आज पतंग उड़ाऊँगा!
डोर बहुत मज़बूत बाँधकर,
मैं भी पेंच लड़ाऊँगा!"
माँ जी बोलीं - "तुम बच्चे हो,
बात पेंच की करते हो!
मोटी बिल्ली घूम रही है,
क्या उससे ना डरते हो?"
"ऐसे-ऐसों को तो दिनभर,
ख़ूब छकाया करता हूँ,
चूहा बोला - "बिल्ली क्या है?
मैं न किसी से डरता हूँ।"