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मंगलवार, दिसंबर 29, 2009

बातचीत : भगवान से - रावेंद्रकुमार रवि का एक बालगीत

रावेंद्रकुमार रवि
हम शोभा बन जाएँ











हे ईश! तुम्हारा हर पल हम गुण गाए!

हमको ऐसे ज्ञान-दीप दो, कभी न जो बुझ पाए !
हे ईश! तुम्हारा ... ... ... ... ... ... ...

आए जितनी भी बाधाए, सबका भंजन कर दें!
हर निराश मन में आशा का सुमधुर गुंजन भर दें!
नवकलिकाओं-सी कोमल मुस्कान सदा हम पाए!
हे ईश! तुम्हारा ... ... ... ... ... ... ...

सदा दूसरों का हित सोचें, अपनी सुविधा त्यागें!
च-नीच की बात न सोचें, भाग्य सभी के जागें!
जात-पात का भेद भूलकर, समता को अपनाए!
हे ईश! तुम्हारा ... ... ... ... ... ... ...

घृणा-द्वेष-छल की भाषा का दूर करें हम क्रंदन!
सदा तुम्हारा और प्यार का ही हो हमसे वंदन!
प्रीत के सुंदर आलेखन की हम शोभा बन जाए!
हे ईश! तुम्हारा ... ... ... ... ... ... ...

रावेंद्रकुमार रवि
राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, चारुबेटा,
खटीमा, ऊधमसिंहनगर, उत्तराखंड (भारत) - 262 308.

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रविवार, दिसंबर 27, 2009

मेरा विस्तृत परिचय : रावेंद्रकुमार रवि

परिचय - रावेंद्रकुमार रवि

नाम -
रावेंद्रकुमार रवि

जन्म -
02.05.1966 (बरेली)

शैक्षिक योग्यताएँ -
1. एम.एस-सी. (गणित), रुहेलखंड विश्‍वविद्यालय, बरेली ।
2. एल.टी. (विज्ञान), राजकीय रचनात्मक प्रशिक्षण महाविद्यालय, लखनऊ ।
3. हिंदी में सृजनात्मक लेखन में डिप्लोमा, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्‍वविद्यालय, नई दिल्ली (सर्वोच्च स्थान, राष्ट्रपति द्वारा विश्‍वविद्यालय स्वर्ण पदक से विभूषित) ।

सृजन-विधाएँ -
बालकथा, बालकविता, लघुकथा, नवगीत, समीक्षा ।

प्रकाशन -
1983 से निरंतर लेखन एवं सभी विधाओं में रचनाओं का प्रकाशन । पहली बालकहानी नंदन में और पहली बालकविता अमर उजाला में प्रकाशित । यूनिसेफ और एकलव्य द्वारा एक-एक चित्रकथा-पुस्तक, नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया द्वारा सृजनात्मक शिक्षा के अंतर्गत गणित की गतिविधि-पुस्तक "वृत्तों की दुनिया" और सौ से अधिक जानी-पहचानी पत्रिकाओं, कुछ संकलनों व पत्रों के साहित्यिक परिशिष्टों में साढ़े तीन सौ से अधिक रचनाएँ प्रकाशित । एक-एक कहानी का राजस्थानी, सिंधी व अँगरेज़ी में अनुवाद । कुछ अंतरजाल पत्रिकाओं पर भी रचनाएँ प्रकाशित ।

रुचियाँ -
साहित्य-सर्जन, छायांकन, बाग़वानी, पर्यटन ।

संप्रति -
शिक्षक (विज्ञान/गणित), कंप्यूटर मास्टर ट्रेनर (इंटेल) ।

पत्र-संपर्क -
राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, चारुबेटा, खटीमा,
ऊधमसिंहनगर, उत्तराखंड, भारत - 262 308.

स्थायी पता -
कमल-कुंज, बड़ी बिसरात रोड, हुसैनपुरा, शाहजहाँपुर (उ.प्र.) - 242 001.

चलभाष -
+919897614866.

