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बुधवार, अप्रैल 20, 2011

चूहा नाचा : आरती के चित्र के साथ रवि की शिशुकविता

चूहा नाचा

चुहिया ने जब मटर खिलाई, 
चूहा नाचा ज़ोर से! 
बोला, "मैंने तो सीखा है, 
नाच सुहाना मोर से!"




आरती 
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11 टिप्‍पणियां:

संजय भास्‍कर ने कहा…

आरती की ड्राइंग वास्तव में काबिले तारीफ़ है !
शुभकामनाएँ !

संजय भास्‍कर ने कहा…

कितने सुंदर ड्राइंग...... मुझे बहुत अच्छे लगे...

लविज़ा | Laviza ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Saba Akbar ने कहा…

ड्राईंग तो लवी को भी बहुत पसंद है..

जीवन और जगत ने कहा…

अच्‍छे रंग बिखेरे हैं आरती की तूलिका ने।

राज भाटिय़ा ने कहा…

बहुत सुंदर चित्र ओर अति सुंदर कविता जी धन्यवाद

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

सुंदर ड्राइंग...सुंदर पंक्तियाँ

डॉ. नागेश पांडेय संजय ने कहा…

चलिए कोई नाचा तो . .....इतने दिनों के बाद ही सही पर अपनी परम्परा के अनुकूल सरस पायस पर फिर एक उत्तम रचना देखने को मिली . मेरा भी मन नाच उठा . चित्र बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत ........सुन्दर है और शिशुगीत भी ......बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत ........सुन्दर .

Chaitanyaa Sharma ने कहा…

कितनी सुंदर ड्राइंग ...बहुत अच्छी लगी....

Chinmayee ने कहा…

बहुत ही सुन्दर चित्र है !

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

अरे वाह!
ड्रॉइंग के साथ कविता भी!
आरती को आशीर्वाद और आपकी पारखी नजर को सलाम!

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