गुरुवार, जुलाई 01, 2010
हुआ सवेरा ... ... . : सलोनी राजपूत का नया शिशुगीत
"सरस पायस" पर प्रकाशित रचनाएँ ई-मेल द्वारा पढ़ने के लिए
नियमावली : कोई भी भेज सकता है, "सरस पायस" पर प्रकाशनार्थ रचनाएँ!
"सरस पायस" के अनुरूप बनाने के लिए प्रकाशनार्थ स्वीकृत रचनाओं में आवश्यक संपादन किया जा सकता है। रचना का शीर्षक भी बदला जा सकता है। ये परिवर्तन समूह : "आओ, मन का गीत रचें" के माध्यम से भी किए जाते हैं!
प्रकाशित/प्रकाश्य रचना की सूचना अविलंब संबंधित ईमेल पते पर भेज दी जाती है।
मानक वर्तनी का ध्यान रखकर यूनिकोड लिपि (देवनागरी) में टंकित, पूर्णत: मौलिक, स्वसृजित, अप्रकाशित, अप्रसारित, संबंधित फ़ोटो/चित्रयुक्त व अन्यत्र विचाराधीन नहीं रचनाओं को प्रकाशन में प्राथमिकता दी जाती है।
रचनाकारों से अपेक्षा की जाती है कि वे "सरस पायस" पर प्रकाशनार्थ भेजी गई रचना को प्रकाशन से पूर्व या पश्चात अपने ब्लॉग पर प्रकाशित न करें और अन्यत्र कहीं भी प्रकाशित न करवाएँ! अन्यथा की स्थिति में रचना का प्रकाशन रोका जा सकता है और प्रकाशित रचना को हटाया जा सकता है!
पूर्व प्रकाशित रचनाएँ पसंद आने पर ही मँगाई जाती हैं!
"सरस पायस" बच्चों के लिए अंतरजाल पर प्रकाशित पूर्णत: अव्यावसायिक हिंदी साहित्यिक पत्रिका है। इस पर रचना प्रकाशन के लिए कोई धनराशि ली या दी नहीं जाती है।
अन्य किसी भी बात के लिए सीधे "सरस पायस" के संपादक से संपर्क किया जा सकता है।
आवृत्ति
-
►
2012
(1)
- ► जनवरी 2012 (1)
-
►
2011
(81)
- ► दिसंबर 2011 (2)
- ► नवंबर 2011 (2)
- ► अक्तूबर 2011 (2)
- ► सितंबर 2011 (1)
- ► अगस्त 2011 (2)
- ► जुलाई 2011 (4)
- ► अप्रैल 2011 (4)
- ► मार्च 2011 (7)
- ► फ़रवरी 2011 (16)
- ► जनवरी 2011 (16)
-
▼
2010
(146)
- ► दिसंबर 2010 (13)
- ► नवंबर 2010 (17)
- ► अक्तूबर 2010 (14)
- ► सितंबर 2010 (15)
- ► अगस्त 2010 (14)
-
▼
जुलाई 2010
(18)
- आओ, हम भी नाचें-गाएँ : सूर्यकुमार पांडेय की शिशुकविता
- गुनगुन करती आई गुनगुन : सरस चर्चा ( 7 )
- चलते-चलते : गुलज़ार की एक नई कविता
- कमल के फूलों-जैसे : नीलेश माथुर की नई कविता
- मेरा मन : रावेंद्रकुमार रवि की नई कविता
- क्या बात है मेरे लाल : सरस चर्चा ( 6 )
- सुन, ओ सरस! सुन ... : अरविंद राज का नया बालगीत
- मस्ती करने को मन तरसे : गिरीश पंकज के चार शब्द-चित्र
- मस्ती में : पूर्णिमा वर्मन का एक शिशुगीत
- नए जहाँ के इन बच्चों में होशियारी है बहुत : सरस चर...
- मेधावी सिंह के चित्र के साथ रावेंद्रकुमार रवि का न...
- सूरज आया : विश्वबंधु की चित्रकारी उनके नए शिशुगीत ...
- सरस पायस को मिला "बेस्ट इन कंप्यूटर्स" अवार्ड
- बच्चों को नाजुक हाथों से चाँद-सितारे छूने दो : सरस...
- सरस पायस को मिला स्वर्ण पदक : विज्ञान प्रयोग प्रदर...
- सरस पायस को मिला कांस्य पदक : परियोजना पुरस्कृत
- ख़ुशियों की बारात हो रही : सरस चर्चा ( 3 )
- हुआ सवेरा ... ... . : सलोनी राजपूत का नया शिशुगीत
- ► अप्रैल 2010 (8)
- ► मार्च 2010 (7)
- ► फ़रवरी 2010 (9)
- ► जनवरी 2010 (7)
-
►
2009
(4)
- ► दिसंबर 2009 (3)
- ► नवंबर 2009 (1)
14 टिप्पणियां:
सुबह की चिडिया की चहक जैसी सुन्दर कविता है। बधाई
वाह वाह , मज़ा आ गया , सुन्दर बालगीत
सुन्दर बालगीत है!
--
बड़ी होकर सलोनी राजपूत एक महान साहित्यकार बनेंगी!
saloni ka salona geet parh kar mazaa aa gaya..
बहुत सुन्दर शिशुगीत,....सलोनी को बहुत सी शुभकामनायें
बहुत ही प्यारी कविता लगी।
sundar kavitaa
बहुत सुन्दर पोस्ट!
--
आपकी चर्चा तो यहाँ भी है!
http://charchamanch.blogspot.com/2010/07/203.html
सलोनी कहती उठ जाओ अब
तो कैसे हम सो पाएंगे..
इत्ता अच्छा गीत लिखे वो
कैसे कतरा के निकल जायेंगे.
गिरीश पंकज (girish pankaj) जी की टिप्पणी का लिप्यांतरण --
सलोनी का सलोना गीत पढ़कर मज़ा आ गया ..
saloni ka salona geet parh kar mazaa aa gaya..
अच्छा लिखा सलोनी ! शुभम!
याद रहे गद्य को कवियों का निकष कहा गया है, सो कुछ गद्य भी लिखो!
सलोनी जी की कहानी भी प्राप्त हो चुकी है!
शीघ्र ही उसे भी "सरस पायस" पर प्रकाशित किया जाएगा!
एक और शुभ सूचना --
सलोनी जी का यह गीत जल्दी ही एक बहुत बढ़िया
रंग-रँगीली पत्रिका में भी प्रकाशित होनेवाला है!
--
सलोनी जी को बहुत-बहुत बधाई!
सलोनी राजपूत का यह शिशुगीत
चकमक के अगस्त 2010 के अंक में प्रकाशित किया गया है!
--
आप भी देखिए - "हुआ सवेरा"
एक टिप्पणी भेजें