"सरस पायस" पर सभी अतिथियों का हार्दिक स्वागत है!

मंगलवार, मई 31, 2011

वंशिका माथुर की मनभावन रंजनाएँ



यशवंत माथुर द्वारा सरस पायस के लिए
एक बढ़िया उपहार भेजा गया है!


इस उपहार की रचना की है वंशिका माथुर ने!


कक्षा-४ की छात्रा वंशिका लखनऊ में रहती है!


इसके पापा और यशवंत के चाचा कंचन माथुर भी एक आर्टिस्ट हैं!


अपने पापा की प्रेरणा से वंशिका
इस क्षेत्र में बहुत अच्छा स्थान प्राप्त करने की इच्छा रखती हैं!


मेरी और सरस पायस की तरफ से 
वंशिका के लिए अनुपम शुभकामनाएँ!

♥ संपादक : सरस पायस ♥


रविवार, मई 29, 2011

वह ख़ुश होकर गाने लगी : सरस चर्चा (३४)

आज सबसे पहले देखते हैं नन्ही परी की रंजनाएँ!


रिमझिम को मिला एक मनभावन उपहार! 
वह ख़ुश होकर गाने लगी!


अब बारी है : पाखी की इस ड्राइँग की!


कुहू ने इस बार एक बहुत दर्द-भरी, पर 
बहुत अच्छी कहानी सुनाई है! 


चैतन्य को डायनासोरों से प्यार हो गया है!


यह देखिए चुलबुल की अनोखी मस्ती, अपने भाई के साथ!


पंखुरी की यह अनोखी मुस्कान आपको कैसी लग रही है?


आदित्य ने अपनी माँ के काम में हाथ बँटाना शुरू कर दिया है!


लविज़ा ने फ़ेसबुक पर १४ नए फ़ोटो लगाए हैं!


अंत में "सरस पायस" पर पढ़िए मेरा यह गीत!

टर्र-टर्र-टूँ-टर-टर-टर



देख रहा है टुकुर-टुकुर यह
कब बरसेगा पानी?
कब आएगी लड्डू लेकर
इसकी प्यारी नानी?
नानी से यह बात करेगा -
टर्र-टर्र-टूँ-टर-टर-टर!

रावेंद्रकुमार रवि

शुक्रवार, मई 27, 2011

कमल खिल रहा : रावेंद्रकुमार रवि का नया बालगीत

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अँधेरा घिरने लगा था!
आज हम फिर उसी पार्क में गए!
कमल-कुंज के पास पहुँचे,
तो हमारा मन ख़ुशियों से भरकर खिल उठा!
मेढकों के साथ-साथ दो खिलते हुए कमल
हमारा स्वागत कर रहे थे!
हम दोनों उनकी सुंदरता आपने साथ ले आए!
आप भी देखिए और ख़ुश होकर गुनगुनाइए यह गीत! 
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कमल खिल रहा 
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कमल खिल रहाकमल खिल रहा! 
कमल खिल रहा हँसता-गाता! 


इसकी मधु-मुस्कान देखकर
मन ख़ुशियों से भर-भर जाता! 
कमल खिल रहा हँसता-गाता! 


ज्यों-ज्यों बढ़ती रात सुहानी
इसका रूप निखरता जाता!
कमल खिल रहा हँसता-गाता! 


धवल चाँदनी इसे हँसाती
चंदा इसको गीत सुनाता!
कमल खिल रहा हँसता-गाता! 

 

इसके साथ खेलता मेढक
खेल-खेल में वह भी गाता! 
कमल खिल रहा हँसता-गाता! 


