"सरस पायस" पर सभी अतिथियों का हार्दिक स्वागत है!

मंगलवार, अप्रैल 20, 2010

आई परीक्षा, मत घबराओ : विश्वबंधु की एक बालकविता

आई परीक्षा, मत घबराओ : विश्वबंधु की एक बालकविता

आई परीक्षा मत घबराओ,
पढ़ने में तुम मन लगाओ।

आई परीक्षा मेहनत करो तुम,
अच्छे बच्चे बनकर रहो तुम।

ख़ूब पढ़कर
तुम सच्चे बनोगे,
मेहनत कर
तुम अच्छे बनोगे।

आई परीक्षा ख़ूब पढ़ो तुम,
पढ़-लिखकर आगे बढ़ो तुम।

♥ (( विश्वबंधु )) ♥♥

15 टिप्‍पणियां:

माधव( Madhav) ने कहा…

बढ़िया है

मनोज कुमार ने कहा…

बहुत बढिया।

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

बहुत सुन्दर कविता...!!

________________
'पाखी की दुनिया' में इस बार माउन्ट हैरियट की सैर करना न भूलें !!

राज भाटिय़ा ने कहा…

बहुत सुंदर बाल कविता.
धन्यवाद

संजय भास्‍कर ने कहा…

बहुत सुन्दर कविता...!!

nilesh mathur ने कहा…

विश्वबंधु, बहुत अच्छी लगी आपकी कविता, ऐसे ही लिखते रहो, शुभकामना

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत अच्छा संदेश दिया और बहुत अच्छी कविता.

डॉ. देशबंधु शाहजहाँपुरी ने कहा…

ishwar vishwabandhu ko isi tarah aage barne ke liye prerit karta rahe..meri shubhkamnae aur aasheerwad...

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बहुत बढ़िया सन्देश देती हुई अच्छी कविता....विश्वबंधु को शुभकामनायें

Shri"helping nature" ने कहा…

aap aise hi lko hm aapke saath hai

दीनदयाल शर्मा ने कहा…

बाल कवि विश्व बन्धु की कविता ने बेहद प्रभावित किया...दूसरी कक्षा का बालक बहुत बड़ी समझ रखता है...बधाई...
मेरी तरफ से बाल कवि को कुछ पंक्तियाँ...
आई परीक्षा ना घबराएँ..
पढ़ने में हम मन लगाएँ.

पढ़ कर हम सच्चे बनेंगे,
मेहनत कर हम अच्छे बनेंगे.

बहुत मेहनत करेंगे हम,
पढ़ लिख आगे बढ़ेंगे हम.

रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…

"विश्वबंधु" को
शाबाशी देकर उनका मनोबल
बढ़ाने के लिए
सभी सुधी टिप्पणीकारों का आभार!

डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumar ने कहा…

Bahut sundar aur sandeshparak balgeet hai yah.Vishva Bandhu jee ko hardik badhai.

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

कित्ती प्यारी बाल-कविता..अच्छा लगा.

************
'पाखी की दुनिया में' पुरानी पुस्तकें रद्दी में नहीं बेचें, उनकी जरुरत है किसी को !

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

प्रतिदिन नित्य नियम से पढ़ना,
अगर सफलता को है पाना!
सभी विषय ढंग से दुहराना,
नही परीक्षा से घबड़ाना!

Related Posts with Thumbnails

"सरस पायस" पर प्रकाशित रचनाएँ ई-मेल द्वारा पढ़ने के लिए

नीचे बने आयत में अपना ई-मेल पता भरकर

Subscribe पर क्लिक् कीजिए

प्रेषक : FeedBurner

नियमावली : कोई भी भेज सकता है, "सरस पायस" पर प्रकाशनार्थ रचनाएँ!

"सरस पायस" के अनुरूप बनाने के लिए प्रकाशनार्थ स्वीकृत रचनाओं में आवश्यक संपादन किया जा सकता है। रचना का शीर्षक भी बदला जा सकता है। ये परिवर्तन समूह : "आओ, मन का गीत रचें" के माध्यम से भी किए जाते हैं!

प्रकाशित/प्रकाश्य रचना की सूचना अविलंब संबंधित ईमेल पते पर भेज दी जाती है।

मानक वर्तनी का ध्यान रखकर यूनिकोड लिपि (देवनागरी) में टंकित, पूर्णत: मौलिक, स्वसृजित, अप्रकाशित, अप्रसारित, संबंधित फ़ोटो/चित्रयुक्त व अन्यत्र विचाराधीन नहीं रचनाओं को प्रकाशन में प्राथमिकता दी जाती है।

रचनाकारों से अपेक्षा की जाती है कि वे "सरस पायस" पर प्रकाशनार्थ भेजी गई रचना को प्रकाशन से पूर्व या पश्चात अपने ब्लॉग पर प्रकाशित न करें और अन्यत्र कहीं भी प्रकाशित न करवाएँ! अन्यथा की स्थिति में रचना का प्रकाशन रोका जा सकता है और प्रकाशित रचना को हटाया जा सकता है!

पूर्व प्रकाशित रचनाएँ पसंद आने पर ही मँगाई जाती हैं!

"सरस पायस" बच्चों के लिए अंतरजाल पर प्रकाशित पूर्णत: अव्यावसायिक हिंदी साहित्यिक पत्रिका है। इस पर रचना प्रकाशन के लिए कोई धनराशि ली या दी नहीं जाती है।

अन्य किसी भी बात के लिए सीधे "सरस पायस" के संपादक से संपर्क किया जा सकता है।

आवृत्ति