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बुधवार, अक्तूबर 06, 2010

राष्ट्रीय बालविज्ञान कांग्रेस, खटीमा २०१० के श्रेष्ठ बालवैज्ञानिक

"भूमि संसाधन : संपन्नता के लिए उपयोग करें, समृद्धि के लिए बचाएँ"
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यह अट्ठारहवीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस : 2010 का मुख्य विषय है!

- इसके अंतर्गत छ: उपविषय हैं -
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अपनी भूमि को जानो
भूमि के कार्य
भूमि के गुण
भूमि पर मानव जनित गतिविधियाँ
भूमि संसाधनों का दीर्घकालिक उपयोग
भूमि उपयोग हेतु सामुदायिक ज्ञान
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इन उपविषयों पर आधारित अनुभव शोध-प्रपत्र
तैयार करने हेतु अपने विकासखंड : खटीमा के शिक्षकों को
प्रशिक्षण देने के लिए मास्टर ट्रेनर के रूप में मेरा चयन किया गया!
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मैंने अपने विद्यालय के बालवैज्ञानिकों के दो समूहों को
अनुभव शोध-प्रपत्र तैयार करवाने के लिए मार्गदर्शक शिक्षक का कार्य भी किया!
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विकासखंड-स्तर पर हुए प्रदर्शन में 43 प्रतिभागियों में से मेरे
राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, चारुबेटा के इन दोनों समूहों
और शिक्षा भारती इंटर कॉलेज, खटीमा के चार समूहों ने श्रेष्ठ प्रदर्शन किया!
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आज मैं इन समूहों के प्रमुख बालवैज्ञानिकों से आपका परिचय करा रहा हूँ!
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सबसे पहले मिलते हैं जूनियर वर्ग के श्रेष्ठ बालवैज्ञानिकों से!
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शिक्षा भारती इंटर कॉलेज, खटीमा में अध्ययनरत
जागृति कक्षा : आठ की छात्रा है!
पर्वतीय बालमंच द्वारा सम्मानित "जागृति"
अपनी कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त कर चुकी है!
उसने अपना अनुभव शोध-प्रपत्र
शिक्षक ललितमोहन भगवाल के मार्गदर्शन में तैयार किया, जिसका विषय था -
मृदा प्रदूषण एवं संरक्षण!
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राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, चारुबेटा में अध्ययनरत
"सरोजनी" कक्षा : नौ की छात्रा है!
वह हमेशा अपनी कक्षा में प्रथम आती है!
सामान्य ज्ञान, भाषण आदि बहुत-सी प्रतियोगिताओं में
उसे प्रथम स्थान प्राप्त हो चुका है!
गाइड प्रतियोगिता में वह द्वितीय स्थान पर रही!
उसने अपना अनुभव शोध-प्रपत्र
शिक्षक रावेंद्रकुमार के मार्गदर्शन में तैयार किया, जिसका विषय था -
चारुबेटा की भूमि व जन-जीवन पर अगैती फसलों का प्रभाव!
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राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, चारुबेटा में अध्ययनरत
"ललिता" कक्षा : नौ की छात्रा है!
वह हमेशा अपनी कक्षा में प्रथम श्रेणी के अंक प्राप्त करती है!
सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में उसे द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ!
उसने अपना अनुभव शोध-प्रपत्र
शिक्षक रावेंद्रकुमार के मार्गदर्शन में तैयार किया, जिसका विषय था -
चारुबेटा की भूमि व जन-जीवन पर कीटनाशकों का प्रभाव!
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और अब मिलते हैं सीनियर वर्ग के श्रेष्ठ बालवैज्ञानिकों से!
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शिक्षा भारती इंटर कॉलेज, खटीमा में अध्ययनरत
प्रियंका नेगी कक्षा : ग्यारह की छात्रा है!
अपनी कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करनेवाली प्रियंका नेगी
कला प्रतियोगिता में भी उच्च स्थान प्राप्त कर चुकी है!
बाल विज्ञान कांग्रेस : 2009 में वह जूनियर वर्ग में
राज्य स्तर पर सम्मानित हो चुकी है!
उसकी सबसे महत्त्वपूर्ण विशेषता यह है कि वह कभी धैर्य नहीं खोती!
43 प्रतियोगियों में सबसे अंत में उसे अपना
अनुभव शोध-प्रपत्र प्रस्तुत करने का अवसर प्राप्त हुआ,
पर इतनी लंबी प्रतीक्षा के बाद भी उसने बहुत अच्छे ढंग से प्रस्तुतीकरण किया!
उसने अपना अनुभव शोध-प्रपत्र
शिक्षक प्रदीप मेहता के मार्गदर्शन में तैयार किया, जिसका शीर्षक था -
मिट्टी की उर्वरा शक्ति पर रासायनिक खादों का प्रभाव!
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शिक्षा भारती इंटर कॉलेज, खटीमा में अध्ययनरत
राहुल गंगवार कक्षा : ग्यारह का छात्र है!
शिशु भारती की तरफ से राज्य स्तर पर सम्मानित राहुल
भाषण प्रतियोगिता में भी उच्च स्थान प्राप्त कर चुका है!
उसने अपना अनुभव शोध-प्रपत्र
शिक्षक प्रदीप मेहता के मार्गदर्शन में तैयार किया, जिसका शीर्षक था -
भुमि संसाधनों पर महान संकट : पॉलीथीन!
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शिक्षा भारती इंटर कॉलेज, खटीमा में अध्ययनरत
कुलदीप प्रजापति कक्षा : दस का छात्र है!
वह भी कक्षा में प्रथम स्थान करने के साथ-साथ
विज्ञान प्रदर्शनी में भी उच्च स्थान प्राप्त कर चुका है!
बाल विज्ञान कांग्रेस : 2009 में वह जूनियर वर्ग में
राज्य स्तर पर सम्मानित हो चुका है!
उसने अपना अनुभव शोध-प्रपत्र
शिक्षक ललितमोहन भगवाल के मार्गदर्शन में तैयार किया, जिसका शीर्षक था -
मानवीय कृत्यों से प्रभावित मृदा की उर्वरक क्षमता!
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सरस पायस और मेरी तरफ से इन सभी बालवैज्ञानिकों को बहुत-बहुत बधाई!
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♣♣ रावेंद्रकुमार रवि ♣♣
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13 टिप्‍पणियां:

