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मंगलवार, मई 11, 2010

जन्म-दिवस पर मिला : मुझे एक अनमोल उपहार


जन्म-दिवस पर मिला : मुझे एक अनमोल उपहार


मेरे जन्म-दिवस की सुहानी भोर

मुझ पर ख़ुशियों की बरसात करने के लिए तत्पर थी,

पर आभासी दुनिया में खोया

बंद कमरे में बैठा मैं

बाहर निकल ही नहीं पा रहा था!

- "अंकल! अंकल!" -
अचानक एक सुरीली आवाज़ ने मेरा ध्यान अपनी ओर खींच लिया!
दरवाज़े पर मेरी भतीजी दिव्या खड़ी थी!

मैंने उससे पूछा
- "क्या है?" -

उसने मुझे कोई उत्तर दिए बिना मेरी तरफ ही एक प्रश्न उछाल दिया
- "अंकल, आज आपका जन्म-दिन है?" -

- "अरे, हाँ!" -
मैं जैसे सोते से जागा!

मेरे हाँ कहने पर उसने अपने ओंठो पर
एक बहुत सुंदर मुस्कान लाते हुए कहा
- "यह लीजिए" -

इस गरिमामय उपहार को मैं कभी भूल नहीं पाऊँगा!
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यह उपहार देखने के बाद मुझे
यह बताने की आवश्यकता नहीं है कि दिव्या शर्मा एक बहुत अच्छी पेंटर है!
उसने इसे कितने उत्साह, लगन, परिश्रम और स्नेह के साथ बनाया है,
यह भी उसकी यह रंजना (पेंटिंग) स्वयं ही कह रही है!
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मेरी ओर से भी उसके लिए ढेर सारा स्नेह और आशीष!
मेरी शुभकामना है कि उसकी रंजनाएँ विश्वस्तर पर ख्याति प्राप्त करें!
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रावेंद्रकुमार रवि
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18 टिप्‍पणियां:

Dev K Jha ने कहा…

जन्म दिन की हार्दिक बधाई..
और भाई तोहफ़ा तो अनमोल मिला है...

बहुत अच्छे..

nilesh mathur ने कहा…

बहुत ही सुन्दर तोहफा मिला है, देर से ही सही मेरी तरफ से भी जन्म दिवस की शुभकामना और दिव्या को ढेर सारा प्यार !

Randhir Singh Suman ने कहा…

nice

Udan Tashtari ने कहा…

बड़ा ही सुन्दर तोहफा दिया बिटिया ने. उन्हें बहुत बधाई और आशीष कहें.

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

सच ही बहुत अनमोल तोहफा

माधव( Madhav) ने कहा…

ये तो अनमोल तोहफा है , रेडीमेड कार्ड्स तो सारे देते है, पेंटिंग्स बना कर देना, सही में अद्भुत तोहफा है .

दिव्या को बधाई

mridula pradhan ने कहा…

bahot achchi lagi.

Harminder Singh ने कहा…

जन्म दिन की हार्दिक बधाई ।

आज के युग में जहॉ उपहारों से बाजार अटा पढ़ा है वहॉ अपने हाथ से बनाए गया उपहार वास्तव में सुखद अनुभव देता है ।

रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…

चिट्ठाजगत पर आज
"सरस पायस" का
सक्रियता क्रमांक : 100 है!

MAYUR ने कहा…

आपको जन्मदिन कि बहुत सारी बधाई , दिव्या को भी जीवन में सफलता कि शुभकामनाएं

गिरिजा कुलश्रेष्ठ ने कहा…

इतना सुन्दर उपहार...एक उपलब्धि है भाई।

साथ कारवां सपनों का लो।
बाँहें उठा आसमां छू लो ।
पाँव तले लेकिन जमीन हो,
ऊपर नील वितान।
और भीड में खो मत देना,
तुम अपनी पहचान
शुभ-कामनाओं सहित
गिरिजा कुलश्रेष्ठ

राज भाटिय़ा ने कहा…

बहुत सुंदर रचना जी
आप को जन्म दिवस की बहुत बहुत बधाई
धन्यवाद

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

दिव्या ने दे दिया आपको सुन्दर सा उपहार!
परिलश्रित है इस तोहफे में प्यार भरा उद्गार!

रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…

चिट्ठाजगत पर आज
"सरस पायस" का सक्रियता क्रमांक : 96 है!

रंजन ने कहा…

वाह क्या बात है... बधाई..

महेन्द्र मिश्र ने कहा…

बहुत बढ़िया उपहार रहा ..जन्मदिन की शुभकामनाये भी आपको...

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

ये तो बहुत प्यारा तोहफा है...आपको बधाई !!
__________________
'पाखी की दुनिया' में- जब अख़बार में हुई पाखी की चर्चा !!

रविंद्र "रवी" ने कहा…

जन्म दिन कि हार्दिक शुभकामनाये.और आपकी भतीजी दिव्या को भी.

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