाता,<br />लेकर मेरा नाम बुलाता!<br />इसका रंग बहुत प्यारा है,<br />अलबेला मिट्ठू न्यारा है!<br />--<br />आकांक्षा यादव जी का <br />शिशुगीत बहुत ही सुन्दर है!<br />--<br />सरस पायस के अनुरूप है!<br />--<br />बहुत-बहुत बधाई!<br /></b>डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9190241136230512331.post-34608759725653512122010-04-24T20:07:26.831+05:302010-04-24T20:07:26.831+05:30आकांक्षा यादव जी की शिशु कविता "म्याऊँ करके उ...आकांक्षा यादव जी की शिशु कविता "म्याऊँ करके उसे चिढ़ाती" बहुत अच्छी लगी...बधाई. मैंने भी यह कविता पढ़ कर एक कविता लिखी है.<br />.अभी अभी...आपकी कविता की प्रेरणा से ...<br /> हरियल तोता कितना प्यारा, <br />गोल आँख लगती है तारा,<br />कुतर कुतर कर मिर्ची खाए,<br />मुंह जले पानी मंगवाए,<br />म्याऊँ कह कोई उसे डराता, <br />पिंजरे में झट से घुस जाता.<br />-दीनदयाल शर्मादीनदयाल शर्माhttps://www.blogger.com/profile/07486685825249552436noreply@blogger.com