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बुधवार, मार्च 31, 2010

मैं भी पढ़ना सीख रही हूँ : आकांक्षा यादव का नया बालगीत


मैं भी पढ़ना सीख रही हूँ


मैं भी पढ़ना सीख रही हूँ,
ताकि पढ़ सकूँ मैं अखबार।

सुबह-सवेरे मेरे द्वार,
हॉकर लाता है अखबार।
कभी नहीं वह नागा करता,
शीत पड़े या पड़े फुहार।
मैं भी ... ... .

दादा जी का हो जाता है,
आते ही पहले अखबार।
चश्मा ऊपर-नीचे करके,
पढ़ते वे दुनिया का सार।
मैं भी ... ... .

समाचार पापा को भाते,
दादी को भाते त्योहार।
मम्मी की पसंद है खाना,
मुझको चित्रों का संसार।
मैं भी ... ... .
आकांक्षा यादव
--------------------------------------------
सबसे ऊपर चित्र में हैं : पाखी (अक्षिता)

19 टिप्‍पणियां:

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बहुत प्यारा बालगीत....

मनोज कुमार ने कहा…

बहुत अच्छा। प्रेरक। बधाई स्वीकारें।

राज भाटिय़ा ने कहा…

पाखी (अक्षिता) हम को भाती करती अच्छी अच्छी बाते
बहुत सुंदर, बहुत सा प्यार इस प्यारी सी बिटिया को

RAJNISH PARIHAR ने कहा…

ओ...हो !!बधाई हो पाखी भी अब पढने लगी है,वो भी स्टाइल से!!गुड!!!

वन्दना अवस्थी दुबे ने कहा…

सचमुच बहुत प्यारा-मासूम सा बाल-गीत.

दीनदयाल शर्मा ने कहा…

रावेन्द्र कुमार रवि बच्चों के बहुत ही प्यारे कवि हैं...इनके ब्लॉग पर नन्ही बाल कवयित्री आकांक्षा यादव का नया बाल गीत ...मैं भी पढ़ना सीख रही हूँ....पढ़ा..... बहुत अच्छा लगा......आकांक्षा बिटिया को ढेर सारी बधाई...कविता की दूसरी पंक्ति में ..".मैं "......नहीं होता तो ज्यादा अच्छा रहता...रिदम में रूकावट आ रही है... मैं भी पढ़ना सीख रही हूँ../ ताकि पढ़ सकूं अखबार.... शब्द का तात्कालिक दोहराव कविता को कमजोर करता है....मेरा एक निवेदन है...कि रचना को लिखने के बाद कई बार पढनी भी चाहिए...फिर रिदम कि ग़लती पकड़ में आ सकती है... आकांक्षा यानी पाखी बिटिया का फोटो भी बहुत प्यारा है....प्रिय भाई रावेन्द्र रवि को और पाखी बेटी को फिर से बधाई...
www.http://deendayalsharma.blogspot.com

Akanksha Yadav ने कहा…

रवि जी, बाल-कविता के प्रकाशन के लिए आभार. आपने इसे सुन्दर रूप में प्रस्तुत किया है.

Akanksha Yadav ने कहा…

@ दीनदयाल जी,
पाखी बिटिया का नाम अक्षिता है. आकांक्षा, अक्षिता (पाखी) की मम्मी का नाम है.

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

प्यारी सी ये कविता, मेरे मन को भायी.

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

...और मेरा सुन्दर चित्र लगाया है. बहुत-बहुत धन्यवाद. अपना आशीष बनाये रखें.

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

बहुत मज़ेदार है --पाखी की दुनिया....अंकल जी, पाखी की दुनिया का लिंक भी तो दीजिये, तभी तो लोग इसका मजा लेंगे.

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

@ दीनदयाल अंकल जी, इत्ती जल्दी मेरा नाम कन्फ्यूज कर गए आप...अब नहीं भूलियेगा.

KK Yadav ने कहा…

समाचार पापा को भाते,
दादी को भाते त्योहार।
मम्मी की पसंद है खाना,
मुझको चित्रों का संसार।
...बहुत सुन्दर पंक्तियाँ..बधाई. पाखी का चित्र बेहतरीन लगा है.

रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…

पाखी बिटिया!
आपका कहना है कि अंकल ने
पाखी की दुनिया का लिंक नहीं दिया!
--
ज़रा बाईं तरफ साइडबार में भी तो देख लीजिए -
झाँसी की रानी के ऊपर कौन जगमगा रहा है?

दीनदयाल शर्मा ने कहा…

कविता के ऊपर आकांक्षा यादव का नया बाल गीत .......लिखा था...और फोटो नीचे पाखी की लगी थी ...इसलिए नाम में ग़लती हो गई...पाखी को आकांक्षा लिख दिया था. सॉरी ...जबकि पाखी का स्कूल नाम तो अक्षिता है..बाद में मुझे भी ध्यान आ गया था...क्षमा करना जी...

हर्षिता ने कहा…

बहुत प्यारा एवं सुन्दर बालगीत।

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

रवि अंकल..जब हमने इस लिंक को क्लिक किया था तब इसमें लिंकिंग नहीं हो रही थी, ऐसा लगा कि मात्र मेरी फोटो लगी है. पर अब यह लिंक हो रहा है...आपका बहुत-बहुत धन्यवाद.

Paise Ka Gyan ने कहा…

Song in Hindi
Blood Donation in Hindi
Data in Hindi
Fingerprint in Hindi
Rainbow in Hindi
Reference Book in Hindi
Forest Fire in Hindi

Becreatives ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
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