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मंगलवार, अप्रैल 26, 2011

बच्चों की तरह किलकना : सरस चर्चा (३२)

आज सबसे पहले मिलते हैं पतंग पर सजे इन गणेश जी से, 
जिन्हें रंगों से सजाया है, मिहिर और मयंक ने! 


- लविज़ा का कहना है - 
गरमी बढ़ रही है और हम उससे बचने के उपाय कर रहे हैं! 
पर बेचारे पक्षी क्या करें? 
वे भी हमारे जीवन का एक हिस्सा हैं! 
उनके लिए दाना-पानी उपलब्ध कराना हमारी जिम्मेदारी है!

Save birds in this summer

नीचे देखिए, चुलबुल के इन दोस्तों ने क्या फैसला किया है!


ईस्टर के लिए चैतन्य ने यह सुंदर बास्केट तैयार की है!


पाखी अपने क्लास की मॉनीटर चुना गया है!


पंखुरी मिस ने तो पढ़ाना भी शुरू कर दिया है! 
इन मिस की क्लास कभी मिस मत करना!


अनुष्का की यह सुंदर चित्रकारी देखकर उसे बधाई देना मत भूलना! 
आज अनुष्का का जन्म-दिन जो है! पूरे चार साल की हो गई है!


अब पढ़िए नन्हे सुमन पर डॉ. रूपचंद्र शास्त्री मयंक द्वारा 
सुराही पर रची गई एक कविता!

पानी को ठंडा रखती है, मिट्टी से है बनी सुराही!


अंत में सरस पायस पर पढ़िए मेरा एक गीत!


मैं चाहूँ ख़ूब खेलना





मैं चाहूँ ख़ूब खेलना,
चिड़िया की तरह फुदकना!
इस फुदक रही चिड़िया के,
बच्चों की तरह किलकना!

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रावेंद्रकुमार रवि
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शनिवार, अप्रैल 23, 2011

मैं चाहूँ ख़ूब खेलना : रावेंद्रकुमार रवि का नया शिशुगीत


मैं चाहूँ ख़ूब खेलना




मैं गाऊँ एक तराना, 
ख़ुशियों की बात बताना!


मैं चाहूँ हर पल हँसना, 
फूलों की तरह महकना!
फूलों से बातें करती,
तितली के जैसे उड़ना!

मेरा मन है नन्हा-सा,
इसको मत कभी दुखाना!

मैं गाऊँ ... ... .


मैं चाहूँ ख़ूब खेलना,
चिड़िया की तरह फुदकना!
इस फुदक रही चिड़िया के,
बच्चों की तरह किलकना! 

मैं खेलूँ, फिर मुस्काऊँ,
मुझको मत कभी सताना!

मैं गाऊँ ... ... .

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रावेंद्रकुमार रवि
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(चित्र में हैं : विश्वबंधु)
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बुधवार, अप्रैल 20, 2011

चूहा नाचा : आरती के चित्र के साथ रवि की शिशुकविता

चूहा नाचा

चुहिया ने जब मटर खिलाई, 
चूहा नाचा ज़ोर से! 
बोला, "मैंने तो सीखा है, 
नाच सुहाना मोर से!"




आरती 
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शनिवार, अप्रैल 02, 2011

जीत गई लविज़ा : क्रिकेट विश्व कप २०११ हुआ हमारा



क्रिकेट विश्व कप २०११ हुआ हमारा!
Laviza Akbar

"इस बार का क्रिकेट विश्व कप तो लविज़ा ही जीतेगी!" 
मैंने तो पहले ही कह दिया था! 
धमाकेदार ख़बर यह है कि 
इस बार का क्रिकेट विश्व कप लविज़ा ही जीतेगी!

LavizaLavizaLaviza

लविज़ा जीत ही गई!
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सबको बधाई! 
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रावेंद्रकुमार रवि 

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