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बुधवार, जनवरी 05, 2011

नए साल में बरसें ख़ुशियाँ : सरस चर्चा (२४)

नए साल में सबसे पहले चर्चा करते हैं इस नई हँसी का! 
इशिता के मुख पर छाई है, यह सबके मन को भाई है! 


अक्षिता पाखी भी बहुत ख़ुश है!


पाखी सबको कुछ इस तरह से दे रही है : 
नए वर्ष के लिए शुभकामनाएँ!



नए साल पर बधाई देने का एक तरीक़ा यह भी है!


Laviza

यह है पंखुरी की एक मोहक अदा! 
कई और चटपटी तथा मज़ेदार ख़बरों के साथ!


चुलबुल ने ऐसे कहा : नया वर्ष मंगलमय हो!


उत्तर भारत में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है! 

ठंडा-ठंडा आया जाड़ा, कोट-रजाई लाया जाड़ा!

हेमंत कुमार की इस कविता के साथ
इसकी एक झलक देखिए फुलबगिया पर!


स्वप्निल की तरह सबकी माँ का जन्म-दिन 
एक जनवरी को होता, तो कितना मज़ा आता!


नन्हे सुमन पर डॉ. रूपचंद्र शास्त्री मयंक की कविता 
सबको दिखा रही है प्राची के द्वारा बनाई गई यह गुड़िया!


नटखट बंदर है अलबेला! 


बाल-मंदिर पर प्रकाशित राजीव पांडेय की 
यह शिशुकविता पढ़कर आपको बहुत मज़ा आएगा!


नए साल में माधव की मस्ती तो मस्त करनेवाली है!


और ये रहीं सरस पायस पर सजी मेरी शुभकामनाएँ!

लाया हूँ नया सवेरा


मैं नए साल का सूरज हूँ, लाया हूँ नया सवेरा!


रावेंद्रकुमार रवि

5 टिप्‍पणियां:

डॉ. नागेश पांडेय संजय ने कहा…

सरस चर्चा के बहाने आप मजेदार सैर करा देते हैं . इस बार आपने मेरी पत्रिका ' बाल - मंदिर ' की भी चर्चा की . मैं आपका आभारी हूँ . इस बहाने कई जिज्ञासु पाठक बाल - मंदिर पढ़ रहे हैं . धन्यवाद .

बेनामी ने कहा…

आज तो काम के बोझ में
सरस चर्चा देखनी ही भूल गया था!
--
बच्चों के ब्लॉगों की चर्चा
बहुत ही चहक-महक रही है!
--
नन्हे सुमन को शामिल करने के लिए आपका आभार!

Shubham Jain ने कहा…

अरे वाह बहुत सुन्दर चर्चा...
इशिता को शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद...

नववर्ष की शुभकामनाये.

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

पूरा नया साल तो यहीं आ गया...फिर से सभी को नए साल की बधाइयाँ. 'पाखी की दुनिया' की चर्चा के लिए आपको ढेर सारा प्यार और आभार.

लविज़ा | Laviza ने कहा…

सभी को नए साल की बधाइयाँ :)

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