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शुक्रवार, अक्तूबर 21, 2011

ऐसे, ऐसे, ऐसे ... ... ... : रावेंद्रकुमार रवि का बालगीत


ऐसे, ऐसे, ऐसे ... ... ...


दीवाली पर दीप जले कुछ ऐसे, ऐसे, ऐसे ... ... ...
मम्मी की गोदी में छोटा भइया पलता जैसे!

दीवाली पर हँसी फुलझड़ी ऐसे, ऐसे, ऐसे ... ... ...
पापा के काले चश्मे में सूरज चमके जैसे!

दीवाली पर बम छूटे कुछ ऐसे, ऐसे, ऐसे ... ... ...
मन में मीठी बूँदीवाले लड्डू फूटें जैसे!

दीवाली पर रॉकेट भागा ऐसे, ऐसे, ऐसे ... ... ...
बिल्ली से डर मोटा-मोटा चूहा भागे जैसे!

दीवाली पर खिली खील कुछ ऐसे, ऐसे, ऐसे ... ... ...
दिल में ख़ुशबूवाला फूल ख़ुशी का फूले जैसे!

दीवाली पर मची गुदगुदी ऐसे, ऐसे, ऐसे ... ... ...
लहर सरसती उठ-उठ गिर-गिर किसी नदी में जैसे!

दीवाली पर महक उड़ी कुछ ऐसे, ऐसे, ऐसे ... ... ...
छुट्टी हो तो दौड़ लगाकर बच्चे भागें जैसे!

दीवाली पर चकई नाची ऐसे, ऐसे, ऐसे ... ... ...
गुटरूँगूँकर चक्कर काट कबूतर नाचे जैसे!



रावेंद्रकुमार रवि

10 टिप्‍पणियां:

संगीता पुरी ने कहा…

बहुत खूब ..

विभूति" ने कहा…

बहुत ही सुन्दर... शुभ दीपावली.....

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') ने कहा…

दीवाली पर दीप जले कुछ ऐसे, ऐसे, ऐसे ... ... ...
मम्मी की गोदी में छोटा भइया पलता जैसे!

बहुत खुबसूरत भाव रवि जी,
सुन्दर बाल गीत,
आपको सपरिवार दीप पर्व की सादर शुभकामनाएं....

चंदन ने कहा…

बहुत हि सुन्दर!
दीवाली कि हार्दिक शुभकामनायें!

Chaitanyaa Sharma ने कहा…

बहुत सुंदर .....शुभकमनाएं आपको...

रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…

"Ashnoor Kaur, Shobha Somnath Ki, Jhansi ki Prachi is looking very beautiful."

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

सुन्दर रचना!
आपको और आपके पूरे परिवार को दीपावली, गोवर्धनपूजा और भइयादूज की शुभकामनाएं!

purnima ने कहा…

bhut sunder ......
pic vry beautiful ....

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार ने कहा…



वाऽऽह !
सुंदर बाल गीत है … रावेन्द्र जी

अच्छा लगा …

अरुण चन्द्र रॉय ने कहा…

बहुत खूब

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