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सोमवार, मई 23, 2011
हुआ प्यार से : रावेंद्रकुमार रवि की नई शिशुकविता
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6 टिप्पणियां:
बहुत बढ़िया लिखते हैं सर!
सादर
कविता अच्छी है भाई ।
बहुत सुन्दर .....
अहा: टमाटर बड़ा मजेदार
अहा: टमाटर बड़ा मजेदार
जब इस टमाटर को चींटी नेखाया ,
हाथी को भी मार भगाया
mazedar kavita...
बहुत ही मजेदार और बच्चों के लिए रोचक रचना . अति सुन्दर...
http://baal-mandir.blogspot.com
शिशुगीत : निरंकारदेव सेवक
लाल टमाटर-लाल टमाटर ,
मैं तो तुमको खाऊंगा ,
रुक जाओ , मैं थोड़े दिन में
और बड़ा हो जाऊंगा .
लाल टमाटर-लाल टमाटर ,
मुझको भूख लगी भारी ,
भूख लगी है तो तुम खा लो -
ये गाजर मूली सारी .
लाल टमाटर-लाल टमाटर ,
मुझको तो तुम भाते हो .
जो तुमको भाता है भैया ,
उसको क्यों खा जाते हो ?
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