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रविवार, अक्तूबर 10, 2010

माँ होती है सबसे प्यारी : रावेंद्रकुमार रवि की शिशुकविता

माँ होती है सबसे प्यारी


कभी न छोड़े साथ हमारा,
इस दुनिया में सबसे न्यारी!
हमको प्यार बहुत करती है,
माँ होती है सबसे प्यारी!

रावेंद्रकुमार रवि

17 टिप्‍पणियां:

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

सच में माँ होती ही है सबसे प्यारी ......
बहुत सुंदर पंक्तियाँ

मनोज कुमार ने कहा…

इस लघु कविता के गार में इसमें भवनाओं का सागर भरा है।

रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…

मनोज जी की टिप्पणी में गार को गागर पढ़ने की कृपा करें!

Chaitanyaa Sharma ने कहा…

बहुत सुंदर कविता है.... रवि अंकल माँ प्यारी ही होती है....
आपने फोटो भी बहुत अच्छी लगाई है......

राज भाटिय़ा ने कहा…

आप ने बहुत सुंदर कविता लिखी मां पर, सच हे मां जेसा कोई नही, धन्यवाद

डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumar ने कहा…

मां के ऊपर इतने कम शब्दों में बहुत कुछ लिख दिया आपने रवि जी----प्यारी रचना।

शरद कोकास ने कहा…

बहुत सुन्दर चित्र और कविता ।

संजय भास्‍कर ने कहा…

बहुत सुंदर रचना, आप सब को नवरात्रो की शुभकामनायें,

संजय भास्‍कर ने कहा…

आपने बहुत ही उम्दा रचना लिखी है!

ZEAL ने कहा…

.

माँ - इस शब्द में तो समस्त ब्रम्हांड समाया हुआ है।

.

माधव( Madhav) ने कहा…

बहुत सुंदर पंक्तियाँ

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

नवरात्रों में माँ का प्यार सबको मिले!
--
आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है!
http://mayankkhatima.blogspot.com/2010/10/22.html

रंजन ने कहा…

wonderful!!

उपेन्द्र नाथ ने कहा…

बहुत ही अच्छी प्रस्तुति ...


www.srijanshikhar.blogspot.com पर " क्योँ जिन्दा हो रावण "

डॉ. नागेश पांडेय संजय ने कहा…

यह कविता मन को छू गई।

प्रदीप सिंह ने कहा…

रवि सर उक्त कविता दिल को छू गर्इ,

रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…

आप सभी का आभार!

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