"सरस पायस" पर सभी अतिथियों का हार्दिक स्वागत है!

रविवार, मार्च 06, 2011

फूट पड़ी चेहरों पर लाली : डॉ. मोहम्मद अरशद ख़ान का गीत

फूट पड़ी चेहरों पर लाली 

बैठ पालकी मेरी गुड़िया,
आज चली ससुराल।


छम-छम करती काढ़े घूँघट,
गहनों से कर ख़ूब सजावट,
चोटी में मोती से सजकर,
गुँथे हुए हैं बाल।

सुंदर है माथे का टीका,
नथ के आगे चंदा फीका,
चमके चम-चम चुनरी प्यारी,
और गरारा लाल। 


गुड्डा आया चढ़कर घोड़ा,
शरमाकर उसने मुख मोड़ा,
मन ही मन में हँसता-गाता,
फुला-फुलाकर गाल।

बजती है धुन बहुत निराली,
फूट पड़ी चेहरों पर लाली,
ठुमक-ठुमककर नाच दिखाते,
दे-देकर सब ताल। 


डॉ. मोहम्मद अरशद ख़ान

6 टिप्‍पणियां:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

अवसर के अनुकूल बहुत सुन्दर रचना प्रकाशित की है!
--
पोस्ट और चित्रों का बहुत बढ़िया तालमेल किया है आपने!
--
रचनाकार और सरस पायस के सम्पादक को बहुत-बहुत बधाई!

Deepak Saini ने कहा…

सुन्दर चित्रो के साथ प्यारी सी रचना
शुभकामनाये

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

बहुत ही सुंदर ..... प्यारी रचना

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

बहुत सुन्दर कविता..बधाई.


_______________
पाखी बनी परी...आसमां की सैर करने चलेंगें क्या !!

Chinmayee ने कहा…

बहुत प्यारी रचना !

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

यह गुडिया तो बहुत प्यारी है...

Related Posts with Thumbnails

"सरस पायस" पर प्रकाशित रचनाएँ ई-मेल द्वारा पढ़ने के लिए

नीचे बने आयत में अपना ई-मेल पता भरकर

Subscribe पर क्लिक् कीजिए

प्रेषक : FeedBurner

नियमावली : कोई भी भेज सकता है, "सरस पायस" पर प्रकाशनार्थ रचनाएँ!

"सरस पायस" के अनुरूप बनाने के लिए प्रकाशनार्थ स्वीकृत रचनाओं में आवश्यक संपादन किया जा सकता है। रचना का शीर्षक भी बदला जा सकता है। ये परिवर्तन समूह : "आओ, मन का गीत रचें" के माध्यम से भी किए जाते हैं!

प्रकाशित/प्रकाश्य रचना की सूचना अविलंब संबंधित ईमेल पते पर भेज दी जाती है।

मानक वर्तनी का ध्यान रखकर यूनिकोड लिपि (देवनागरी) में टंकित, पूर्णत: मौलिक, स्वसृजित, अप्रकाशित, अप्रसारित, संबंधित फ़ोटो/चित्रयुक्त व अन्यत्र विचाराधीन नहीं रचनाओं को प्रकाशन में प्राथमिकता दी जाती है।

रचनाकारों से अपेक्षा की जाती है कि वे "सरस पायस" पर प्रकाशनार्थ भेजी गई रचना को प्रकाशन से पूर्व या पश्चात अपने ब्लॉग पर प्रकाशित न करें और अन्यत्र कहीं भी प्रकाशित न करवाएँ! अन्यथा की स्थिति में रचना का प्रकाशन रोका जा सकता है और प्रकाशित रचना को हटाया जा सकता है!

पूर्व प्रकाशित रचनाएँ पसंद आने पर ही मँगाई जाती हैं!

"सरस पायस" बच्चों के लिए अंतरजाल पर प्रकाशित पूर्णत: अव्यावसायिक हिंदी साहित्यिक पत्रिका है। इस पर रचना प्रकाशन के लिए कोई धनराशि ली या दी नहीं जाती है।

अन्य किसी भी बात के लिए सीधे "सरस पायस" के संपादक से संपर्क किया जा सकता है।

आवृत्ति