"सरस पायस" के अनुरूप बनाने के लिए प्रकाशनार्थ स्वीकृत रचनाओं में आवश्यक संपादन किया जा सकता है। रचना का शीर्षक भी बदला जा सकता है। ये परिवर्तन समूह : "आओ, मन का गीत रचें" के माध्यम से भी किए जाते हैं!
प्रकाशित/प्रकाश्य रचना की सूचना अविलंब संबंधित ईमेल पते पर भेज दी जाती है।
मानक वर्तनी का ध्यान रखकर यूनिकोड लिपि (देवनागरी) में टंकित, पूर्णत: मौलिक, स्वसृजित, अप्रकाशित, अप्रसारित, संबंधित फ़ोटो/चित्रयुक्त व अन्यत्र विचाराधीन नहीं रचनाओं को प्रकाशन में प्राथमिकता दी जाती है।
रचनाकारों से अपेक्षा की जाती है कि वे "सरस पायस" पर प्रकाशनार्थ भेजी गई रचना को प्रकाशन से पूर्व या पश्चात अपने ब्लॉग पर प्रकाशित न करें और अन्यत्र कहीं भी प्रकाशित न करवाएँ! अन्यथा की स्थिति में रचना का प्रकाशन रोका जा सकता है और प्रकाशित रचना को हटाया जा सकता है!
पूर्व प्रकाशित रचनाएँ पसंद आने पर ही मँगाई जाती हैं!
"सरस पायस" बच्चों के लिए अंतरजाल पर प्रकाशित पूर्णत: अव्यावसायिक हिंदी साहित्यिक पत्रिका है। इस पर रचना प्रकाशन के लिए कोई धनराशि ली या दी नहीं जाती है।
अन्य किसी भी बात के लिए सीधे "सरस पायस" के संपादक से संपर्क किया जा सकता है।
8 टिप्पणियां:
NAI KAVITA SUNDAR HAI..INDRADHANUSH SEE SUNDAR...
प्रत्येक मन में अनेक विशेषताएं छुपी होती है,जिन्हें जागृत करके ही व्यिक्ति का जीवन सफल और सार्थक बन सकता है।
सुन्दर
हवा
जब धीरे-से
स्पर्श करती है,
मन रिमझिम के
संगीत के साथ
झंकृत होकर
प्रीत का गीत
गाने लगता है!
मेरा मन
मुझे ही
लुभाने लगता है!
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति! अच्छी रचना के लिए आपको बधाई.
-सुधीर सक्सेना 'सुधि'
बहुत सुन्दर कविता, प्रकृति के रंगों में रंगी एक ताजगी भरी रचना, बेहद प्रभावशाली, बहुत सुन्दर, बहुत खूब! बेहतरीन!
बहुत सुन्दर कविता,
बहुत सुन्दर रचना...
किसका मन नहीं लुभाएगा ...
सुबह इतनी पावन हो तो ...
मुग्ध कर दिया कविता ने ...!
एक टिप्पणी भेजें