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9 टिप्पणियां:
बिल्लू की कविता और फोटो मजेदार है....
बहुत प्यारा है बिल्ली का बच्चा!
दूध-मलाई खाकर यह जल्दी ही हृष्ट-पुष्ट हो जाएगा!
--
बहुत बढ़िया शिशुगीत!
प्यारा शिशुगीत...
bahut sundar
sundar
बहुत बढ़िया शिशुगीत!
रवि जी मैं भी सुनाना चाहूँगा एक कविता :
.
रोज़
स्याह बिल्ली
काटती है
– रास्ता.
सोचता हूँ
मैं भी गुज़र जाऊँ
उसके रास्ते से
— देखूँ... हुवेगा क्या?
मगर
दो मासूम बच्चे
देख उसके
सोचता हूँ – 'अभी नहीं'.
.
ravendra ji
pyari si billi ke jaisi aapka yah
bal geet bhi bahut hi pyara laga.
bachho ko bhi achhi lagi
dhanyvaad
poonam
बहुत प्यारा-गीत भी और बिल्ली का बच्चा भी...
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