गुरुवार, दिसंबर 30, 2010
पापा, कैसे करूँ पढ़ाई : डॉ. बलजीत सिंह की बालकविता
मंगलवार, दिसंबर 28, 2010
प्याज की बात निराली है : सरस चर्चा ( २३ )
बालसजग पर भी कक्षा ७ के रचनाकार
सागर कुमार ने प्याज की महिमा का बखान
कुछ इस तरह किया है -
कहते हैं आलू सब्जी का राजा है।
मगर प्याज ने बजाया सबका बाजा है॥
प्याज की बात निराली है।
लेकिन इसे खाना अब खयाली है॥
मकड़ी अपने जाले में क्यों नहीं फंसती?
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiQZaweG7G7HRqLu4HN-dYeQw1AEj-mVr4RKvAR5LBzB3DldMjjGvMmM-hppScQaDXlITgIRdQKGw3bBro0XIrulWFyH4fvDXLJ3zTfeZff-9k6hCgUeZoRVtMy8JuHdzUs8GPxzA-xV34/s320/spider-1.jpg)
यह है शुभम् सचदेव के स्कूल में हुई चित्रकला-प्रदर्शनी का एक झलक!
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEha3tu3BHbJvoCN6hLZflYwsLgUlcKneCcMdbazmt_UB5-lnfu2IU-R1SkmIN33E2I4pNOCo3iToUZe5FGJffjDkwOubm80xf6y2Xh4tvTwAePZS_SMzdlI1IdhpFw-4lch6MOvvnb9W6Y/s320/181220101955.jpg)
पाखी की बहना तन्वी अब दो महीने की हो गई है!
नन्ही पाखी बनी बाबू मोशाय!
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhEGtK-hvgot403Oop-jZ0CUFcsKMLF05drx6zL2d-Ytn5XcmwUyGaHIJ0Gd1NSQSJzYpShmx2Y7jo8Y_37t2mhZlAh7V0-sV9dYmYTQBbLCL956rNaObPbXTBwf2P1N8JmufxERM3WdXk/s400/photo0014.jpg)
अपने इस चित्र के साथ चुलबुल का कहना है -
एक था राजा, एक थी रानी!
उसने बोला - "पी लो पानी!"
![](http://1.bp.blogspot.com/_DMNdMPLP0cA/TRC4W3iAqDI/AAAAAAAAAhs/B7aA6j1zMa0/s320/king1.jpg)
यह है, आपकी नई दोस्त : कृतिका चौधरी!
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi-V1HyvNYh3UU87lYbbfiOhQAGKjbDfO4HAly-dkFEFH4iTZd87I9oAqja35bdkXxa-1agtu-_vWxSUlgPZEdz1YCYq-dhaGBar37v7vkroBlT8SN_4AEyvkWguOdeXzvJz-lfDzywWAtU/s400/kritika+2.jpg)
जब से डॉ. नागेश पांडेय "संजय" ब्लॉगिंग की दुनिया में आए हैं,
इंटरनेट पर कुछ और अच्छी बालकविताएँ प्रकाशित होने लगीं हैं!
अभिनव सृजन पर प्रकाशित उनका एक बढ़िया बालगीत पढ़िए -
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhwjNikFAic3bACIG8KhiF2xtnNOL8WCxnUv5i9RnoVjZzCuLHV1aUOV25NGY-mr5OTEEKcbkeyMofQtZEpIZ9WFawoa5p05Tw72x9Zsn2umkYp-ma7f7JUxTE9PJyuhXL_Ze1y0MRYCAI/s320/images%255B4%255D.jpg)
गत सप्ताह "क्रिसमस डे" की ख़ूब धूम रही!
नन्ही परी इशिता के ब्लॉग का जन्म-दिन भी इसी दिन था!
मम्मा के साथ शरारत करनेवाले "जादू" ने जादुई रंगोंवाली
क़िताब की मदद से पेंटिंग बनाना भी शुरू कर दिया है!
