गुरुवार, नवंबर 03, 2011
जलेबी की मिठास-जैसा : यदि ऐसा हो जाए (कविता-संकलन)
"सरस पायस" पर प्रकाशित रचनाएँ ई-मेल द्वारा पढ़ने के लिए
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"सरस पायस" के अनुरूप बनाने के लिए प्रकाशनार्थ स्वीकृत रचनाओं में आवश्यक संपादन किया जा सकता है। रचना का शीर्षक भी बदला जा सकता है। ये परिवर्तन समूह : "आओ, मन का गीत रचें" के माध्यम से भी किए जाते हैं!
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रचनाकारों से अपेक्षा की जाती है कि वे "सरस पायस" पर प्रकाशनार्थ भेजी गई रचना को प्रकाशन से पूर्व या पश्चात अपने ब्लॉग पर प्रकाशित न करें और अन्यत्र कहीं भी प्रकाशित न करवाएँ! अन्यथा की स्थिति में रचना का प्रकाशन रोका जा सकता है और प्रकाशित रचना को हटाया जा सकता है!
पूर्व प्रकाशित रचनाएँ पसंद आने पर ही मँगाई जाती हैं!
"सरस पायस" बच्चों के लिए अंतरजाल पर प्रकाशित पूर्णत: अव्यावसायिक हिंदी साहित्यिक पत्रिका है। इस पर रचना प्रकाशन के लिए कोई धनराशि ली या दी नहीं जाती है।
अन्य किसी भी बात के लिए सीधे "सरस पायस" के संपादक से संपर्क किया जा सकता है।
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5 टिप्पणियां:
बढ़िया प्रस्तुति!
आज के चर्चा मंच पर भी इसका लिंक लगा है!
प्रिय सृष्टि और सृजन को ..ढेर सारी हार्दिक शुभ कामनाये ..जलेबी सी मिठास ..मधुर वाणी हो ....जग का कल्याण हो .... आप और आप के सपरिवार को .सूर्य भगवान् जीवन में रौशनी भर दें .पता नहीं कैसे मै अभी तक इस ब्लॉग से दूर रहा ..अति सुन्दर ...
भ्रमर ५
बाल झरोखा सत्यम की दुनिया
http://surenrashuklabhramar5satyam.blogspot.com
मान्यवर,
रचनाओं को प्रस्तुत करने का आपका अंदाज ही अलग है. आभारी हूँ.
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