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16 टिप्पणियां:
बहुत सुंदर बाल गीत है
कवि को बहुत - बहुत बधाई
गुड़िया रानी बहुत सयानी,
करती हो कितनी शैतानी!
टॉफी इसको सबसे प्यारी,
छीन झपट खा लेती सारी!!
सुनती ढेरों बाल-कहानी!!
.. ..
संगीता जी का यह बालगीत बहुत प्यारा है!
सरस पायस पर प्रकाशित करने के लिए बधाई!
बोलो मेरी गुड़िया रानी....शिशु गीत के तीनों अंतरे गजब...संगीता स्वरूप को हार्दिक बधाई. दीनदयाल शर्मा
अति सुंदर बाल गीत है, चित्र भी बहुत सुंदर
बिटिया को बहुत बहुत प्यार
अति सुंदर बाल गीत है, चित्र भी बहुत सुंदर
wow achi rachan he
aap ko badhai
बोलो, मेरी गुड़िया रानी!
shekhar kumawat
http://kavyawani.blogspot.com/
जितना सुन्दर गीत उतनी ही सुन्दर बिटिया. बधाई.
nice
बहुत ही सुन्दर शिशु कविता । संगीता जी को बधाई
बाल गीत को सराहने के लिए सभी पाठकों का शुक्रिया..
शास्त्री जी की पंक्तियाँ बहुत हौसला प्रदान करने वाली हैं
रावेंद्र जी का आभार इस बालगीत को सरस पायस पर स्थान देने के लिए...कशिश गुडिया बहुत प्यारी है..:)
बहुत बढ़िया !
मैनें नहीं तुमनें जिद्द ठानी
कहती हो मुझे झूठ कहानी
कहां बिस्किट टाफ़ी औ मिठाई
केक न देता कहीं दिखाई
न शरबत न कोकाकोला
जलजीरा कहां तुमने घोला
नींबु पानी भी न लाई
बातें बडी-बडी सुनाई
सुबह से खाली मेरा पेट
खेलना मेरा कर दिया लेट
अच्छा अब एक चाक्लेट देदो
बस थोडी सी मैगी देदो
चाक्लेट मिल्क भी मुझको भाता
पर तुमको कुछ समझ न आता
जल्दी करो वर्ना रो दूंगी
साथ में लेअस , कुरकुरे लूंगी
झूठा मुझको न ललचाओ
भूख लगी सब जलदी लाओ
बहुत ही प्यारी कविता के लिए बधाई
वाह, सीमा जी आपने तो कमाल ही कर दिया....बहुत सुन्दर ,
सर आपने चर्चा मंच पर मेरे बारे में लिखा , मुझे बहुत खुशी हुई , आप ने हमारी मुस्कान के बारे में लिखा , मै आपके बारे में कहता हूँ आप की मुस्कान भी ब्लॉग जगत में सबसे अच्छी है . आपका स्नेह मुझे मिलता रहे , इसी आशा से धन्यवाद !
जल्दी कुछ खाने को ले लो,
संग साथियों के फिर खेलो!
क्यों गुस्सा होने की ठानी?
बोलो, मेरी गुड़िया रानी!
baal hath me adbhut aanand ka vaas hota hai ,aur bholapan bhi ,bachcho ka vishesh hathiyaar hai baat manvane ka .
बोलो, मेरी गुड़िया रानी! क्यो करती इतनी शैतानी मुझे याद आती है नानी! बहुत सुंदर रचना!
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