"सरस पायस" पर सभी अतिथियों का हार्दिक स्वागत है!

शुक्रवार, अक्तूबर 22, 2010

मैं हूँ मधुमक्खी मस्तानी : रावेंद्रकुमार रवि की बालकविता

फूल मुझे अच्छे लगते हैं

शहर वाली मधुमक्खी का शहद स्वादिष्ट

मैं हूँ मधुमक्खी मस्तानी,
सदा करूँ अपनी मनमानी!
फूल-फूल पर फिरूँ महकती,
बनकर मैं फूलों की रानी!

जो मुझको है नहीं सताता,
उसको गुन-गुन गीत सुनाऊँ!
किंतु छेड़ता है जो मुझको,
उसके दोनों गाल सुजाऊँ!

फूल मुझे अच्छे लगते हैं,
इनमें मेरे प्राण सरसते!
मेरा मन हर्षित होता है,
जब भी ये खिल-खिलकर हँसते!


रावेंद्रकुमार रवि
-----------------------------------------------------------

9 टिप्‍पणियां:

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

फूल मुझे अच्छे लगते हैं,
इनमें मेरे प्राण सरसते!
मेरा मन हर्षित होता है,
जब भी ये खिल-खिलकर हँसते!
************************

वाह, कित्ती प्यारी कविता..मीठी -मीठी. इसमें तो मैं भी दिख रही हूँ. रवि अंकल जी को ढेर सारा प्यार और आभार !!

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर कविता है!
--

Chaitanyaa Sharma ने कहा…

बहुत ही मिठास भरी कविता है.... रवि अंकल..

निर्मला कपिला ने कहा…

मधुमक्खी बहुत अच्छी लगी। शुभकामनायें।

रानीविशाल ने कहा…

बहुत ही सुन्दर रचना ....धन्यवाद !

रानीविशाल ने कहा…

नन्ही ब्लॉगर
अनुष्का

रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…

मेल से प्राप्त संदेश -

भाई रवि जी, नमन।
Bhai Ravi ji, naman.
मधुमक्खी के ऊपर सुंदर बालगीत है आपका।
madhumakkhi k upar sundar bal geet hai aapka.
डॉ.दिनेश पाठक शशि। मथुरा।
Dr.Dinesh Pathak Shashi. mathura.

Saba Akbar ने कहा…

बहुत सुन्दर बाल कविता

प्रदीप सिंह ने कहा…

मधुमक्खी के शहद जितनी मीठी कविता.....।

Related Posts with Thumbnails

"सरस पायस" पर प्रकाशित रचनाएँ ई-मेल द्वारा पढ़ने के लिए

नीचे बने आयत में अपना ई-मेल पता भरकर

Subscribe पर क्लिक् कीजिए

प्रेषक : FeedBurner

नियमावली : कोई भी भेज सकता है, "सरस पायस" पर प्रकाशनार्थ रचनाएँ!

"सरस पायस" के अनुरूप बनाने के लिए प्रकाशनार्थ स्वीकृत रचनाओं में आवश्यक संपादन किया जा सकता है। रचना का शीर्षक भी बदला जा सकता है। ये परिवर्तन समूह : "आओ, मन का गीत रचें" के माध्यम से भी किए जाते हैं!

प्रकाशित/प्रकाश्य रचना की सूचना अविलंब संबंधित ईमेल पते पर भेज दी जाती है।

मानक वर्तनी का ध्यान रखकर यूनिकोड लिपि (देवनागरी) में टंकित, पूर्णत: मौलिक, स्वसृजित, अप्रकाशित, अप्रसारित, संबंधित फ़ोटो/चित्रयुक्त व अन्यत्र विचाराधीन नहीं रचनाओं को प्रकाशन में प्राथमिकता दी जाती है।

रचनाकारों से अपेक्षा की जाती है कि वे "सरस पायस" पर प्रकाशनार्थ भेजी गई रचना को प्रकाशन से पूर्व या पश्चात अपने ब्लॉग पर प्रकाशित न करें और अन्यत्र कहीं भी प्रकाशित न करवाएँ! अन्यथा की स्थिति में रचना का प्रकाशन रोका जा सकता है और प्रकाशित रचना को हटाया जा सकता है!

पूर्व प्रकाशित रचनाएँ पसंद आने पर ही मँगाई जाती हैं!

"सरस पायस" बच्चों के लिए अंतरजाल पर प्रकाशित पूर्णत: अव्यावसायिक हिंदी साहित्यिक पत्रिका है। इस पर रचना प्रकाशन के लिए कोई धनराशि ली या दी नहीं जाती है।

अन्य किसी भी बात के लिए सीधे "सरस पायस" के संपादक से संपर्क किया जा सकता है।

आवृत्ति