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मंगलवार, अप्रैल 27, 2010

मेरा मन मुस्काया : रावेंद्रकुमार रवि का नया शिशुगीत

मेरा मन मुस्काया
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खिल-खिल करके, खिल-खिल करके,
मेरा मन मुस्काया
मेरी चिड़िया ने जब मुझको,
मीठा गीत सुनाया -
खिल-खिल करके, खिल-खिल करके,
मेरा मन मुस्काया!

मेरे पिल्ले ने जब बढ़कर,
मुझसे हाथ मिलाया -
खिल-खिल करके, खिल-खिल करके,
मेरा मन मुस्काया!

मेरे तोते ने जब मुझको,
लेकर नाम बुलाया -
खिल-खिल करके, खिल-खिल करके,
मेरा मन मुस्काया!

(पहले चित्र में : प्रियांशु ओम) 
(अन्य चित्र : गूगल सर्च से साभार)

10 टिप्‍पणियां:

M VERMA ने कहा…

बहुत सुन्दर बाल गीत
बहुत सुन्दर चित्र

दिव्य नर्मदा divya narmada ने कहा…

सरस, सरल, सुन्दर, मधुर, मुझको भाया गीत.
कलरव-कलकल सुन सखे, बढे ह्रदय में प्रीत.

राज भाटिय़ा ने कहा…

बहुत ही सुंदर चित्र ओर बाल कविता.
धन्यवाद

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बहुत सुन्दर शिशुगीत ...और चित्र तो कमाल के हैं..प्रियांशु ओम का चित्र नहीं खुला.. :(:

हिंदीब्लॉगजगत ने कहा…

ब्लौगर मित्र, आपको यह जानकार प्रसन्नता होगी कि आपके इस उत्तम ब्लौग को ब्लॉगजगत में स्थान दिया गया है. ब्लॉगजगत ऐसा उपयोगी मंच है जहाँ हिंदी के सबसे अच्छे ब्लौगों और ब्लौगरों को ही प्रवेश दिया गया है, यह आप स्वयं ही देखकर जान जायेंगे.
आप इसी प्रकार रचनाधर्मिता को बनाये रखें. धन्यवाद.

रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…

संगीता जी,
सबसे सुंदर फ़ोटो तो प्रियांशु जी की है!
--
अब यह जल्दी-जल्दी खुलने लगा है!
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देखने के लिए जल्दी से आ जाइए!

माधव( Madhav) ने कहा…

खुबसूरत गीत और सुन्दर तसवीरें
आप इसी प्रकार रचनाधर्मिता को बनाये रखें. धन्यवाद

nilesh mathur ने कहा…

सुन्दर गीत !

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

बहुत प्यारा गीत है..मजा आ गया पढ़कर.

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पाखी की दुनिया में इस बार चिड़िया-टापू की सैर !!

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

सुन्दर चित्र और मनभावन शिशु-गीत को पढ़कर
तो मेरा भी मन खिल उठा यानि मुस्काने लगा!

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