"सरस पायस" पर सभी अतिथियों का हार्दिक स्वागत है!

शनिवार, फ़रवरी 20, 2010

परीक्षा सिर पर आई : रावेंद्रकुमार रवि का एक बालगीत


परीक्षा सिर पर आई
खेल-कूद अब छोड़ें कुछ दिन,
आओ, जमकर करें पढ़ाई!
परीक्षा सिर पर आई!!

टीवी-सीडी ख़ूब देख ली,
ख़ूब किया है सैर-सपाटा!
अब तो केवल देखें पुस्तक,
छोड़ें सुस्ती की अँगड़ाई!
परीक्षा सिर पर आई!!

गणित हमारी माता हैं अब,
और पिता विज्ञान हमारे!
इनकी सेवा अब भी कर लें,
होगी जग में नहीं हँसाई!
परीक्षा सिर पर आई!!

हिंदी को मत समझें बिंदी,
यह सूरज-सा "भाग" जगाए!
अँगरेज़ी को भी जो समझे,
दुनिया-भर में नाम कमाए!
इनकी भी सुधि ले लें भाई!
परीक्षा सिर पर आई!!

सभी विषय हैं देवों-जैसे,
इनके ही गुणगान करें बस!
अपनी मेहनत के इन पर अब,
आओ फूल चढ़ाएँ भाई!
परीक्षा सिर पर आई!!

यदि अब भी ऐसा कर लें तो,
सभी सफलता पा जाएँगे!
खुशियाँ आ जाएँगी घर पर,
जीवन होगा ना दुखदाई!
परीक्षा सिर पर आई!!

रावेंद्रकुमार रवि
राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, चारुबेटा,
खटीमा, ऊधमसिंहनगर, उत्तराखंड (भारत)

4 comments:


डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक ने कहा…
खेल-कूद में रहे रात-दिन, अब पढ़ना मजबूरी है। सुस्ती - मस्ती छोड़, परीक्षा देना बड़ा जरूरी है।। मात-पिता,विज्ञान,गणित है, ध्यान इन्हीं का करना है। हिन्दी की बिन्दी को, माता के माथे पर धरना है।। देव-तुल्य जो अन्य विषय है, उनके भी सब काम करेगें। कर लेंगें, उत्तीर्ण परीक्षा, अपना ऊँचा नाम करेंगे।। श्रम से साध्य सभी कुछ होता, कविता यही सिखाती है। रवि की पहली किरण हमेशा, नया सवेरा लाती है।।

रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…
अल्प समय में चिट्ठाजगत के एकमात्र काव्य-टिप्पणीकार के रूप में उभरकर उदित हुए मयंक का नमन करते हुए मैं उनकी इस कविता को शीघ्र ही "सरस पायस" पर प्रकाशित करने जा रहा हूँ! आशा है कि मयंक की आशीष रूपी विभा इसी तरह "सरस पायस" को सुभाषित करती रहेगी!

creativekona ने कहा…
Ravi ji , Bahut achchha balgeet likha hai apne.is samaya to bachchon ko padhai karana vakayee bahut jarooree hai.ummeed hai age bhee aise hee achchhe geet padhane ko milenge.shubhkamnayen Hemant Kumar

प्रवीण त्रिवेदी...प्राइमरी का मास्टर ने कहा…
बहुत बढ़िया बाल गीत !!!! अच्छा लगा!!!

8 टिप्‍पणियां:

संगीता पुरी ने कहा…

बहुत बढिया बालगीत !!

राज भाटिय़ा ने कहा…

बहुत सुंदर एक बाल गीत ओर समय के अनुसार भी

दीपक 'मशाल' ने कहा…

रवि जी सुन्दर बाल गीत के लिए आभार.. लेकिन यही तो रोना है हमारे देश में कि परीक्षा सर पर आने पर ही पढ़ते हैं.. और विपदा सर पर आने पर ही इंतज़ाम करते हैं...

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

समयानुकूल लिखी सुन्दर कविता...अच्छा सन्देश दे रही है...

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

खेल-कूद में रहे रात-दिन,
अब पढ़ना मजबूरी है।
सुस्ती - मस्ती छोड़,
परीक्षा देना बड़ा जरूरी है।।

मात-पिता,विज्ञान,गणित है,
ध्यान इन्हीं का करना है।
हिन्दी की बिन्दी को,
माता के माथे पर धरना है।।

देव-तुल्य जो अन्य विषय है,
उनके भी सब काम करेगें।
कर लेंगें, उत्तीर्ण परीक्षा,
अपना ऊँचा नाम करेंगे।।

श्रम से साध्य सभी कुछ होता,
कविता यही सिखाती है।
रवि की पहली किरण हमेशा,
नया सवेरा लाती है।।

वन्दना अवस्थी दुबे ने कहा…

बहुत सुन्दर बालगीत. इस विधा में तो आपको महारथ हासिल है. बधाई.

Paise Ka Gyan ने कहा…

Jupiter in Hindi
Parrot in Hindi
Rabbit in Hindi
Saturn in Hindi
Tortoise in Hindi
Sparrow in Hindi
Mars in Hindi

Paise Ka Gyan ने कहा…

Peacock in Hindi
Horse in Hindi
Tiger in Hindi
Moon in Hindi
Uranus in Hindi
Sun in Hindi
Mercury in Hindi
Technology in Hindi

Related Posts with Thumbnails

"सरस पायस" पर प्रकाशित रचनाएँ ई-मेल द्वारा पढ़ने के लिए

नीचे बने आयत में अपना ई-मेल पता भरकर

Subscribe पर क्लिक् कीजिए

प्रेषक : FeedBurner

नियमावली : कोई भी भेज सकता है, "सरस पायस" पर प्रकाशनार्थ रचनाएँ!

"सरस पायस" के अनुरूप बनाने के लिए प्रकाशनार्थ स्वीकृत रचनाओं में आवश्यक संपादन किया जा सकता है। रचना का शीर्षक भी बदला जा सकता है। ये परिवर्तन समूह : "आओ, मन का गीत रचें" के माध्यम से भी किए जाते हैं!

प्रकाशित/प्रकाश्य रचना की सूचना अविलंब संबंधित ईमेल पते पर भेज दी जाती है।

मानक वर्तनी का ध्यान रखकर यूनिकोड लिपि (देवनागरी) में टंकित, पूर्णत: मौलिक, स्वसृजित, अप्रकाशित, अप्रसारित, संबंधित फ़ोटो/चित्रयुक्त व अन्यत्र विचाराधीन नहीं रचनाओं को प्रकाशन में प्राथमिकता दी जाती है।

रचनाकारों से अपेक्षा की जाती है कि वे "सरस पायस" पर प्रकाशनार्थ भेजी गई रचना को प्रकाशन से पूर्व या पश्चात अपने ब्लॉग पर प्रकाशित न करें और अन्यत्र कहीं भी प्रकाशित न करवाएँ! अन्यथा की स्थिति में रचना का प्रकाशन रोका जा सकता है और प्रकाशित रचना को हटाया जा सकता है!

पूर्व प्रकाशित रचनाएँ पसंद आने पर ही मँगाई जाती हैं!

"सरस पायस" बच्चों के लिए अंतरजाल पर प्रकाशित पूर्णत: अव्यावसायिक हिंदी साहित्यिक पत्रिका है। इस पर रचना प्रकाशन के लिए कोई धनराशि ली या दी नहीं जाती है।

अन्य किसी भी बात के लिए सीधे "सरस पायस" के संपादक से संपर्क किया जा सकता है।

आवृत्ति