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मंगलवार, जनवरी 19, 2010

उनको सदा नमन हैं करते : डॉ. श्याम गुप्त की एक बालकविता




सरस्वती माँ की हे बच्चो,
क्यों हम सब पूजा करते हैं?
इनके हंस-मोर हैं कैसे?
क्यों बैठीं ये श्वेत कमल पर?


माँ के कर में वीणा क्यों है?
श्वेत वस्त्र क्यों धारण करतीं?
माला-पुस्तक लिए हाथ में,
क्या हमको समझाती रहतीं?


जैसे जल ना टिके कमल पर,
बैर-भावना टिके न मन में!
कभी बुराई जगह न पाए,
श्वेत वस्त्र से निर्मल मन में!


मोर विषैले सर्प निगलता,
फिर भी रंग-बिरंगा मनहर!
करे बुराई दूर सदा जो,
बनता उसका तन-मन सुंदर!


वीणा मीठे सुर सजवाती,
तुम भी मीठे बोल सुनाओ!
पढ़ो पुस्तकें ज्ञान बटोरो,
फिर सारे जग में फैलाओ!


माला के मनकों के जैसा -
रखो एकता का तुम ध्यान!
अच्छा-बुरा परखने के हित,
बन जाओ तुम, हंस समान!


सरस्वती माँ की हे बच्चो,
इसीलिए हम पूजा करते!
वे देती हैं ज्ञान हमें, हम
उनको सदा नमन हैं करते!

-- डॉ. श्याम गुप्त --
सुश्यानिदी, के-348, आशियाना,
लखनऊ, उत्तर प्रदेश - 226012 (भारत)

8 comments:



चंदन कुमार झा ने कहा…

बहुत ही सुन्दर और मनभावन सरस्वती वंदना । पढ़कर बहुत ही अच्छा लगा । आभार


अविनाश वाचस्पति ने कहा…

बालगीत बच्‍चों के मन भाएगा उनके द्वारा याद किया जाएगा उपदेश देशहित में मिलेंगे बच्‍चों के मन उपवन महकेंगे।


राज भाटिय़ा ने कहा…

बहुत सुंदर बालगीत,धन्यवाद


JHAROKHA ने कहा…

माला के मनकों के जैसा - रखो एकता का तुम ध्यान! अच्छा-बुरा परखने के हित, बन जाओ तुम, हंस समान! सरस्वती जी को लेकर लिखा गया बेहद प्यारा गीत---बच्चों के लिये शिक्षाप्रद भी है। डा श्याम जी को हार्दिक बधाई प्रेषित करें। पूनम


डा. श्याम गुप्त ने कहा…

सभी को हार्दिक धन्यवाद.


डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक ने कहा…

विमल ज्ञान को देने वाली, माँ का हम वन्दन करते हैं। श्याम गुप्त के बाल गीत का, मन से अभिनन्दन करते है।।


海龟 ने कहा…

i thought u should reinstall your "google translate"...it cant display the results...u suppose change "english to english" to "hindi to english"...^^


रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…

Dear 海龟! You can do it yourself, Clicking on down drop triangle (arrow) From left hand side to choose Hindi. Similarly you can choose Either Mandarin (Chinese) or English From right hand side. Thus you can get Either "Hindi to English" Or "Hindi to Mandarin (Chinese)".

14 टिप्‍पणियां:

डा श्याम गुप्त ने कहा…

धन्यवाद, रावेन्द्र जी,,मां का चित्र बहुत प्यारा है, चित्रकार को बधाई दें

Udan Tashtari ने कहा…

सुन्दर वन्दन!

रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…

"सरस्वती माता का सबको वरदान मिले,
वासंती फूलों-सा सबका मन आज खिले!
खिलकर सब मुस्काएँ, सब सबके मन भाएँ!"

--
क्यों हम सब पूजा करते हैं, सरस्वती माता की?
लगी झूमने खेतों में, कोहरे में भोर हुई!
--
संपादक : सरस पायस

डॉ टी एस दराल ने कहा…

बच्चों ही नहीं, बड़ों के लिए भी एक प्रेरणा दायक गीत। आभार।

Urmi ने कहा…

आपको और आपके परिवार को वसंत पंचमी और सरस्वती पूजा की हार्दिक शुभकामनायें!
बहुत सुन्दर रचना लिखा है आपने!

संगीता पुरी ने कहा…

olवसंत पंचमी के अवसर पर सुंदर रचना पढवाने के लिए धन्‍यवाद !!

दीपक 'मशाल' ने कहा…

Raveendra ji, mugdh kar diya aapki titli(larva) ki photo ne...
sath hi itni khoobsoorat vandana padhane ke liye aabhar...
Jai Hind...

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बहुत सुन्दर बाल गीत....बधाई

Yogesh Verma Swapn ने कहा…

saraswati man ko samarpit ati sunder baalgeet. aabhaar.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

ज्ञानदायिनी मातु का जो धरते हैं ध्यान!
माता उनके हृदय में भर देती हैं ज्ञान!!

Urmi ने कहा…

आपको और आपके परिवार को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें!

Pushpendra Singh "Pushp" ने कहा…

बहुत सुन्दर रचना
बहुत बहुत आभार

संजय भास्‍कर ने कहा…

बहुत सुन्दर बाल गीत....बधाई

Paise Ka Gyan ने कहा…

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