राज भाटिय़ा ने कहा…

सभी बच्चो को बधाई ओर प्यार, यही बच्चे आगे चल कए इस देश को समभालेंगे

माधव( Madhav) ने कहा…

सभी बच्चो को बधाई

Chaitanyaa Sharma ने कहा…

सभी भैया और दीदी बधाई स्वीकारें......

रवि अंकल..... थैंक यू.... कितनी अच्छी सी पोस्ट लगाई है.... सब बच्चों को प्रेरणा देने वाली...

रानीविशाल ने कहा…

सभी बाल वैज्ञानिकों से मिलकर बहुत प्रसन्नता हुई ...आप सभी को बहुत बहुत बधाइयाँ.
नन्ही ब्लॉगर
अनुष्का

राजभाषा हिंदी ने कहा…

सभी बच्चों को प्यार व बधाई! ये हमारे भविष्य हैं। बहुत अच्छी प्रस्तुति। राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।
मध्यकालीन भारत-धार्मिक सहनशीलता का काल (भाग-२), राजभाषा हिन्दी पर मनोज कुमार की प्रस्तुति, पधारें

Shubham Jain ने कहा…

सभी बच्चो को और आपको बहुत बधाई...

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

खाटीमा के इन नन्हे वैज्ञानिकों को बधाई!
--
आपकी इस पोस्ट की चर्चा
बाल चर्चा मंच पर भी की गई है!
http://mayankkhatima.blogspot.com/2010/10/21.html

शरद कोकास ने कहा…

इन बच्चों को प्यार और शुभकामनायें ।

Akanksha Yadav ने कहा…

सभी बाल वैज्ञानिकों को बधाई.

रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…

ई-पत्र द्वारा प्राप्त संदेश लिप्यांतरण के साथ -

आपको व आपके सभी विद्यार्थियों को मेरी भी बधाई।
aapko v aapke sabhi fvdhyarthiyo ko meri bhi badhaee.

डॉ. दिनेश पाठक शशि। मथुरा।
Dr.Dinesh Pathak Shashi. Mathura.

गिरिजा कुलश्रेष्ठ ने कहा…

इन होनहार बच्चों के लिये असीम शुभकामनाएं , स्नेह व बधाई । और उचित दिग्दर्शन के लिये उनके प्रतिभावान् शिक्षकों को भी ढेर सारी बधाइयाँ ।

Paise Ka Gyan ने कहा…

Vitthal Mandir Pandharpur
DNA in Hindi
Rani Ki Vav
Saxophone in Hindi
Swarn Mandir Amritsar
Tatya Tope
Surdas in Hindi
Janjira Fort

Paise Ka Gyan ने कहा…

Raigad Fort
Meenakshi Temple Madurai
Chandrashekhar Azad Hindi
Vinayak Damodar Savarkar
Pavagadh Mandir
Mahalakshmi Temple Kolhapur
Purnagiri Mandir
Meenakshi Temple Madurai

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