"सरस पायस" पर सभी अतिथियों का हार्दिक स्वागत है!

बुधवार, मार्च 02, 2011

मन-मंदिर में रहते हैं वे : रावेंद्रकुमार रवि का नया बालगीत

मन-मंदिर में रहते हैं वे 


भोले बाबा ने भोली-सी 
बात कही है कानों में! 
वे बसते हैं नन्हे-मुन्ने 
बच्चों की मुस्कानों में! 


अँखियाँ बंद करें हम तो, वे 
अँखियों में बस जाते हैं! 
डमरू बजा-बजाकर हमको
बढ़िया नाच दिखाते हैं! 
इसीलिए अच्छे लगते हैं 
हमको वे भगवानों में! 


गन्ने की मीठी पोई का 
रस वे हमें चखाते हैं! 
झरबेरी के बेर खिलाकर 
मीठा गीत सुनाते हैं! 
मन-मंदिर में रहते हैं वे 
रहते नहीं मकानों में! 

-----------------------------------------------
रावेंद्रकुमार रवि 
----------------------------------------------- 
♥♥ क्रम से चित्रों में हैं ♥♥
नयना, तन्वी, पाखी, 
जायन्हा (अंतरा), सरस पायस, लविज़ा, 
प्रियांशु, आन्या, डुगडुग, 
आदित्य, सोनमन, माधव!
-----------------------------------------------

14 टिप्‍पणियां:

Patali-The-Village ने कहा…

बहुत सुन्दर, आप को महाशिवरात्री की शुभकामनाएँ|

Chaitanyaa Sharma ने कहा…

अच्छी लगी कविता ....आपको महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें

Deepak Saini ने कहा…

महाशिवरात्री की शुभकामनाएँ

Unknown ने कहा…

बहुत सुन्दर कविता और मोहक पोस्ट सज्जा...

महाशिवरात्रि की शुभकामनाये...

Shubham Jain ने कहा…

बहुत अच्छी लगी ये कविता और नन्हे मुन्नों की तश्विरों से सजा ये मनमोहक पोस्ट...
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...
सभी को महाशिवरात्रि की शुभकामनाये....

धन्यवाद.

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत सुन्दर रचना...महाशिवरात्रि की शुभकामनायें!

राज भाटिय़ा ने कहा…

बहुत सुंदर कविता, धन्यवाद
महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

शिवरात्रि पर बच्चों के लिए
इससे सुन्दर प्रस्तुति और हो ही नहीं सकती!
बढ़िया गेय बालगीत!
महाशिवरात्रि का शुभकामनाएँ!

Coral ने कहा…

बहुत सुन्दर .....महाशिवरात्री की शुभकामनाएँ|

माधव( Madhav) ने कहा…

बहुत सुन्दर, आप को महाशिवरात्री की शुभकामनाएँ

रंजन ने कहा…

बहुत सुन्दर गीत.. आभार..

डॉ. नागेश पांडेय संजय ने कहा…

बहुत सुन्दर

Meriabhivyanjana ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Meriabhivyanjana ने कहा…

बच्चों के प्यारे फ़ोटो के साथ शिव शंकर के एक अलग ही रूप को अभिव्यक्त करती शानदार कविता

Related Posts with Thumbnails

"सरस पायस" पर प्रकाशित रचनाएँ ई-मेल द्वारा पढ़ने के लिए

नीचे बने आयत में अपना ई-मेल पता भरकर

Subscribe पर क्लिक् कीजिए

प्रेषक : FeedBurner

नियमावली : कोई भी भेज सकता है, "सरस पायस" पर प्रकाशनार्थ रचनाएँ!

"सरस पायस" के अनुरूप बनाने के लिए प्रकाशनार्थ स्वीकृत रचनाओं में आवश्यक संपादन किया जा सकता है। रचना का शीर्षक भी बदला जा सकता है। ये परिवर्तन समूह : "आओ, मन का गीत रचें" के माध्यम से भी किए जाते हैं!

प्रकाशित/प्रकाश्य रचना की सूचना अविलंब संबंधित ईमेल पते पर भेज दी जाती है।

मानक वर्तनी का ध्यान रखकर यूनिकोड लिपि (देवनागरी) में टंकित, पूर्णत: मौलिक, स्वसृजित, अप्रकाशित, अप्रसारित, संबंधित फ़ोटो/चित्रयुक्त व अन्यत्र विचाराधीन नहीं रचनाओं को प्रकाशन में प्राथमिकता दी जाती है।

रचनाकारों से अपेक्षा की जाती है कि वे "सरस पायस" पर प्रकाशनार्थ भेजी गई रचना को प्रकाशन से पूर्व या पश्चात अपने ब्लॉग पर प्रकाशित न करें और अन्यत्र कहीं भी प्रकाशित न करवाएँ! अन्यथा की स्थिति में रचना का प्रकाशन रोका जा सकता है और प्रकाशित रचना को हटाया जा सकता है!

पूर्व प्रकाशित रचनाएँ पसंद आने पर ही मँगाई जाती हैं!

"सरस पायस" बच्चों के लिए अंतरजाल पर प्रकाशित पूर्णत: अव्यावसायिक हिंदी साहित्यिक पत्रिका है। इस पर रचना प्रकाशन के लिए कोई धनराशि ली या दी नहीं जाती है।

अन्य किसी भी बात के लिए सीधे "सरस पायस" के संपादक से संपर्क किया जा सकता है।

आवृत्ति