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रावेंद्रकुमार रवि 
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बुधवार, मई 25, 2011

टर्र-टर्र-टूँ-टर-टर-टर : रावेंद्रकुमार रवि का नया बालगीत


आजकल "सरस पायस" की छुट्टियाँ चल रही हैं!
वह मेरे साथ है! 
कल हम एक पार्क में घूमने गए! 
वहाँ बने कमल-कुंज में हमें एक मेढक मिला! 
उसने मुझसे ख़ूब प्यारे-प्यारे फ़ोटो खिंचवाए! 
फिर मैंने उसे पकड़ा, तो वह चूहे-जैसा अभिनय करने लगा! 
सरस पायस ने उसकी इस अदा को भी कैमरे में क़ैद कर लिय़ा! 
आज इन चित्रों को पुन: देखा, तो यह गीत रच गया! 
आप सब  भी इसे पढ़कर आनंद लीजिए!


टर्र-टर्र-टूँ-टर-टर-टर


कमल-कुंज के पत्तों में से
झाँक रहा मेढक हँसकर!


देख रहा है टुकुर-टुकुर यह
कब बरसेगा पानी?
कब आएगी लड्डू लेकर
इसकी प्यारी नानी?
नानी से यह बात करेगा -
टर्र-टर्र-टूँ-टर-टर-टर!


तबला बजा-बजा पत्तों का
छप-छप करके गाएगा!
फिसल-फिसलकर, तैर-तैरकर
मस्ती से भर जाएगा!
उछल-उछलकर दौड़ेगा, जब
पानी बरसेगा झर-झर!


रावेंद्रकुमार रवि

सोमवार, मई 23, 2011

हुआ प्यार से : रावेंद्रकुमार रवि की नई शिशुकविता

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हुआ प्यार से 
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एक टमाटर मोटा-मोटा, 
मोटे उसके गाल! 
खाने में है खट्टा-मीठा, 
हुआ प्यार से लाल! 
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रावेंद्रकुमार रवि
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शनिवार, मई 21, 2011

बढ़िया बहुत पसीना : रावेंद्रकुमार रवि का एक बालगीत


बढ़िया बहुत पसीना 

गरमी के मौसम में लगता, 
बढ़िया बहुत पसीना! 

जब शरीर का ताप बढ़े यह, 
निकल-निकलकर आए! 
धीरे-धीरे भाप बने, फिर 
शीतलता पहुँचाए! 

यह ना आए, तो हो जाए 
मुश्किल सबका जीना! 
गरमी के ... ... . 

रोमछिद्र में भरी गंदगी, 
यह बाहर ले आए! 
सदा त्वचा की रक्षा करता, 
त्वचा न फटने पाए! 

इसको छूकर गरम हवा भी, 
ठंडी हो जाए ना! 
गरमी के ... ... . 

अगर पसीना ना आए तो, 
त्वचा सूख जाती है! 
चढ़ती है दिमाग पर गरमी, 
रह-रह तड़पाती है! 

इसे बुलाने की ख़ातिर तुम, 
गट-गट पानी पीना! 
गरमी के ... ... .

गुरुवार, मई 19, 2011

मैं अपनी मम्मा से बहुत प्यार करती हूँ : सरस चर्चा (३३)

आज सबसे पहले देखते हैं रिमझिम द्वारा बनाया गया यह चित्र! 
इसे विशेष रूप से उसने अपनी प्यारी माँ के लिए बनाया है! 
क्योंकि वह अपनी मम्मा से बहुत प्यार करती है! 


और अब देखिए चैतन्य द्वारा दिखाया गया माँ का यह प्यार! 
अपने प्यारे बच्चे के लिए! 


और अब आदित्य की मस्ती, स्कूल के स्वीमिंग पूल में! 


मिलने और बिछुड़ने के बीच अनुष्का कुछ समझ नहीं पा रही है! 
फिलहाल ख़ुश है अपने दोस्तों के साथ!


आदित्य साहू अपने जन्म-दिन की तस्वीरें कुछ देर से दिखा पा रहा है!


अब पता करते हैं कि

सूरज को गुस्सा क्यों आता, 
क्यों इतनी गर्मी दिखलाता!


कुहू ने तो गर्मी की छुट्टियाँ शुरू होते ही बहुत कुछ कर डाला है! 
आप भी देखिए कुहू की प्यारी दुनिया और शुरू हो जाइए!


