"सरस पायस" पर सभी अतिथियों का हार्दिक स्वागत है!

शनिवार, जून 04, 2011

अपना रूप निखार के : रावेंद्रकुमार रवि का नया शिशुगीत


अपना रूप निखार के

कल अचानक गूगल पर खोज करते हुए
एनडीटीवीखबर.कॉम के संपादकीय प्रमुख
विवेक रस्तोगी जी के ब्लॉग पर पहुँच गया!

वहाँ मुझे उनकी प्यारी बेटी निष्ठा का
एक प्यारा-सा फ़ोटो मिला! 


मेरे कविमन पर उसकी खिलखिलाहट ने ऐसा जादू कर दिया
कि मैं विवश हो गया यह गीत रचने के लिए!

सरस पायस द्वारा उसके लिए
इससे अच्छा उपहार और क्या हो सकता है?
आप सब भी इसे पढ़कर इसे गुनगुनाने का आनंद लीजिए!

अपना रूप निखार के

मुझे बहुत अच्छी लगती हैं,
माँ हँसतीं जब प्यार से!

मुँह पर पल्लू रख साड़ी का,
अपनी लटें सँवार के,
मुझे खिलातीं हलुआ-किशमिश,
बिठा गोद में प्यार से!

माँ की तरह लगूँ अच्छी मैं,
अपना रूप निखार के,
इसीलिए साड़ी पहनी है,
मैंने भी तो प्यार से!

रावेंद्रकुमार रवि

11 टिप्‍पणियां:

संगीता पुरी ने कहा…

बहुत सुंदर गीत है !!

Vivek Rastogi ने कहा…

हार्दिक धन्यवाद, रावेंद्रकुमार जी... मेरी बेटी के लिए आपका यह प्रयास सदा याद रहेगा... :-)

Kailash Sharma ने कहा…

लाज़वाब बाल गीत...

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति!

डॉ. नागेश पांडेय संजय ने कहा…

आज निष्ठा के लिए बड़े ही अहोभाग्य का दिन है . इधर आपने और उधर शाष्त्री जी जी ने उस पर सुन्दर सुन्दर कविता लिखीं हैं . बधाई हो .


http://abhinavsrijan.blogspot.com/

रंजन (Ranjan) ने कहा…

वाह..

Chaitanyaa Sharma ने कहा…

प्यारी कविता .....निष्ठा क्यूट लग रही है...

Satish Raj Pathak ने कहा…

Aapki ye rachna pasand aayi..

Likhna jari rakhe..

Kashvi Kaneri ने कहा…

निष्ठा बहुत ही प्यारी- है …. कविता मुझे बहुत अच्छी लगी

बेनामी ने कहा…

प्यारी सी निष्ठां के लिए बहुत प्यारा गीत...

purnima ने कहा…

मुझे खिलातीं हलुआ-किशमिश,
बिठा गोद में प्यार से!!!!!!!

प्यारी सी निष्ठां !!!!!!!

Related Posts with Thumbnails

"सरस पायस" पर प्रकाशित रचनाएँ ई-मेल द्वारा पढ़ने के लिए

नीचे बने आयत में अपना ई-मेल पता भरकर

Subscribe पर क्लिक् कीजिए

प्रेषक : FeedBurner

नियमावली : कोई भी भेज सकता है, "सरस पायस" पर प्रकाशनार्थ रचनाएँ!

"सरस पायस" के अनुरूप बनाने के लिए प्रकाशनार्थ स्वीकृत रचनाओं में आवश्यक संपादन किया जा सकता है। रचना का शीर्षक भी बदला जा सकता है। ये परिवर्तन समूह : "आओ, मन का गीत रचें" के माध्यम से भी किए जाते हैं!

प्रकाशित/प्रकाश्य रचना की सूचना अविलंब संबंधित ईमेल पते पर भेज दी जाती है।

मानक वर्तनी का ध्यान रखकर यूनिकोड लिपि (देवनागरी) में टंकित, पूर्णत: मौलिक, स्वसृजित, अप्रकाशित, अप्रसारित, संबंधित फ़ोटो/चित्रयुक्त व अन्यत्र विचाराधीन नहीं रचनाओं को प्रकाशन में प्राथमिकता दी जाती है।

रचनाकारों से अपेक्षा की जाती है कि वे "सरस पायस" पर प्रकाशनार्थ भेजी गई रचना को प्रकाशन से पूर्व या पश्चात अपने ब्लॉग पर प्रकाशित न करें और अन्यत्र कहीं भी प्रकाशित न करवाएँ! अन्यथा की स्थिति में रचना का प्रकाशन रोका जा सकता है और प्रकाशित रचना को हटाया जा सकता है!

पूर्व प्रकाशित रचनाएँ पसंद आने पर ही मँगाई जाती हैं!

"सरस पायस" बच्चों के लिए अंतरजाल पर प्रकाशित पूर्णत: अव्यावसायिक हिंदी साहित्यिक पत्रिका है। इस पर रचना प्रकाशन के लिए कोई धनराशि ली या दी नहीं जाती है।

अन्य किसी भी बात के लिए सीधे "सरस पायस" के संपादक से संपर्क किया जा सकता है।

आवृत्ति