ई-मेल पता -
Raavendra.Ravi@gmail.com

संपादन -
अंतरजाल-पत्रिकाएँ :
प्रकाशित पुस्तकें -
1. यूनीसेफ, लखनऊ द्वारा 2002 में प्रकाशित चित्रकथा-पुस्तक "चकमा"।
2. एकलव्य, भोपाल द्वारा 2003 में प्रकाशित चित्रकथा-पुस्तक "नन्हे चूज़े की दोस्त .. .."।
3. नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया द्वारा 2008 में सृजनात्मक शिक्षा के अंतर्गत प्रकाशित गणित की गतिविधि-पुस्तक "वृत्तों की दुनिया"।

अनूदित रचनाएँ -
1. बालकहानी "नन्हे चूज़े की दोस्त .. .. " का श्री ताऊ शेखावाटी द्वारा राजस्थानी में ।
2. बालकहानी "नन्हे चूज़े की दोस्त .. .. " का श्री हूँदराज बलवाणी द्वारा सिंधी में ।
3. चित्रकथा "नन्हे चूज़े की दोस्त .. .. " का श्री ................ द्वारा उर्दू में ।
4. बालकहानी "जैसे को तैसा" का स्वयं अँगरेज़ी में ।

पुरस्कार (साहित्य) -
स्वर्ण पदक विजेता, हिंदी में सृजनात्मक लेखन में डिप्लोमा, इंदिरा गांधी राष्‍ट्रीय मुक्त विश्‍वविद्यालय, 2005 (डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, राष्ट्रपति, भारत द्वारा स्वर्ण पदक से विभूषित)


पुरस्कार (शिक्षा) -
1. टीचर ऑफ द इयर-2004, उत्तरांचल टेक्नोलॉजी अवार्ड, विकासखंड विजेता, खटीमा (ऊधमसिंहनगर)
2. टीचर ऑफ द इयर-2003, उत्तरांचल टेक्नोलॉजी अवार्ड, मंडल विजेता, कुमाऊँ (उत्तरांचल)

राष्ट्रीय स्तर पर कार्यशाला/संगोष्ठी में प्रतिभाग -

लगभग दो दर्जन, जिनमें से प्रमुख हैं -

1. यूनिसेफ, लखनऊ / नेशनल बुक ट्रस्ट, नई दिल्ली / नालंदा, लखनऊ द्वारा आयोजित लेखन कार्यशाला, 2002 (एक चित्रकथा-पुस्तक "चकमा" का चयन व यूनिसेफ, लखनऊ द्वारा प्रकाशित)

2. केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा द्वारा आयोजित "विविध भारतीय भाषाओं का बालसाहित्य" विषय पर सेमिनार व कवि सम्मेलन, 2003 ( कुमाउँनी व गढ़वाली बालसाहित्य पर आलेख-वाचन व कवि सम्मेलन में बालकविताओं का पाठ)

3. नेशनल बुक ट्रस्ट, नई दिल्ली / नालंदा, लखनऊ द्वारा आयोजित गणित-लेखन कार्यशाला 2004 (एक पुस्तक "वृत्तों की दुनिया" का चयन व नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया, नई दिल्ली द्वारा 2008 में प्रकाशित)

4. सर्व शिक्षा अभियान, चमोली (उत्तरांचल) के अंतर्गत आयोजित राज्य स्तरीय बालसाहित्य लेखन कार्यशाला, जनवरी 2006 (कार्यशाला में तैयार कुछ कहानियाँ व कविताएँ प्रकाशित)

5. नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया, नई दिल्ली द्वारा देहरादून में पुस्तक मेला के अंतर्गत आयोजित बालसाहित्य संगोष्ठी, जून 2006 (संगोष्ठी का संयोजन, विषय - "समकालीन भारतीय बालसाहित्य के परिदृश्य में उत्तरांचल के बालसाहित्य : स्थिति, समस्या एवं संभावनाएँ" पर आलेख का वाचन और कवि सम्मेलन में कविताओं का पाठ)

6. राष्ट्रीय पाठ्यचर्या - 2005 के आलोक में पाठ्यक्रम विकास कार्यशाला, एस.सी.ई.आर.टी., उत्तरांचल, नरेंद्रनगर, जुलाई 2006 (कक्षा - एक से पाँच तक के गणित के पाठ्यक्रम के निर्माण में सहयोग)

7. सांस्कृतिक स्रोत व प्रशिक्षण केंद्र, नई दिल्ली द्वारा "प्राकृतिक तथा सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में स्कूलों की भूमिका" पर कार्यशाला, सितंबर 2006 (मुख्य समारोह व उत्तरांचल की सांस्कृतिक प्रस्तुति का संचालन और "युवाशक्ति का पलायन : पहाड़ से मैदान की ओर" विषय पर प्रोजेक्ट प्रस्तुत)

