पर इस दुनिया में सबसे प्यारी
और न्यारी तो बच्चों की फुलवारी ही होती है
क्योंकि इस फुलवारी की महक
हमारे मन को एक अनूठी ख़ुशी से भर देती है
और मन गाने लगता है!
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"सरस पायस" बच्चों के लिए अंतरजाल पर प्रकाशित पूर्णत: अव्यावसायिक हिंदी साहित्यिक पत्रिका है। इस पर रचना प्रकाशन के लिए कोई धनराशि ली या दी नहीं जाती है।
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11 टिप्पणियां:
बच्चों की एक अपनी अलग अनोखी दुनिया होती है.... मन खुश हो गया है, यहाँ इन सब बच्चों को एक साथ देख कर.
.. और ये चुलबुल ने तो बहुत सुन्दर मयूर बनाये हैं. :)
बच्चों की यही रचनात्मकता तो हमेशा से प्रेरणा देती रही है | आभार !!
बहुत सुन्दर प्रयास....बच्चों की अनोखी दुनिया का नज़ारा कराती अच्छी चर्चा
बहुत सुंदर जी
bahut pyari charcha...nanhi pari ko shamil karne ke liye dhanywaad
सरस पायस पर चर्चा का विचार बहुत अच्छा लगा!
बच्चों के ब्लॉगों की चर्चा तो
यहाँ बहुत पहले से होनी चाहिए थीं!
शुभम् जैन जी की टिप्पणी का लिप्यांतरण -
बहुत प्यारी चर्चा ...
(bahut pyari charcha...)
नन्ही परी को शामिल करने के लिए धन्यवाद
(nanhi pari ko shamil karne ke liye dhanywaad)
बहुत सुन्दर चर्चा...
नन्हे सुमन सजाने के लिए बधाई..
बहुत सुन्दर चर्चा , माधव के बारे में चर्चा करने के लिए धन्यवाद
कित्ती प्यारी चर्चा है...मजेदार. 'पाखी की दुनिया ' की चर्चा के लिए विशेष आभार !!
मेहनत से की गई चर्चा!
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