शुक्रवार, अप्रैल 16, 2010
लैपटॉप : अजय गुप्त का नया बालगीत
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13 टिप्पणियां:
शायद लैपटॉप ले आए।
बहुत खूब, लाजबाब !
सबके मन को जो भाता है।
लैपटॉप वो कहलाता है।।
--
इसमें ज्ञान समाया सारा।
लैपटॉप लगता है प्यारा।।
इस डिब्बे में मीठे गाने,
चलते-फिरते चित्र मनोरम।
बटन दबाओ मॉनीटर पर,
हाज़िर हो जाता हर मौसम।
वाह---भालू जी को नया लैपटाप मुबारक हो----बहुत सुन्दर बाल गीत। अजय जी एवम अरविन्द राज जी दोनों लोगों को हार्दिक बधाई।
इस कविता में सरलता और सहजता का अद्भुत सम्मिश्रण बरबस मन को आकृष्ट करता है।
बहुत ही सुन्दर बाल गीत है,धन्यवाद।
वाह...लैपटॉप के बारे में विस्तृत जानकारी देती हुई सुन्दर रचना..
भालू दादा बहुत प्यारे है ,बहुत खूब, लाजबाब
सुन्दर गीत.
आपकी कविता बहुत अच्छी है...
एक अंतरा मेरी ओर से भी...
लैपटॉप मेरे मन को भाता,
गोद में रख कर इसे चलाता,
दुनिया भर का भरा है ज्ञान,
इसको पाकर बनें महान.
बहुत ही सरस , सरल और शिक्षा प्रद बाल कविता है |
लैपटॉप की महिमा न्यारी ,
इसे जानता है हर प्राणी |
हर पल देता हमको ज्ञान ,
जीवन को कर दे आसान |
आदरणीय भाई अजय गुप्त जी को मेरा सादर प्रणाम और बहुत - बहुत बधाई , इसके साथ ही साथ भाई अरविन्द जी को सुंदर चित्रण के लिए साधुवाद |
bhai ajay gupta ji ki sundar kavita ke liye unhe bahut bahut badhai aur bhai arvind ji ko sundar chitrakari ke liye bahut bahut badhai...
laptop bahut hi sundar rachna hai...bachcho ke man ko bahut bhaegi...
इस सुंदर प्रस्तुतीकरण में तो मेरा भालू और भी अच्छा लग रहा है। अजय भाई साहब का गीत तो अच्छा है ही।
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