"सरस पायस" पर सभी अतिथियों का हार्दिक स्वागत है!

रविवार, जनवरी 23, 2011

गुब्बारे में बैठे-बैठे : सरस चर्चा (२६)

लविज़ा ने इस बार एक अनोखे अंदाज़ में पतंग उड़ाई!

Laviza

पर नन्ही परी इशिता ने कैसे उड़ाई होगी यह नन्ही-सी पतंग?



पाखी की दुनिया में एक अच्छी-सी कविता छपी है!

पाखी बिटिया हँसती है जब, 
दुनिया भी हँसने लग जाती। 
फूलों की बरखा हो जाती, 
धरती ख़ुशियों से भर जाती।

सलोनी रूपम के इस सलोने चित्र के साथ 
डॉ. नागेश पांडेय संजय ने अपने ब्लॉग अभिनव सृजन पर 
अपनी एक सलोनी कविता प्रकाशित की है! 
बादल भैया! बादल भैया!
मैं छोटी सी बच्ची हूँ।
नहीं किसी से झगड़ा करती,
सब कहते-‘‘मैं अच्छी हूँ।’’


सलोनी की एक गुड़िया भी है! 
उसे इस गुड़िया की शादी करनी है! 
इस ख़ुशी में चैतन्य अपने गिटार से एक मधुर धुन सुनाने जा रहा है!


इधर माधव अपने जन्म-दिन पर यह उपहार पाकर ख़ुश है!


उधर अनुष्का अपने डोरा स्कूटर की सवारी करके ख़ुश है! 



बाल-दुनिया में छब्बीस जनवरी पर वीरता पुरस्कार पानेवाले 
भारत के बहादुर बच्चों के बारे में जानकारी दी गई है!


और ज़रा यहाँ देखिए कि क्या हो रहा है!


अब पढ़ते हैं "सरस पायस" पर प्रकाशित यह मनभावन गीत! 
----------------------------------------------------- 
गुब्बारे में बैठे-बैठे 
-----------------------------------------------------


उड़ा जा रहा आसमान में
रंग-रँगीला गुब्बारा!
गुब्बारे में बैठे-बैठे
मैंने देखा जग सारा!
-----------------------------------------------------
सलोनी राजपूत 
-----------------------------------------------------

अंत में चलते-चलते एक प्यारी-सी मुस्कान चाहिए! 
लविज़ा को आपकी अच्छी-सी तस्वीर लेनी है! 

Laviza
-------------------------------------------------------------------------------
रावेंद्रकुमार रवि
-------------------------------------------------------------------------------

9 टिप्‍पणियां:

डॉ. नागेश पांडेय संजय ने कहा…

सरस चर्चा एक जागरूक संपादक का प्रेरक आयोजन है . पठन-पाठन की द्रष्टि से रुचिवद्ध एवं उत्साही पाठको के लिए आपका यह उपकार सदैव स्वागत योग्य है . बधाई .

सरस पायस की चर्चा यहाँ भी देखिए -

http://baal-mandir.blogspot.com/

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

बहुत सुंदर सरस चर्चा....

Shubham Jain ने कहा…

bahut sundar charcha...

माधव( Madhav) ने कहा…

बहुत सुंदर सरस चर्चा.

बेनामी ने कहा…

बहुत बढ़िया रही बच्चों के ब्लॉगों की चर्चा!

राज भाटिय़ा ने कहा…

बहुत सुंदर लगा जी आज बच्चो का संसार, धन्यवाद

Chaitanyaa Sharma ने कहा…

सुंदर चर्चा ....मुझे शामिल करने के लिए ..... थैंक यू

बेनामी ने कहा…

डॉ. नागेश पांडेय "संजय" से १००% सहमत...

रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…

शुक्रिया, सैयद साहब!
मेल से भी आपका महत्त्वपूर्ण संदेश मिला था --

वाह !.. आपका लाजवाब प्रस्तुतीकरण इन बच्चों को और भी खूबसूरत बनाता है...

शुक्रिया..

Related Posts with Thumbnails

"सरस पायस" पर प्रकाशित रचनाएँ ई-मेल द्वारा पढ़ने के लिए

नीचे बने आयत में अपना ई-मेल पता भरकर

Subscribe पर क्लिक् कीजिए

प्रेषक : FeedBurner

नियमावली : कोई भी भेज सकता है, "सरस पायस" पर प्रकाशनार्थ रचनाएँ!

"सरस पायस" के अनुरूप बनाने के लिए प्रकाशनार्थ स्वीकृत रचनाओं में आवश्यक संपादन किया जा सकता है। रचना का शीर्षक भी बदला जा सकता है। ये परिवर्तन समूह : "आओ, मन का गीत रचें" के माध्यम से भी किए जाते हैं!

प्रकाशित/प्रकाश्य रचना की सूचना अविलंब संबंधित ईमेल पते पर भेज दी जाती है।

मानक वर्तनी का ध्यान रखकर यूनिकोड लिपि (देवनागरी) में टंकित, पूर्णत: मौलिक, स्वसृजित, अप्रकाशित, अप्रसारित, संबंधित फ़ोटो/चित्रयुक्त व अन्यत्र विचाराधीन नहीं रचनाओं को प्रकाशन में प्राथमिकता दी जाती है।

रचनाकारों से अपेक्षा की जाती है कि वे "सरस पायस" पर प्रकाशनार्थ भेजी गई रचना को प्रकाशन से पूर्व या पश्चात अपने ब्लॉग पर प्रकाशित न करें और अन्यत्र कहीं भी प्रकाशित न करवाएँ! अन्यथा की स्थिति में रचना का प्रकाशन रोका जा सकता है और प्रकाशित रचना को हटाया जा सकता है!

पूर्व प्रकाशित रचनाएँ पसंद आने पर ही मँगाई जाती हैं!

"सरस पायस" बच्चों के लिए अंतरजाल पर प्रकाशित पूर्णत: अव्यावसायिक हिंदी साहित्यिक पत्रिका है। इस पर रचना प्रकाशन के लिए कोई धनराशि ली या दी नहीं जाती है।

अन्य किसी भी बात के लिए सीधे "सरस पायस" के संपादक से संपर्क किया जा सकता है।

आवृत्ति