मैं भी पढ़ना सीख रही हूँ
मैं भी पढ़ना सीख रही हूँ,
ताकि पढ़ सकूँ मैं अखबार।
सुबह-सवेरे मेरे द्वार,
हॉकर लाता है अखबार।
कभी नहीं वह नागा करता,
शीत पड़े या पड़े फुहार।
मैं भी ... ... .
दादा जी का हो जाता है,
आते ही पहले अखबार।
चश्मा ऊपर-नीचे करके,
पढ़ते वे दुनिया का सार।
मैं भी ... ... .
समाचार पापा को भाते,
दादी को भाते त्योहार।
मम्मी की पसंद है खाना,
मुझको चित्रों का संसार।
मैं भी ... ... .
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सबसे ऊपर चित्र में हैं : पाखी (अक्षिता)