बादल भइया, बादल भइया,
आओ, नाचें ता-ता-थइया!
बंद पड़ी दादुर की टर-टर,
बहे पसीना झर-झर-झर-झर!
बछिया ढूँढ रही है मइया!
बादल भइया, बादल भइया,
आओ, नाचें ता-ता-थइया!
पिहू-पिहू कर मोर पुकारे -
आजा-आजा बादल प्यारे!
सूखे हैं सब ताल-तलइया!
बादल भइया, बादल भइया,
आओ, नाचें ता-ता-थइया!
काम ज़रा-सा कर दो ना,
झील-नदी सब भर दो ना!
ले लो मुझसे एक रुपइया!
बादल भइया, बादल भइया,
आओ, नाचें ता-ता-थइया!
हम नाचेंगे, हम गाएँगे,
अपनी नाव चला पाएँगे!
माझी गाएँ "हइया-हइया"!
बादल भइया, बादल भइया,
आओ, नाचें ता-ता-थइया!
श्याम सखा श्याम
29 comments:
- बहुत बढ़िया..चित्रमय काव्य प्रस्तुति-श्यामल सखा जी की..आनन्द दे गई.
- बहुत बढिया बालगीत ...अच्छी प्रस्तुति . हेमंत कुमार
- ek achchhi prastuti ke sath ......shyam sakha ji ki rachna hamesha hame sarabor krati hai..........
- तस्वीरों को देख कर बडी ठन्डक मिली..सुन्दर रचना.
- जरूरत के मुताबिक पुकार ,मौसम का झलक रहा मिजाज़ ,इस विनती की जरूरत सबको है आज .
- बहुत बढिया बालगीत
- बालमन के उत्साह से भरपूर जीवन्त प्रस्तुति। और चित्रों ने तो सोने में सुहागे का काम किया है। बधाई।
- समयानुकूल गीत प्रसंसनीय है.श्याम जी ने गेयता का विशेष ध्यान रखा है जो काबिले तारीफ है.अगर यही गीत संगीत के साथ गाया जाये तो लोकप्रियता हासिल करने में जरा देर नहीं लगेगी.सुन्दर गीत के लिए श्याम भाई जी को दिल से बधाई.
- श्याम जी वाह..अद्भुत प्रस्तुति...चित्रों के साथ आपकी कविता ने कमाल कर दिया है...चित्र वो ही बोल रहे हैं जो शब्द कह रहे हैं...शानदार मनभावन प्रयोग...बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत अच्छा लगा...बधाई... नीरज
- बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति, बालमान को प्रसन्न करती पंक्तिया, बधाई ।
- आप सभी का आभार आपने मेरी गज़लों की तरह ही इस बाल गीत को मान दिया श्याम
- चित्रों के साथ बहुत ही सुन्दर रचना.शायद बच्चों की पुकार ही सुन लें ये बादल ! (कृपया ब्लॉग में हिंदी ट्रांस्लितरेटर की सुविधा भी जोड़ लें. )
- bahut sundar baalgeet ,shyamsakhaa ji , badhaaee sundar chitr collection ke liye.
- सुन्दर, सरल बाल गीत। बच्चे मिल कर गाएं तो बादल को अवश्य ही बरसना पड़ेगा।
- कमाल की रचनाएं हैं श्याम जी......... बाल गीत भी आप इंतना मधुर कहते हैं पता नहीं था सभी................. नया अंदाज़ है कहने का..........चित्र भी लाजवाब, खिलते हुए है
- बहुत सुंदर चित्रो के संग आप ने अपनी लेखनी का जादू बिखेरा.... बहुत अच्छी लगी आप की यह बाल कथा.
- आदरणीय श्याम सखा जी, प्रणाम । बालगीत यकीनन बालगीत है, यानी बचपन जाग उठा । बधाई मनोज अबोध
- Ravi jee ne Shyam jee ke geet ko chitrankan dwara prastut karke Paryavaran kee vedna ko jeevant kar diya. Main is prastutikaran kaa hriday se aabharee hoon.
- वाकई इसे सवांरने सहेजने काश्रेय भाई रवि को है श्याम सखा
- Bahut sundar likha. ha..ha..ha..
- बालगीत की चित्रमय प्रस्तुती मन मोहक है। -देवेन्द्र पाण्डेय।
- ले लो मुझसे एक रुपइया! बादल भइया, बादल भइया, आओ, नाचें ता-ता-थइया! शानदार गीत पर मेरी हार्दिक शुभकामनाएं. गीत की पंक्तियाँ इतनी बाल-सुलभ लगी कि अन्दर का बाल-मन यह कहने को मचल ही उठा कि ..... ले लो मुझसे भी टिप्पणियां बादल भइया, बादल भइया, आओ, नाचें ता-ता-थइया! चन्द्र मोहन गुप्त
- श्याम सखा 'श्याम'जी। मनमोहक सुन्दर रचना के लिए बधाई। सरस पायस पर इसका प्रस्तुतिकरण बहुत बढ़िया है।
- बहुत ही सुन्दर कविता, और चित्रों के साथ , अब एक ऑडियो के साथ भी हो जाए श्याम जी , बेहद सुन्दर, सरल और सरस, बस अब बादल बरसने ही वालें हैं स्वप्न मंजूषा 'अदा'
- बहुत बहुत मजा आया... और जो चित्र आपने इस्तेमाल किये हैं,,,उन्काकोई जवाब.... बड़ा मजा आया,,,
- bhut sundar.aisi balman ki pukar sunkar to badal ghumad ghumd kar aavege.
- JITNI SUNDAR KAVITA ,USSE KAHI ADHIK SUNDAR HAI CHITRO KA MISHRAN.RACHNA KAR,CHAYAKAR AUR SAMPADAK TEENO KA JAVAB NAHI....
- बहुत ख़ूबसूरत बालगीत लिखा है आपने!
- बहुत सुन्दर...बहुत ही उत्कृष्ट.......बहुत ही मनमोहक.