पल्लवी की किताब
पल्लवी ने जब अपने आप बनाई एक किताब, तो उसका दिल ख़ुशी से झूम उठा!
उसने अपनी किताब को मनचाहे रंग भरकर सुंदर चित्रों से सजाया -
वह अपनी राइटिंग में लिखा।
देखिए उसकी किताब का एक रंग-रँगीला पृष्ठ -
10 comments:
- रवि जी, पल्लवी वाकई बहुत होनहार है। उसकी लिखाई और चित्रकारी दोनों ही बहुत सुंदर हैं! यह देखकर मेरा भी कुछ बनाने को मन हो रहा है! :)
- रवि रावेंद्र ‘सरस पायस’ चमके हैं, ब्लाग-जगत में। नूतन, आकर्षक छवि से दमके हैं, ब्लाग जगत में।। रचनाओं के अर्द्ध-शतक की, शत-शत तुम्हें बधाई। पूरा कर लो शीघ्र शतक, है यही कामना भाई।।
- पल्लवी तो बहुत क्रिएटिव है.. उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं
- अनिल भाई, बनाइए भी और बच्चों से बनवाइए भी और उसके बाद मुझे बताइए भी!
- पल्लवी बहुत क्रियेटिव लग रही है बचपन से ही. अनेक शुभकामनाऐं.
- यह भौतिक सत्य है कि मयंक को रवि प्रकाशित करता है, लेकिन शास्त्री जी की टिप्पणी पढ़ने के बाद मुझे लगा कि अंतरजाल पर उदित रवि को प्रकाश मयंक से मिल रहा है! अभिभूत हूँ!
- रवि जी, कुछ समय पहले कंप्यूटर पर बचपन की वो सीनरी बनायी थी। यहाँ देखें!अभी मैं अविवाहित हूँ, लेकिन जब बच्चे होंगे तो उनसे यह जरूर बनवाउंगा, और अपने ब्लॉग पर डालकर आप सबको दिखाऊंगा! :)
- अनिल भाई, यह दुनिया तो प्यारे-प्यारे बच्चों से भरी पड़ी है! अभी उनसे भी बनवा सकते हैं! मैं तो अभी से आपके बच्चों द्वारा बनाए गए सुंदर चित्रों की कल्पना करने लगा हूँ! कोशिश कीजिए कि हम सब उन्हें जल्दी से जल्दी देख सकें!
- अभी तक तो सुना था कि पूत के पांव पालने में ही दिखाई देने लगते हैं, पर लगता है कि ज़माना बदल गया है, तभी तो पूत के पांव नहीं पूतनी के पांव पालने में दिखने लग गए. भाई रवि जी पल्लवी को जल्दी से काला टीका लगा दें, कहीं किसी की नज़र न लग जाये...................... उत्तम जानकारी और पल्लवी की प्रतिभा का दर्शन करवाने के लिए आभार. चन्द्र मोहन गुप्त
- pallavi ki kitab me bitiya ka shram jhalak raha hai.ise dekhkar aur bachche bhi kuch naya karenge.