![IMG_7504](http://lh5.ggpht.com/_pPDel0YelYs/TOH5OPE3ltI/AAAAAAAAA-w/Bv54twJ7kq0/IMG_7504_thumb%5B4%5D.jpg?imgmax=800)
सेंटा क्लाज से अनुष्का की मुलाकात कुछ इस तरह हुई!
प्रांजल द्वारा बनाए गए इस चित्र के साथ
डॉ. मयंक ने यीशु को ऐसे नमन किया -
माधव ने सबको ऐसे "हैप्पी क्रिसमस" कहा!
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgaLfH8LQC-9k0DLkSaOuU0om5y7cBgGP9GupOB5b7hhb9aSf1BTHrFKhfm-tcOqW2wVj9hJg5U4S64dt7TxEtUKrTP7O6190iuw3qRXLHSQ8dneDUZ-vVEzRx82bacRxMQ9h9SyQ-kMnQ/s320/Christmas-2011-New-Year.jpg)
पूरी दुनिया में धूमधाम से मनाया जाने वाला क्रिसमस
प्रभु ईसा मसीह के जन्म की खुशी में हर साल
25 दिसंबर को मनाया जानेवाला
ईसाइयों के सबसे महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है।
इस दिन को बड़ा दिन भी कहते हैं!
इसके बारे में विस्तार से जानने के लिए चलते हैं, बाल-दुनिया में!
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhaUkuRbc3SnWUSUbbItHZKhiLFdlEuU5Q1ko90rd6hUiDQvrB4HYKSKGAJ_8cqfI094_aFLxXmy-JyVvqCLoIT5n_dnzV2ra0xl-TmR8UTTq9qkQXq6glPe9KYYAMtXn30weldyC6ySNdA/s320/Merry-Christmas-with-tree.png)
अब अंत में पढ़िए सरस पायस पर पढ़िए मेरी यह कविता -
रविवार, दिसंबर 26, 2010
रुको कबूतर : डॉ. नागेश पांडेय "संजय" की नई शिशुकविता
शनिवार, दिसंबर 25, 2010
आओ, मन का गीत रचें : एक : कोई भी रच सकता है
आओ, मन का गीत रचें : एक : कोई भी रच सकता है
क्या इस छायाचित्र को देखकर आपका मन कुछ कह रहा है?
यदि हाँ, तो उसे संक्षिप्त कविता या गीत के रूप में
टिप्पणी के माध्यम से हमें भी बताइए!
समय सीमा - एक सप्ताह!
आपकी रचनाओं को प्रथम, द्वितीय, ... ... स्थान देते हुए
आवश्यक संपादन के बाद एक साथ प्रकाशित किया जाएगा!
टिप्पणी द्वारा कविता या गीत आने की सूचना
भेजनेवाले के नाम के साथ टिप्पणी के द्वारा दे दी जाएगी!
सार्वजनिक पहचान प्रदर्शित करनेवाले सभी व्यक्ति
इस गतिविधि में प्रतिभाग कर सकते हैं!
इस संबंध में "सरस पायस" के संपादक का निर्णय अंतिम रूप से मान्य होगा!
इस गतिविधि में प्रतिभाग करने के लिए अन्य कोई प्रतिबंध नहीं है!
12 comments:
-
महामंत्री - तस्लीम ने कहा… - बहुत अच्छा प्रयास है। बधाई। -Zakir Ali ‘Rajnish’ { Secretary- TSALIIM / SBAI }
- May 11, 2009 5:57 PM
-
ज्योति सिंह ने कहा… - phoolo se badhkar sukumari ,nanhi gudiya badi pyari .gum-sum si ghoonghat ye dale ,kin khayalo me khoyi dulari .aangan ki ye nanhi chidiya ,kuchh to bikhero muskan pyari .tumahare madhur muskan se ,mahke ye duniya hamari .
- May 14, 2009 10:25 AM
-
रावेंद्रकुमार रवि ने कहा… - ज्योति सिंह जी द्वारा रचित पहला गीत प्राप्त हो गया है!
