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सोमवार, अप्रैल 05, 2010

मेरे मन को भाई : सलोनी राजपूत का पहला शिशुगीत




मेरे मन को भाई!

रंग-बिरंगे पंखोंवाली
तितली उड़कर आई!
मेरे मन को भाई!

देखा सुंदर फूल जहाँ पर,
अपनी सूँड़ उठाई!
चूसा उसका रस मीठा फिर,
धीरे से मुस्काई!
मेरे मन को भाई!

मैंने सोचा पकड़ूँ इसको,
मगर हाथ ना आई!
इधर उड़ी फिर उधर उड़ी वह,
उसने रेस लगाई!
मेरे मन को भाई!

सलोनी राजपूत
--
कक्षा - :डॉ. सुदामा प्रसाद बाल विद्या मंदिर
कन्या इंटर कॉलेज, शाहजहाँपुर (.प्र.)

29 टिप्‍पणियां:

संजय भास्‍कर ने कहा…

bahut sunder kavita hai...

दीनदयाल शर्मा ने कहा…

सलोनी ने तो कमाल कर दिया बिलकुल नये अंदाज में..तितली पर बहुत प्यारी कविता लिखी है...बधाई.

Jandunia ने कहा…

बहुत सुंदर शिशुगीत

राज भाटिय़ा ने कहा…

बहुत सुंदर कविता जी सालोनी बेटी को हमारा बहुत बहुत प्यार

Randhir Singh Suman ने कहा…

nice

मनोज कुमार ने कहा…

विषय को कलात्‍मक ढंग से प्रस्तुत करती बड़ी प्यारी रचना है ।

डॉ टी एस दराल ने कहा…

छोटी सी उम्र में बड़ी प्यारी कविता लिखी है सलोनी ने ।

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

सलोनी बिटिया की सलोनी सी कविता ...मन को बहुत भाई....

सलोनी को बहुत सा स्नेह और शुभकामनायें

दिव्य नर्मदा divya narmada ने कहा…

रंग-बिरंगे पंखोंवाली
तितली उड़कर आई!
मेरे मन को भाई!

नाम सलोनी जिस तितली का
कविता खूब बनाई,
मेरे मन को भाई!

छपी सरस पायस में कविता.
शाबाशी भी पाई.
मेरे मन को भाई!

'सलिल' कीर्ति-यश मिले बहुत सा
सबसे मिले बडाई.
मेरे मन को भाई!

रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…

आचार्य जी,
आपके इस पावन आशीष से
सलोनी और सरस पायस
के साथ-साथ मैं भी धन्य हो गया!
--
हम सबकी तरफ से
आपके लिए हार्दिक शुभकामनाएँ!

Udan Tashtari ने कहा…

शाबास!! बहुत अच्छा लिखा है, बधाई. और लिखती रहो!!

ज्योति सिंह ने कहा…

itni nanhi si umra me itni khoobsurat rachna ,badhai ho bitiya rani ko .

nilesh mathur ने कहा…

सलोनी कि कविता बहुत ही अच्छी लगी !

कविता रावत ने कहा…

रंग-बिरंगे पंखोंवाली
तितली उड़कर आई!
मेरे मन को भाई!
Sundar baal kavita .......
Saloni ko dher saara pyar..... aur aapko baal bhawanon kee prastutikaran ke liye bahut shubhkamnayne....

माधव( Madhav) ने कहा…

सर , दिल्ली में तितलियाँ तो दिखती ही नहीं ? बहुत अफ़सोस होता है , पर आपकी कविता से ही तितली का अहसास हो जाता है

siddheshwar singh ने कहा…

अच्छी कविता !
अच्छी अभिव्यक्ति !

रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…

माधव बेटा,
यह गीत तुम्हारे लिए
सलोनी दीदी ने रचा है,
जो अब 11 साल की होनेवाली है!
--
तुम अपने यहाँ
कुछ फूलोंवाले पौधे लगाओ!
--
फिर देखना -
तितली रानी ज़रूर आएँगी
और तुमको
अपनी मीठी मुस्कान से
ज़रूर रिझाएँगी!

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

सुन्दर पंखों वाली तितली
मेरे घर भी आई!

जिसे देख कर नन्ही प्राची
खुश होकर मुस्काई!

शुभ-आशीष तुम्हें देते हम,
गीत रचो तुम मन के,

नाम सलोनी, गीत सलोना,
रचना खूब बनाई!

रविंद्र "रवी" ने कहा…

मेरे मन को भाई! ह भाई यः कवीता मेरे मन को भाई!!! बहुत खूब!

रविंद्र "रवी" ने कहा…

मेरे मन को भाई! हा भाई यह कवीता मेरे मन को भाई. बहुत खूब!!बहुत सुंदर.

Chandan Kumar Jha ने कहा…

यह कविता मेरे मन को भी बहुत भाई !!!

सलोनी ने बहुत ही सुन्दर कविता रची है । बधाई

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

मैंने सोचा पकड़ूँ इसको,
मगर हाथ ना आई!
इधर उड़ी फिर उधर उड़ी वह,
उसने रेस लगाई!
मेरे मन को भाई!
...बहुत बढ़िया दीदी..आपकी अन्य कविताओं का भी इंतजार रहेगा. रवि अंकल तो हम बच्चों की रचनाओं को खूब तराशकर प्रस्तुत करते हैं...

_________________________
'पाखी की दुनिया' में जरुर देखें-'पाखी की हैवलॉक द्वीप यात्रा' और हाँ आपके कमेंट के बिना तो मेरी यात्रा अधूरी ही कही जाएगी !!

आदेश कुमार पंकज ने कहा…

सुंदर बागों को देख ,तुरत तितली रानी मुस्काई
फूलों की खुशबू पाकर यह मन ही मन हरषाई
बहुत सुंदर बल कविता
हमारी ओर से सलोनी राजपूत को बहुत - बहुत बधाई ओर रवि जी को बहुत - बहुत धन्यवाद

रचना दीक्षित ने कहा…

वाह बिटिया रानी वाह वाह बहुत ही मन भावन ह्रदयस्पर्शी गीत है
आभार

kunwarji's ने कहा…

"शाबास!! बहुत अच्छा लिखा है, बधाई. और लिखती रहो!!"

sahi hai..

kunwar ji,

पूनम श्रीवास्तव ने कहा…

badhya hi sundar pyra geet likha hai aapnto is सुन्दर पंखों वाली तितली
मेरे घर भी आई!

जिसे देख कर नन्ही प्राची
खुश होकर मुस्काई!

शुभ-आशीष तुम्हें देते हम,
गीत रचो तुम मन के,

नाम सलोनी, गीत सलोना,
रचना खूब बनाई! si rachna ke liye app b adhai ki patra hai

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

पूनम जी!
आपकी टिप्पणी पढ़कर धन्य हुआ!
..
मगर आपने तो मेरी टिप्पणी की प्रशंसा इसमें की है!
--
बहुत खूब!
रचना गौण!
टिप्पणी प्रमुख!

Akanksha Yadav ने कहा…

सुन्दर भावाभिव्यक्ति...बेहतरीन प्रस्तुति..बधाई.

*********************
"शब्द-शिखर" के एक साथ दो शतक पूरे !!

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" ने कहा…

इतनी छोटी सी उम्र में इतनी सुन्दर रचना ! सच में सलोनी बहुत अच्छी लिखती है ! इसी तरह लिखती रहोगी तो यकीनन आगे चलकर एक बेहतरीन लेखिका बनपाओगी !

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