"सरस पायस" पर सभी अतिथियों का हार्दिक स्वागत है!

बुधवार, जनवरी 19, 2011

आओ पास, तुम्हें नहलाऊँ : चंद्रमोहन दिनेश

-----------------------------------------------------------------------------
आओ पास, तुम्हें नहलाऊँ
-----------------------------------------------------------------------------
-----------------------------------------------------------------------------
सुअर, सुअर, ओ मेरे भइया!
चले झूमते भरी तलइया!

कितने गंदे रहते हो तुम!
साफ़ नहीं क्यों रहते हो तुम?

आओ पास, तुम्हें नहलाऊँ!
तुमको अपने साथ खिलाऊँ! 
-----------------------------------------------------------------------------

       
-----------------------------------------------------------------------------
चंद्रमोहन दिनेश 
-----------------------------------------------------------------------------
सुअरों के चित्र : गूगल सर्च से साभार
-----------------------------------------------------------------------------

2 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

बहुत बढ़िया बालगीत!
कोई तो मिला जो सूअर को भइया कह सके!

राज भाटिय़ा ने कहा…

भाई हो तो ऎसा :)

Related Posts with Thumbnails

"सरस पायस" पर प्रकाशित रचनाएँ ई-मेल द्वारा पढ़ने के लिए

नीचे बने आयत में अपना ई-मेल पता भरकर

Subscribe पर क्लिक् कीजिए

प्रेषक : FeedBurner

नियमावली : कोई भी भेज सकता है, "सरस पायस" पर प्रकाशनार्थ रचनाएँ!

"सरस पायस" के अनुरूप बनाने के लिए प्रकाशनार्थ स्वीकृत रचनाओं में आवश्यक संपादन किया जा सकता है। रचना का शीर्षक भी बदला जा सकता है। ये परिवर्तन समूह : "आओ, मन का गीत रचें" के माध्यम से भी किए जाते हैं!

प्रकाशित/प्रकाश्य रचना की सूचना अविलंब संबंधित ईमेल पते पर भेज दी जाती है।

मानक वर्तनी का ध्यान रखकर यूनिकोड लिपि (देवनागरी) में टंकित, पूर्णत: मौलिक, स्वसृजित, अप्रकाशित, अप्रसारित, संबंधित फ़ोटो/चित्रयुक्त व अन्यत्र विचाराधीन नहीं रचनाओं को प्रकाशन में प्राथमिकता दी जाती है।

रचनाकारों से अपेक्षा की जाती है कि वे "सरस पायस" पर प्रकाशनार्थ भेजी गई रचना को प्रकाशन से पूर्व या पश्चात अपने ब्लॉग पर प्रकाशित न करें और अन्यत्र कहीं भी प्रकाशित न करवाएँ! अन्यथा की स्थिति में रचना का प्रकाशन रोका जा सकता है और प्रकाशित रचना को हटाया जा सकता है!

पूर्व प्रकाशित रचनाएँ पसंद आने पर ही मँगाई जाती हैं!

"सरस पायस" बच्चों के लिए अंतरजाल पर प्रकाशित पूर्णत: अव्यावसायिक हिंदी साहित्यिक पत्रिका है। इस पर रचना प्रकाशन के लिए कोई धनराशि ली या दी नहीं जाती है।

अन्य किसी भी बात के लिए सीधे "सरस पायस" के संपादक से संपर्क किया जा सकता है।

आवृत्ति