- May 14, 2009 1:08 PM
-
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक ने कहा… - इतनी जल्दी क्या है बिटिया, सिर पर पल्लू लाने की। अभी उम्र है गुड्डे-गुड़ियों के संग, समय बिताने की।। मम्मी-पापा तुम्हें देख कर, मन ही मन हर्षाते हैं। घूँघट वाली मान्या का, वे चित्र ब्लाग पर पाते हैं।। जब आयेगा समय सुहाना, देगे हम उपहार तुम्हें। तन मन धन से सब सौगातें, देगे बारम्बार तुम्हें।। रवि ने आमन्त्रण भेजा है, गीत रचो अपने मन का। लगता है बादल में से, ज्यों चाँद झाँकता पूनम का।।
- May 15, 2009 4:55 PM
-
रावेंद्रकुमार रवि ने कहा… - इस चित्र को देखकर रचा गया दूसरा गीत भीप्राप्त हो गया है! इसके रचनाकार हैं - डॉ. रूपचंद्र शास्त्री मयंक जी!
- May 15, 2009 5:08 PM
-
sidheshwer ने कहा… - साड़ी की छतरी बनी सिर पर लिया तान. बची रहो तुम धूप से बनी रहे मुस्कान.
- May 17, 2009 8:32 PM
-
रावेंद्रकुमार रवि ने कहा… - मान्या के इस चित्र द्वारा रचवाया गया तीसरा गीत सिद्धेश्वर जी की लेखनी से प्राप्त हुआ है!
- May 17, 2009 9:06 PM
-
रावेंद्रकुमार रवि ने कहा… - इस गतिविधि में प्रतिभाग करने की समय-सीमा एक सप्ताह के लिए और बढ़ा दी गई है! अर्थात् अब आप अपनी रचनाएँ 24.05.2009 की मध्य-रात्रि तक भेज सकते हैं! इसके बाद समय-सीमा नहीं बढ़ाई जाएगी!
- May 17, 2009 9:11 PM
-
शशिभूषण बडोनी ने कहा… - रवि जी, यहाँ तक पहुँचने में देर हो गई!
- May 26, 2009 12:10 PM
-
Saras Paayas ने कहा… - Manya is looking very attractive in this look.
- May 26, 2009 5:35 PM
-
रावेंद्रकुमार रवि ने कहा… - कोई बात नहीं, बडोनी जी! यह गीत-रचन तो चलता ही रहेगा! अगली बार सबसे पहले पहुँच जाइएगा!
- May 26, 2009 9:07 PM
-
रावेंद्रकुमार रवि ने कहा… - कल दिनांक : 29.05.2009 से इस गतिविधि का परिणाम घोषित किया जाने लगेगा! ---------------------- अत: आज कुछ देर पहले प्रतिभागियों की रचनाओं से युक्त टिप्पणियों को प्रकाशित कर दिया गया है, ताकि यह अनुमान लगाया जा सके कि किसको कौन-सा स्थान मिलेगा! ---------------------- (संपादक : सरस पायस) ----------------------
- May 28, 2009 11:08 PM
सरस-पहेली : तीन : का हल
सरस-पहेली : तीन : का हल
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj0UjrOl4Bn8sopfx5a-BBPQBKfqKmlChljrYdAXgUn7F64Y0JeiR1Ytt5wnKZGOfmRxGpLVDxfGn2FSR8LojrCY8zOFNUpTw0bEHBefH5qcnYLS8wC8icHOc7W7bQxOKinDEmrcf3V73Tn/s400/Brinjal_03.jpg)
कुछ कहते हैं इसको भाँटा!
इसका असली नाम बता दो,
वरना पड़ सकता है चाँटा!
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEipo_WMf8wWwKO6SpPOzjt6I8PjQAkkok8Msp5qpt2ogWSI3sjRvwWUE94FzSCcHKuMNGvy6jTgsn54sTs0c8vkFkzfRDRAtWhCk_vL57yaF2QORcLSgvlNHrd3EXmLeIQW3sDCHKINw-5L/s400/Brinjal_07.jpg)
फ़ोटो देखकर आप भी समझ ही गए होंगे!
"बैंगन"
जी, हाँ! बिल्कुल सही!
