"सरस पायस" पर सभी अतिथियों का हार्दिक स्वागत है!

गुरुवार, जुलाई 01, 2010

हुआ सवेरा ... ... . : सलोनी राजपूत का नया शिशुगीत

हुआ सवेरा ... ... .

हुआ सवेरा चिड़िया चहकी,
फूल खिल उठे, बगिया महकी!

झूला झूल रहा है बंदर,
चूहा खाए लाल चुकंदर!
फोड़ रही अखरोट गिलहरी,
आसमान में लाली ठहरी!
हवा चली कुछ बहकी-बहकी,
हुआ सवेरा ... ... .

पूँछ हिलाता गिरगिट आया,
मेढक ने तब उसे चिढ़ाया!
आई तितली पंख पसारे,
देखें उसको टिड्डे सारे!
इन्हें देखकर कोयल कुहकी,
हुआ सवेरा ... ... .


सलोनी राजपूत

14 टिप्‍पणियां:

निर्मला कपिला ने कहा…

सुबह की चिडिया की चहक जैसी सुन्दर कविता है। बधाई

शारदा अरोरा ने कहा…

वाह वाह , मज़ा आ गया , सुन्दर बालगीत

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

सुन्दर बालगीत है!
--
बड़ी होकर सलोनी राजपूत एक महान साहित्यकार बनेंगी!

girish pankaj ने कहा…

saloni ka salona geet parh kar mazaa aa gaya..

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बहुत सुन्दर शिशुगीत,....सलोनी को बहुत सी शुभकामनायें

राजकुमार सोनी ने कहा…

बहुत ही प्यारी कविता लगी।

माधव( Madhav) ने कहा…

sundar kavitaa

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर पोस्ट!
--
आपकी चर्चा तो यहाँ भी है!
http://charchamanch.blogspot.com/2010/07/203.html

अनामिका की सदायें ...... ने कहा…

सलोनी कहती उठ जाओ अब
तो कैसे हम सो पाएंगे..
इत्ता अच्छा गीत लिखे वो
कैसे कतरा के निकल जायेंगे.

रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…

गिरीश पंकज (girish pankaj) जी की टिप्पणी का लिप्यांतरण --

सलोनी का सलोना गीत पढ़कर मज़ा आ गया ..
saloni ka salona geet parh kar mazaa aa gaya..

siddheshwar singh ने कहा…

अच्छा लिखा सलोनी ! शुभम!
याद रहे गद्य को कवियों का निकष कहा गया है, सो कुछ गद्य भी लिखो!

रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…

सलोनी जी की कहानी भी प्राप्त हो चुकी है!
शीघ्र ही उसे भी "सरस पायस" पर प्रकाशित किया जाएगा!

रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…

एक और शुभ सूचना --

सलोनी जी का यह गीत जल्दी ही एक बहुत बढ़िया
रंग-रँगीली पत्रिका में भी प्रकाशित होनेवाला है!
--
सलोनी जी को बहुत-बहुत बधाई!

रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…

सलोनी राजपूत का यह शिशुगीत
चकमक के अगस्त 2010 के अंक में प्रकाशित किया गया है!
--
आप भी देखिए - "हुआ सवेरा"

Related Posts with Thumbnails

"सरस पायस" पर प्रकाशित रचनाएँ ई-मेल द्वारा पढ़ने के लिए

नीचे बने आयत में अपना ई-मेल पता भरकर

Subscribe पर क्लिक् कीजिए

प्रेषक : FeedBurner

नियमावली : कोई भी भेज सकता है, "सरस पायस" पर प्रकाशनार्थ रचनाएँ!

"सरस पायस" के अनुरूप बनाने के लिए प्रकाशनार्थ स्वीकृत रचनाओं में आवश्यक संपादन किया जा सकता है। रचना का शीर्षक भी बदला जा सकता है। ये परिवर्तन समूह : "आओ, मन का गीत रचें" के माध्यम से भी किए जाते हैं!

प्रकाशित/प्रकाश्य रचना की सूचना अविलंब संबंधित ईमेल पते पर भेज दी जाती है।

मानक वर्तनी का ध्यान रखकर यूनिकोड लिपि (देवनागरी) में टंकित, पूर्णत: मौलिक, स्वसृजित, अप्रकाशित, अप्रसारित, संबंधित फ़ोटो/चित्रयुक्त व अन्यत्र विचाराधीन नहीं रचनाओं को प्रकाशन में प्राथमिकता दी जाती है।

रचनाकारों से अपेक्षा की जाती है कि वे "सरस पायस" पर प्रकाशनार्थ भेजी गई रचना को प्रकाशन से पूर्व या पश्चात अपने ब्लॉग पर प्रकाशित न करें और अन्यत्र कहीं भी प्रकाशित न करवाएँ! अन्यथा की स्थिति में रचना का प्रकाशन रोका जा सकता है और प्रकाशित रचना को हटाया जा सकता है!

पूर्व प्रकाशित रचनाएँ पसंद आने पर ही मँगाई जाती हैं!

"सरस पायस" बच्चों के लिए अंतरजाल पर प्रकाशित पूर्णत: अव्यावसायिक हिंदी साहित्यिक पत्रिका है। इस पर रचना प्रकाशन के लिए कोई धनराशि ली या दी नहीं जाती है।

अन्य किसी भी बात के लिए सीधे "सरस पायस" के संपादक से संपर्क किया जा सकता है।

आवृत्ति