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शनिवार, अक्तूबर 02, 2010

अंत भला, तो सब भला : रावेंद्रकुमार रवि का एक फ़ोटो फ़ीचर

हमारे विद्यालय में भी
गांधी जी और शास्त्री जी की जयंती मनाई जा रही थी!
एक गुरु जी इस जयंती के बारे में बता रहे थे!

अचानक गुरु जी को बहुत ज़ोर से ग़ुस्सा आ गया!
एक छात्र की तरफ इशारा करके वे चीखे -
"क्या कर रहा है? क्यों हँस रहा है?
चल, खड़ा हो जा! अब तू ऐसे ही खड़ा रहेगा!"

वह बेचारा खड़ा हो गया!
उसे क्या पता था कि बच्चों को बेहद प्यार करनेवाले
गांधी जी और शास्त्री जी के
जन्मदिन पर भी उसे सज़ा मिल सकती है!


कुछ देर बाद एक दूसरे गुरु जी ने
उसे बुलाकर उन कुर्सियों के पीछे बैठा दिया,
जिन पर गांधी जी और शास्त्री जी के चित्र रखे हुए थे!


कुछ देर बाद एक तीसरे गुरु जी को ध्यान आया
कि यह तो बहुत होशियार लड़का है!
उन्होंने कहा कि इससे कुछ सुनो!

सभी ने उनकी इस बात का एकमत से समर्थन किया!
"अब जब बोल नहीं पाएगा, तो इसे हँसने का मतलब पता चलेगा!"
किसी ने यह फ़िक़रा भी कसा!

पर जब उसने बोलना शुरू किया, तो बोलता ही चला गया!
बिना कोई परचा देखे उसने मुँहज़बानी इन दोनों विभूतियों के बारे में
बहुत कुछ बखान कर दिया!

सभी लोगों ने ख़ुश होकर तालियाँ बजाईं
और उसे अपने स्थान पर बैठने के लिए कह दिया गया!


कक्षा : सात के इस छात्र का नाम "शारिक़" है!
मैं इसे गणित पढ़ाता हूँ!

पढ़ने-लिखने में होशियार होने पर भी
अपनी चंचलता और उतावलेपन के कारण
वह अपने से बड़ों के ग़ुस्से का शिकार हो जाता है!

पर आज की घटना ने अंत में उसे ख़ुश कर दिया!
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♥♥ रावेंद्रकुमार रवि ♥♥
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14 टिप्‍पणियां:

माधव( Madhav) ने कहा…

first of all excuse me for commenting in English, Bcoz, Hindi is not available right now.I hope u will understand .

bahut rochak prasang
but nice to see the end. well said , the last lough is the best lough

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

दो अक्टूबर को जन्मे,
दो भारत भाग्य विधाता।
लालबहादुर-गांधी जी से,
था जन-गण का नाता।।
इनके चरणों में मैं,
श्रद्धा से हूँ शीश झुकाता।।

Shubham Jain ने कहा…

बच्चे कितने मासूम होते है.... पहले अपनी शरारतो से हमें तंग करते है फिर अपनी प्रतिभा से हमें ऐसा चकित करते है की एक बार को तो विश्वास करना मुश्किल हो जाये....
बहुत अच्छा लगा शरीक के बारे में पढ़ कर |

निर्मला कपिला ने कहा…

लालबहादुर शास्त्री जी व बापू गांधी जी को शत शत नमन।

डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumar ने कहा…

लाल बहादुर शास्त्री एवं ग़ांधी जयन्ती की हार्दिक शुभकामनाएं।----आश्चर्य है कि सर्वशिक्षा अभियान और युनिसेफ़ के इतने प्रयासों के बाद भी अभी भी स्कूलों में बच्चों के साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है।

राज भाटिय़ा ने कहा…

बहुत सुंदर, बच्चो मै चंचलता तो होती ही हे, ओर ऎसे बच्चे आगे जा कर खुब नाम कमाते है, हमारा प्यार इस शरारती को.
लालबहादुर शास्त्री जी वा गांधी जी को शत शत नमन।

पूनम श्रीवास्तव ने कहा…

विद्यालय के समारोह का एकदम सजीव फ़ोटो फ़ीचर ---बापू और शास्त्री जी के जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनायें।

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

बहुत ही अच्छी पोस्ट...... लालबहादुर शास्त्री जी वा गांधी जी को शत शत नमन।

Archana Chaoji ने कहा…

बच्चो के मन को समझना जरूरी है...बहुमुखी प्रतिभा के धनी होते है वे ...शाकिर तक मेरी बधाई व् आशीर्वाद के साथ शुभकामनाए जरुर पहुचैयेगा |आभार ...

रानीविशाल ने कहा…

बहुत अच्छा प्रसंग बताया आपने .....दोनों विभूतियों को नमन
नन्ही ब्लॉगर
अनुष्का

Unknown ने कहा…

Sumit acha he

Unknown ने कहा…

Sumit acha he

Unknown ने कहा…

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Paise Ka Gyan ने कहा…

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