-- विधु --
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhgIbisQ4RfMIEddxK7aj87sTHhuQE_7nmg0CnGJkWPL7TrUbmgkIzZCoG4HYxrT8MQrVKFPLhB2eJFN82UiCU6bTBgZdMGG1WFNxA-xn9tXm7J1RilMwvKEPsUim1g1SEtYeZjGPM7szLh/s400/vidhu+794.jpg)
क्राइस्ट ज्योति सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सतना म.प्र.
में कक्षा - आठ की छात्रा हैं!
इन्हें रावेंद्रकुमार रवि की पुस्तक
"वृत्तों की दुनिया"
उपहार में भेजी जा रही है।
---------------------------------------------------
शुभम् और प्रांजल ने भी इस पहेली का सही उत्तर भेजा!
---------------------------------------------------
ऐसे भी होते हैं बैंगन
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg1sr0sdXB9VYw5f-yUwYYSqyL6fkJmCKkU1dDkr86mlG8WUFJTN44QfypGbfu03jo76PZt-LrCdB_pmpO8kab-iFuBqHhDVtEcWgFJM0NqwDjaMTVrTptyZAbKoTWlXcyADAy2d28s2Rl1/s400/Brinjal_06.jpg)
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEij22FgiQ6SHGiMv9xF6-s44ahe1jUPzPvcbchSvr8VUcCzpcZGcLLyLujEN8jHAszxo9jT8xi68FwrR3W4a96JeKppOMr5MVmuwiBoMi0xu_93I2ja6ksBwWA74xeIRbYj-l_RwIpmMIDp/s400/Brinjal_02.jpg)
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhV8A83E4H02IPezB63HcIJsVRfhkqq53htOU-BSTuPi1IrbGvEXEZ7MBQJ888dpR5ATlKnGYN-ydhZdrHmwCTetuk4XXktqLWGaax_bIkFTTxyBudB2nf2zCs1n4s2I4g_hKYZYIzOOtfm/s400/Brinjal_05.jpg)
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgysgRA3ehyduiY8jp3MiS_BITuj3vIo9VZ4ajaehNmLea16pPF8vdq9q9v39r5OCB_C01QaBkU2UxUFtRAMM3cTHATKssC_bD03uGX0tFrE77db9ElJyAm7MX5eg4JylGuV86MueQ_gZml/s400/Brinjal_04.jpg)
सरस-पहेली : चार :
रविवार, दिनांक : 02.08.2009 को सुबह 5 बजे
प्रकाशित की जाएगी।
7 comments:
- डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक ने कहा…
- सही उत्तर भेजनेवाली विधु दुबे को हार्दिक बधाई।
- July 28, 2009 6:05 AM
- वन्दना अवस्थी दुबे ने कहा…
- बधाई हो विधु...
- July 28, 2009 4:12 PM
- Dhruvraj ने कहा…
- विधु को बहुत बधाई ... ..
- July 28, 2009 9:04 PM
- डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक ने कहा…
- बैंगनों की छवियाँ मनमोह्क हैं,
थाली में सजाने का मन कर रहा है।
सरस पायस पर यह मेरी 51वीं टिप्पणी है। - July 29, 2009 9:40 PM
- रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…
- आदरणीय मयंक जी,
आपके द्वारा
"सरस पायस" के लिए
की गई हर टिप्पणी अमूल्य है!
-----------------------
हृदय से आभारी हूँ!
-----------------------
आशा है -
"सरस पायस" को
आपका स्नेह और आशीष
इसी प्रकार मिलता रहेगा!
-----------------------
आपको बहुत-बहुत बधाई!
----------------------- - July 29, 2009 10:45 PM
- खेमकरण सोमन ने कहा…
- बहुत-बहुत बधाई!
- July 31, 2009 1:07 PM
- अरविंद राज ने कहा…
- बहुत बधाई विधु को!
- July 31, 2009 1:12 PM
"सरस पायस" पर प्रकाशित रचनाएँ ई-मेल द्वारा पढ़ने के लिए
नियमावली : कोई भी भेज सकता है, "सरस पायस" पर प्रकाशनार्थ रचनाएँ!
