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रविवार, अक्तूबर 24, 2010

जन्म-दिन की मनमोहक मुस्कान : सरस चर्चा (18)

इस बार की सरस चर्चा कुछ सरस मुस्कानों से शुरू करते हैं!

रिमझिम का चेहरा बता रहा है कि
जन्म-दिन मनाने की ख़ुशी कितनी मनमोहक होती है!


इस बार मुझे एक बहुत मज़ेदार दोस्त मिली है!
इसे सब प्यार से बुलबुल कहकर बुलाते हैं!
ज़रा अनुमान लगाकर देखिए कि
यह कौन-से ओलंपिक की तैयारी कर रही है!


अनुष्का को देखिए : नए परिधान में कितनी सुंदर लग रही है!
वह डाँडिया रास रचाने जा रही है! क्या आप भी चलेंगे?


एक बात और बताऊँ? अन्नप्राशन के बाद अनुष्का ने क्या कहा था?
कहा था : मैया मोरी, मैं नहिं माखन खायो!


चैतन्य करेलों को चूहा बनाकर कितना ख़ुश हो रहा है!


माधव के संजीव अंकल दिखा रहे हैं
लाहुलस्पीती (हिमाचल प्रदेश) के काज़ा गाँव के कुछ मनोहारी दृश्य!


नन्हे सुमन पर डॉ. रूपचंद्र शास्त्री मयंक की संदेश देती कविता पढ़िए -
नीला नभ इनका संसार। तोते उड़ते पंख पसार।।

Parrot-BN_MR7817-w

मेरी चुनरिया मलमल की, फिर क्यों न फिरूँ झलकी-झलकी!
नन्ही परी इशिता नृत्य करके अपना पसंदीदा गीत सुना रही है!


कितनी मासूम लग रही है हमारी बेटी?
पूछ रहे हैं पंखुरी के पापा!


पाखी को याद आ गईं पिछले साल की बातें!
जब पुजारी जी ने उसे एक नहीं दो-दो चुनरियाँ उढ़ाकर
गले में माला डाली और ढेर सारा प्रसाद दिया!


चुलबुल के द्वारा बनाया गया सुंदर चित्र देखिए!
इसमें चुलबुल की माँ कपड़े धो रही हैं
और चुलबुल घूमने जाने को बेक़रार है!


आराम के इस मामले को भी देख लीजिए!


यह भी देखिए कि इस आरामतलब ने इस बार क्या बनाया है!


"सरस पायस" इस बार मिलवा रहा है आपको एक नन्हे ग़ज़लकार से!

पंख नहीं होते हैं फिर भी,
आसमान की परी पतंग।

सृजन पांडेय


- और अंत में पढ़िए मेरी एक मीठी कविता -

मैं हूँ मधुमक्खी मस्तानी,
सदा करूँ अपनी मनमानी!
फूल-फूल पर फिरूँ महकती,
बनकर मैं फूलों की रानी!

शहर वाली मधुमक्खी का शहद स्वादिष्ट

रावेंद्रकुमार रवि
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10 टिप्‍पणियां:

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

बड़ी सुंदर चर्चा है सभी नन्हें प्यारे बच्चो की..... चैतन्य को शामिल करने के लिए
आभार

रानीविशाल ने कहा…

वाह ! क्या बात है मेरे सारे प्यारे दोस्तों की गोष्ठी सजी है यहाँ :)
धन्यवाद मामासाब
अनुष्का

Chaitanyaa Sharma ने कहा…

प्यारी चर्चा ... थैंक यू रवि अंकल

Saba Akbar ने कहा…

बहुत सुन्दर चर्चा... स्पर्श की क्रियेटिविटी तो कमाल की है...

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

अरे वाह!
मधुमक्खी का चित्र भी मिल गया!
चलो कहीं उपयोग कर लेंगे!
--
आपने सरस चर्चा बहुत मन से की है!

राज भाटिय़ा ने कहा…

बहुत सुंदर चर्चा बच्चो की जी, फ़ित्र भी एक से बढ कर एक

Coral ने कहा…

बहुत सुन्दर चर्चा !

रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…

मेल से प्राप्त संदेश -

भाई साहिब,
BHAI SAHIB,
आज तो आपने जान निकाल दी।
AAJ TO AAPNE JAAN NIKAL DI.
काश पंख होते और आपको आ कर मिलता
KASH PANKH HOTE AUR AAPKO AA KAR MILTA
और इन बच्चों के प्यार से
AUR EN BACHCHHO KE PYAR SE
और अधिक सराबोर हो सकता।
AUR ADHIK AROBAR HO SAKTA.
सभी को मेरी ओर से शुभ आशीष
SABHI KI MERI AUR SE SHUBH AHSISH
बस यूँ ही जुड़े रहना।
BAS U HI JUDE RAHNA.
एक बार फिर मेरा आशीष बच्चों को देना
ONCE AGAIN GIVE MY BLESSING TO KIDS
आपका
YOUR
रमेश सचदेव (प्रधानाचार्य)
RAMESH SACHDEVA (Principal)
एच पी एस सीनियर सेकंडरी स्कूल,
HPS SENIOR SECONDARY SCHOOL,
शेरगढ़ (एम. डबवाली) - १२५१०४
SHERGARH (M.DABWALI)-125104
जिला - सिरसा (हरियाणा) - भारत
DIST. SIRSA (HARYANA) - INDIA

माधव( Madhav) ने कहा…

बड़ी सुंदर चर्चा है

Udan Tashtari ने कहा…

मोहक चर्चा...बच्चों का संसार.

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