8. राष्ट्रीय पाठ्यचर्या - 2005 के आलोक में पुस्तक लेखन कार्यशाला, एस.सी.ई.आर.टी., उत्तरांचल, नरेंद्रनगर, ग.मं.वि.नि.ऋषिकेश, सितंबर 06 से दिसंबर 06 (पूर्व कार्यशाला में निर्मित कक्षा - एक से पाच तक के गणित के पाठ्यक्रम पर आधारित पाठ्यपुस्तकों के लेखन में सहयोग)

9. राज्य विज्ञान महोत्सव 2006 में एस.सी.ई.आर.टी., उत्तरांचल की गणित प्रयोगशाला का संचालन, रा.बा.इ.कॉ., पंतनगर, 14 से 17 नवंबर 2006

10. राष्ट्रीय पाठ्यचर्या - 2005 के आलोक में पुस्तक लेखन कार्यशाला, एस.सी.ई.आर.टी., उत्तराखंड, नरेंद्रनगर (टिहरी गढ़वाल) द्वारा डायट, रुड़की (हरिद्वार) में जून-जुलाई 2009 को आयोजित (कक्षा - चार और पाँच की गणित की पाठ्यपुस्तकों का लेखन)

उन पत्र-पत्रिकाओं की सूची, जिनमें रचनाएँ प्रकाशित हो चुकी हैं -

हिंदी पत्र-पत्रिकाएँ -
नंदन, पराग, बालभारती, बालहंस, चकमक, बालवाणी, चंपक, धर्मयुग, साप्ताहिक हिंदुस्तान, मधुमती, इंद्रप्रस्थ भारती, हिमप्रस्थ, सुमन सौरभ, स्नेह, बच्चों का देश, बालमेला, बालवाटिका, उत्तर प्रदेश, समाज-कल्याण, विज्ञान प्रगति, पाठक मंच बुलेटिन (नेशनल बुक ट्रस्ट,इंडिया), देवपुत्र, अनुराग, हसती दुनिया, प्रेरणा अंशु, अछूते संदर्भ, वीणा, अणुव्रत, बालमितान, बच्चे और आप, बालसाहित्य समीक्षा, रत्नलाल शर्मा न्यास की स्मारिका, विद्यामेघ, लोटपोट, लल्लू जगधर, मधु मुस्कान, सरिता, मुक्ता, सरस सलिल, गरिमा भारती, हिमालिनी, प्रगति निर्माण, प्रिय संपादक, सानुबंध, गरिमा भारती, जाह्नवी, नारायणीयम्, लोकगंगा, पंखुड़ी, कुछ कविता व कहानी संकलन, भास्कर (भोपाल), अमर उजाला (बरेली, मेरठ), चौथी दुनिया (दिल्ली), हिंदुस्तान (दिल्ली, लखनऊ), जनसत्ता (दिल्ली), नवभारत टाइम्स (दिल्ली), देशबंधु (रायपुर), जागरण (बरेली, कानपुर), पुनर्नवा-जागरण (कानपुर), राजस्थान पत्रिका (जयपुर), नई दुनिया (इंदौर), पायनियर (लखनऊ), स्वतंत्र भारत (लखनऊ), ट्रिब्यून (चंडीगढ़), अमृत प्रभात (लखनऊ), सहारा समय (लखनऊ), पंजाब केसरी (जालंधर), स्पूतनिक (लखनऊ), आज (वाराणसी), नव सत्यम् (बरेली), एक झलक (शाहजहाँपुर), इत्यादि ।

अँगरेज़ी पत्र-पत्रिकाएँ -
लिटिल जेंट,
नॉर्दर्न इंडिया पत्रिका (लखनऊ),
रीडर्स क्लब बुलेटिन (नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया) ।

हिंदी अंतरजाल पत्रिकाएँ -
सरस पायस, नन्हा मन, हिंदी का शृंगार,
अनुभूति, रचनाकार, सृजनगाथा।

सिंधी पत्रिका -
बाग़ बहार।







रावेंद्रकुमार रवि,
राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, चारुबेटा,
खटीमा, ऊधमसिंहनगर, उत्तराखंड (भारत) - 262 308.



2 comments:



डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक ने कहा…


कामना है कि बुलन्दियों पर पहुँचो। आगे बढ़ते रहो, पथ प्रशस्त है।


shikha varshney ने कहा…


आपसे मिलकर हार्दिक प्रसन्नता हुई.मेरा बचपन भी पिथोरागढ़ की वादियों में बीता है.आपके प्रशस्त जीवन के लिए समस्त शुभकामनाये

गुरुवार, दिसंबर 24, 2009

रावेंद्रकुमार रवि का एक बालगीत : जाओ बीते वर्ष

गत "बाल-दिवस" पर मैंने "सरस पायस" को
पूरी तरह से बच्चों को समर्पित कर दिया था!