"सरस पायस" के अनुरूप बनाने के लिए प्रकाशनार्थ स्वीकृत रचनाओं में आवश्यक संपादन किया जा सकता है। रचना का शीर्षक भी बदला जा सकता है। ये परिवर्तन समूह : "आओ, मन का गीत रचें" के माध्यम से भी किए जाते हैं!
प्रकाशित/प्रकाश्य रचना की सूचना अविलंब संबंधित ईमेल पते पर भेज दी जाती है।
मानक वर्तनी का ध्यान रखकर यूनिकोड लिपि (देवनागरी) में टंकित, पूर्णत: मौलिक, स्वसृजित, अप्रकाशित, अप्रसारित, संबंधित फ़ोटो/चित्रयुक्त व अन्यत्र विचाराधीन नहीं रचनाओं को प्रकाशन में प्राथमिकता दी जाती है।
रचनाकारों से अपेक्षा की जाती है कि वे "सरस पायस" पर प्रकाशनार्थ भेजी गई रचना को प्रकाशन से पूर्व या पश्चात अपने ब्लॉग पर प्रकाशित न करें और अन्यत्र कहीं भी प्रकाशित न करवाएँ! अन्यथा की स्थिति में रचना का प्रकाशन रोका जा सकता है और प्रकाशित रचना को हटाया जा सकता है!
पूर्व प्रकाशित रचनाएँ पसंद आने पर ही मँगाई जाती हैं!
"सरस पायस" बच्चों के लिए अंतरजाल पर प्रकाशित पूर्णत: अव्यावसायिक हिंदी साहित्यिक पत्रिका है। इस पर रचना प्रकाशन के लिए कोई धनराशि ली या दी नहीं जाती है।
अन्य किसी भी बात के लिए सीधे "सरस पायस" के संपादक से संपर्क किया जा सकता है।
आवृत्ति
-
►
2012
(1)
- ► जनवरी 2012 (1)
-
►
2011
(81)
- ► दिसंबर 2011 (2)
- ► नवंबर 2011 (2)
- ► अक्तूबर 2011 (2)
- ► सितंबर 2011 (1)
- ► अगस्त 2011 (2)
- ► जुलाई 2011 (4)
- ► अप्रैल 2011 (4)
- ► मार्च 2011 (7)
- ► फ़रवरी 2011 (16)
- ► जनवरी 2011 (16)
-
▼
2010
(146)
-
▼
दिसंबर 2010
(13)
- पापा, कैसे करूँ पढ़ाई : डॉ. बलजीत सिंह की बालकविता
- प्याज की बात निराली है : सरस चर्चा ( २३ )
- रुको कबूतर : डॉ. नागेश पांडेय "संजय" की नई शिशुकविता
- आओ, मन का गीत रचें : एक : कोई भी रच सकता है
- सरस-पहेली : तीन : का हल
- सरस-पहेली : दो : 14 साल तक के साथियों के लिए
- परिणाम : (द्वितीय भाग) : आओ, मन का गीत रचें - एक
- परिणाम (द्वितीय भाग) : आओ मन का गीत रचें - दो
- परिणाम : (प्रथम भाग) : आओ, मन का गीत रचें - एक
- सबसे प्यारी तुम : रावेंद्रकुमार रवि की नई कविता
- नाचे मोर : रावेंद्रकुमार रवि की नई शिशुकविता
- हम बगिया के फूल : डॉ. बलजीत सिंह का बालकविता-संकलन
- बचपन बेटी बन आया : सरस चर्चा (22)
- ► नवंबर 2010 (17)
- ► अक्तूबर 2010 (14)
- ► सितंबर 2010 (15)
- ► अगस्त 2010 (14)
- ► जुलाई 2010 (18)
- ► अप्रैल 2010 (8)
- ► मार्च 2010 (7)
- ► फ़रवरी 2010 (9)
- ► जनवरी 2010 (7)
-
▼
दिसंबर 2010
(13)
-
►
2009
(4)
- ► दिसंबर 2009 (3)
- ► नवंबर 2009 (1)