रविवार, जून 27, 2010
"सरस पायस" पर प्रकाशित रचनाएँ ई-मेल द्वारा पढ़ने के लिए
नियमावली : कोई भी भेज सकता है, "सरस पायस" पर प्रकाशनार्थ रचनाएँ!
"सरस पायस" के अनुरूप बनाने के लिए प्रकाशनार्थ स्वीकृत रचनाओं में आवश्यक संपादन किया जा सकता है। रचना का शीर्षक भी बदला जा सकता है। ये परिवर्तन समूह : "आओ, मन का गीत रचें" के माध्यम से भी किए जाते हैं!
प्रकाशित/प्रकाश्य रचना की सूचना अविलंब संबंधित ईमेल पते पर भेज दी जाती है।
मानक वर्तनी का ध्यान रखकर यूनिकोड लिपि (देवनागरी) में टंकित, पूर्णत: मौलिक, स्वसृजित, अप्रकाशित, अप्रसारित, संबंधित फ़ोटो/चित्रयुक्त व अन्यत्र विचाराधीन नहीं रचनाओं को प्रकाशन में प्राथमिकता दी जाती है।
रचनाकारों से अपेक्षा की जाती है कि वे "सरस पायस" पर प्रकाशनार्थ भेजी गई रचना को प्रकाशन से पूर्व या पश्चात अपने ब्लॉग पर प्रकाशित न करें और अन्यत्र कहीं भी प्रकाशित न करवाएँ! अन्यथा की स्थिति में रचना का प्रकाशन रोका जा सकता है और प्रकाशित रचना को हटाया जा सकता है!
पूर्व प्रकाशित रचनाएँ पसंद आने पर ही मँगाई जाती हैं!
"सरस पायस" बच्चों के लिए अंतरजाल पर प्रकाशित पूर्णत: अव्यावसायिक हिंदी साहित्यिक पत्रिका है। इस पर रचना प्रकाशन के लिए कोई धनराशि ली या दी नहीं जाती है।
अन्य किसी भी बात के लिए सीधे "सरस पायस" के संपादक से संपर्क किया जा सकता है।
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- फिर से हो गया गुड्डा : पूर्णिमा वर्मन की एक शिशुकविता
- चलो, प्यार से हम मुस्कराएँ : सरस चर्चा ( 2 )
- चुलबुल द्वारा बनाए गए अनूठे चित्रों की झाँकी
- मन ललचाती : रावेंद्रकुमार रवि का नया शिशुगीत
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- इन्हें देख मन गाने लगता : सरस चर्चा ( 1 )
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- आए जब दो पाखी उड़कर : रावेंद्रकुमार रवि का नया बालगीत
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6 टिप्पणियां:
नन्ही चुलबुली बड़ी होकर जरूर एक अच्छी चित्रकार बनेंगी.... बहुत सुन्दर चित्र बनाया है...
बहुत सुन्दर चर्चा...
अरे वाह निराले अंदाज में एक निराली चर्चा...और नन्ही परी को शामिल करना तो एक surprise जैसा रहा...बहुत आभार आपका...
जल्द ही अपनी शैतानिया बताती है ईशिता....
बहुत ही सुंदर जी
बहुत खूब अंकल जी..शानदार चर्चा. मेरा जहाज तो बहुत प्यारा है. पापा को भी बताउंगी.
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'पाखी की दुनिया' में 'कीचड़ फेंकने वाले ज्वालामुखी' जरुर देखें !
अरे! यह तो पाखी का नया हवाई जहाज लग रहा है!....
बड़ा मजेदार है..शानदार चर्चा..बधाई.
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