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17 टिप्पणियां:
सच में माँ होती ही है सबसे प्यारी ......
बहुत सुंदर पंक्तियाँ
इस लघु कविता के गार में इसमें भवनाओं का सागर भरा है।
मनोज जी की टिप्पणी में गार को गागर पढ़ने की कृपा करें!
बहुत सुंदर कविता है.... रवि अंकल माँ प्यारी ही होती है....
आपने फोटो भी बहुत अच्छी लगाई है......
आप ने बहुत सुंदर कविता लिखी मां पर, सच हे मां जेसा कोई नही, धन्यवाद
मां के ऊपर इतने कम शब्दों में बहुत कुछ लिख दिया आपने रवि जी----प्यारी रचना।
बहुत सुन्दर चित्र और कविता ।
बहुत सुंदर रचना, आप सब को नवरात्रो की शुभकामनायें,
आपने बहुत ही उम्दा रचना लिखी है!
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माँ - इस शब्द में तो समस्त ब्रम्हांड समाया हुआ है।
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बहुत सुंदर पंक्तियाँ
नवरात्रों में माँ का प्यार सबको मिले!
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आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है!
http://mayankkhatima.blogspot.com/2010/10/22.html
wonderful!!
बहुत ही अच्छी प्रस्तुति ...
www.srijanshikhar.blogspot.com पर " क्योँ जिन्दा हो रावण "
यह कविता मन को छू गई।
रवि सर उक्त कविता दिल को छू गर्इ,
आप सभी का आभार!
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