महक मेरा मन फूला मुझे प्यार है फूलों से, ये मुझसे करते प्यार! झुलाऊँ इनको झूला! झुलाऊँ इनको झूला! इन्हें देखकर उड़ जाते हैं दुख के सभी पपीहे! महके-महके मिल जाते हैं ख़ुशियों के उपहार! महक मेरा मन फूला! ♥♥ रावेंद्रकुमार रवि ♥♥ ------------------------------------------------------------------------- ♥♥ चित्र में हैं : सरस पायस व उनकी जेब पर लगा फूल ♥♥ ------------------------------------------------------------------------- |
सोमवार, फ़रवरी 14, 2011
महक मेरा मन फूला : रावेंद्रकुमार रवि का नया बालगीत
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8 टिप्पणियां:
सुंदर बालगीत .....सरस भैया का फोटो बहुत क्यूट है....
सुन्दर गीत!!
sunder geet
..
सुंदर बालगीत रचा है रविजी.........
बस , इतना ही कहूँगा - " क्या बात है जी ! "
बहुत खुब मुस्कुराहठ ओर उतनी ही सुंदर रचना
गुलाब पर एक गुलाब सी रचना................बहुत सुन्दर
सुंदर बालगीत!
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