उसके कुछ समय बाद से "सरस पायस" पर पूर्व प्रकाशित
सभी रचनाएँ दिखाई देना बंद हो गईं
और "बाल-दिवस" पर प्रकाशित पोस्ट
के अंतर्गत प्रकाशित रचना
के साथ लगे सभी फ़ोटो ग़ायब हो गए!

कुछ पता नहीं चल पाया - कैसे?

इस व्यवधान के बाद आज से मैं
पर पुन: प्रकाशन प्रारंभ कर रहा हूँ!
इस बालगीत के साथ --

जाओ बीते वर्ष,
तुम्‍हारी बहुत याद तड़पाएगी!

जो भी सपने देखे हमने
किए तुम्‍हीं ने पूरे!
बहुत प्रयास किए लेकिन
अब तक कुछ रहे अधूरे!
माना नए वर्ष में ये
सपने पूरे हो जाएँगे!
और हमारी आशाओं के
नए पंख लग जाएँगे!
किंतु किसी टूटे सपने की
फिर भी याद सताएगी!

जाओ बीते वर्ष,
तुम्‍हारी बहुत याद तड़पाएगी!

अगर बिछुड़ते हैं कुछ तो
कुछ नए मीत भी मिलते हैं!
जिनके साथ बैठकर हम
सुख-दुख की बातें करते हैं!
माना नए मिले साथी भी
मन को भा ही जाएँगे!
उनके साथ खेल-पढ़ लेंगे
संग-संग मुस्‍काएँगे!
किंतु किसी बिछुड़े साथी की
फिर भी याद रुलाएगी!

जाओ बीते वर्ष,
तुम्‍हारी बहुत याद तड़पाएगी!

रावेंद्रकुमार रवि

शनिवार, नवंबर 14, 2009

आज से "सरस पायस" पूरी तरह से बच्चों का



आज बाल-दिवस है!
आज से "सरस पायस" पूरी तरह
से बच्चों का है!
अब इस पर प्रकाशित होनेवाली समस्त सामग्री
बच्चों से ही संबंधित हुआ करेगी!
दुनिया के सभी बच्चों को सरस प्यार!
जिनके जन्म-दिन पर बाल-दिवस मनाया जाता है,
उनसे संबंधित एक कविता आप सबके लिए -
याद आपकी आती है

प्यारे-प्यारे नेहरू चाचा,
याद आपकी आती है !
दिल में खुशी हमारे भरकर
हम पर प्यार लुटाती है !!

जन्म-दिवस हर वर्ष आपका
हँस-हँस खूब मनाते हम !
अपने आँगन में गुलाब की
सुंदर पौध लगाते हम !!


फुलवारी में हर गुलाब की
हँसी आपकी सुनते हम !
साथ आपके खेल-कूद के
सुंदर सपने बुनते हम !!


हँस लें चाहे कितना भी, पर
कमी आपकी खलती है !
मन के कोमल कोने में जो
बनकर दर्द सिसकती है !!


रावेंद्रकुमार रवि

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मानक वर्तनी का ध्यान रखकर यूनिकोड लिपि (देवनागरी) में टंकित, पूर्णत: मौलिक, स्वसृजित, अप्रकाशित, अप्रसारित, संबंधित फ़ोटो/चित्रयुक्त व अन्यत्र विचाराधीन नहीं रचनाओं को प्रकाशन में प्राथमिकता दी जाती है।

रचनाकारों से अपेक्षा की जाती है कि वे "सरस पायस" पर प्रकाशनार्थ भेजी गई रचना को प्रकाशन से पूर्व या पश्चात अपने ब्लॉग पर प्रकाशित न करें और अन्यत्र कहीं भी प्रकाशित न करवाएँ! अन्यथा की स्थिति में रचना का प्रकाशन रोका जा सकता है और प्रकाशित रचना को हटाया जा सकता है!

पूर्व प्रकाशित रचनाएँ पसंद आने पर ही मँगाई जाती हैं!

"सरस पायस" बच्चों के लिए अंतरजाल पर प्रकाशित पूर्णत: अव्यावसायिक हिंदी साहित्यिक पत्रिका है। इस पर रचना प्रकाशन के लिए कोई धनराशि ली या दी नहीं जाती है।

अन्य किसी भी बात के लिए सीधे "सरस पायस" के संपादक से संपर्क किया जा सकता है।