नन्हे सुमन इस बार लाए हैं एक प्यारी-सी कविता!


पेड़ों पर लीची हैं झूली।
बगिया में अमिया भी फूली।। 



इक प्यारी-सी कविता लिखी है! 
पाखी की नन्ही-प्यारी बहना तन्वी के लिए! 


नन्ही सी है तन्वी प्यारी,
करती है अब शैतानी!
कभी नाचती, कभी कूदती,
कभी खेलती है पानी!



. ... ... और लविज़ा ... ... . 
लविज़ा तो छुट्टियों में भी पढ़ाई कर रही है! 
यह देखकर आपको कैसा लग रहा है? 

Laviza
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♥♥ रावेंद्रकुमार रवि ♥♥
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सोमवार, मई 09, 2011

बस थोड़ा-सा पढ़ने दो : डॉ. मोहम्मद अरशद ख़ान का बालगीत

बस थोड़ा-सा पढ़ने दो


जो ना जानें लिखना-पढ़ना,
उन सबको अब क़लम पकड़कर,
नई सीढ़ियाँ चढ़ने दो।
बस, थोड़ा-सा पढ़ने दो। 


जो ना पढ़ पाए हैं पुस्तक,
जिन्हें नहीं है अक्षर-ज्ञान,
खेल न पाए खेल-खिलौने,
रूठी है जिनसे मुस्कान।
जिन हाथों में जूठे बर्तन,
उनको स्लेट पकड़ने दो।
बस, थोड़ा-सा पढ़ने दो।


जिन्हें न मिलता प्यार अनूठा,
जिन्हें न करते सभी दुलार,
जिनको क़िस्मत में मिलती है,
पग-पग पर कड़वी फटकार।
अब उनको भी अवसर देकर,
अपनी क़िस्मत गढ़ने दो।
बस, थोड़ा-सा पढ़ने दो।


ना जाने इनमें ही कोई,
छुपा हुआ हो मोती-लाल,
जो अपनी भारत माता का
ऊँचा कर सकता है भाल।
इनको इस अनंत अंबर में,
पंख खोलकर उड़ने दो।
बस, थोड़ा-सा पढ़ने दो।


डॉ. मोहम्मद अरशद ख़ान 
(सभी चित्र : गूगल खोज से साभार)

शनिवार, मई 07, 2011

प्यारी माँ की गोद में - रावेंद्रकुमार रवि की बालकविता

प्यारी माँ की गोद में


बच्चे हैं सच्चा सुख पाते,
प्यारी माँ की गोद में!

बच्चे किलक-किलक मुस्काते,
प्यारी माँ की गोद में!

बच्चे फूले नहीं समाते,
प्यारी माँ की गोद में!

बच्चे हैं ख़ुशबू बिखराते,
प्यारी माँ की गोद में!

बच्चे ख़ुश हो गीत सुनाते,
प्यारी माँ की गोद में!

बच्चे हँसकर हमें रिझाते,
प्यारी माँ की गोद में!

बच्चे मीठे स्वप्न सजाते,
प्यारी माँ की गोद में!

रावेंद्रकुमार रवि

सोमवार, मई 02, 2011

मीठी-मीठी बात : रावेंद्रकुमार रवि की शिशुकविता


मेरे जन्म-दिवस पर 
दुनिया के सभी बच्चों के लिए 
मेरी तरफ से बहुत-सी शुभकामनाएँ, 
मेरी इस मीठी-मीठी सरस कविता के साथ!

मीठी-मीठी बात

मेरी माँ ने 
मुझे खिलाई - 
मीठी पूरी 
और दही !

उसके बाद 
कान में मेरे 
मीठी-मीठी 
बात कही --

वे बच्चे 
मीठे होते हैं, 
जो बोलें 
मीठी बोली ! 

मेरा फोटो

रावेंद्रकुमार रवि
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