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शुक्रवार, फ़रवरी 18, 2011

उठ जाओ गुड़िया रानी : रावेंद्रकुमार रवि की नई प्रभाती

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आज "सरस पायस" आपको अपनी एक और प्यारी बहना 
"सोनमन" से मिलवा रहा है, 
उसके जन्म-दिवस पर, मेरी इस प्रभाती के साथ! 
एक साल की सोनमन को 
सब प्यार से "मीशू" कहकर बुलाते हैं!
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उठ जाओ गुड़िया रानी
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आई है भोर सुहानी,
उठ जाओ गुड़िया रानी!

फूलों ने हँसी बिखेरी,
कलियों ने कही कहानी -
उठ जाओ गुड़िया रानी!

आए हैं बादल रिमझिम,
चल रही हवा मस्तानी -
उठ जाओ गुड़िया रानी!

चिड़िया ने गीत सुनाया,
मीठी पपहिरी बजानी -
उठ जाओ गुड़िया रानी!


सुरमय हो जाए दुनिया,
बोलो कुछ ऐसी बानी -
उठ जाओ गुड़िया रानी!

जो खिले तुम्हारे मुख पर,
मन में वो हँसी सजानी -
उठ जाओ गुड़िया रानी!


तुम ही हो सबसे सुंदर,
तुमको यह बात बतानी -
उठ जाओ गुड़िया रानी!

कुछ खेल-खिलौने लेकर,
आई हैं देखो नानी -
उठ जाओ गुड़िया रानी!
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हम सब की तरफ से सोनमन को प्यारी-प्यारी शुभकामनाएँ!
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रावेंद्रकुमार रवि
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♥ चित्रों में हैं : सोनमन (मीशू) ♥
१. सरस पायस के पापा और अपने मामा की गोद में 
२. सरस पायस की दादी और अपनी नानी की गोद में
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7 टिप्‍पणियां:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

अरे वाह!
यह प्रभाती गीत तो बहुत ही प्यारा है!़
सोनमन को ढेर सारा प्यार!

Saba Akbar ने कहा…

बहुत ही प्यारी बच्ची... और उतना ही प्यारा गीत...

राज भाटिय़ा ने कहा…

वाह जी बहुत सुंदर, बच्ची को बहुत बहुत प्यार

डॉ. नागेश पांडेय संजय ने कहा…

Good. Very good. Better . Best. सुरमय शब्द ने तो मन मोह लिया । एकदम नया शब्द विन्यास ।वैसे प्रभाती कम ही लिखी गई हैँ । INTERNET पर तो पहल कदाचित आपकी ओर से ही है । बधाई भाई साहब ।

Chaitanyaa Sharma ने कहा…

सुन्दर कविता .सभी फोटो बहुत सुन्दर

purnima ने कहा…

bhut pyari kavita........
aur utni hi pyari sonman.......

Jaijairam anand ने कहा…

ओ मेरी बहना/ यह भी तो सुनना
आओ मिलजुल खेले/सुख झूले मे झूले
नियम न कोई तोडे/नाता सबसे जोडे
आनंद लूटना ...

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