"सरस पायस" के अनुरूप बनाने के लिए प्रकाशनार्थ स्वीकृत रचनाओं में आवश्यक संपादन किया जा सकता है। रचना का शीर्षक भी बदला जा सकता है। ये परिवर्तन समूह : "आओ, मन का गीत रचें" के माध्यम से भी किए जाते हैं!
प्रकाशित/प्रकाश्य रचना की सूचना अविलंब संबंधित ईमेल पते पर भेज दी जाती है।
मानक वर्तनी का ध्यान रखकर यूनिकोड लिपि (देवनागरी) में टंकित, पूर्णत: मौलिक, स्वसृजित, अप्रकाशित, अप्रसारित, संबंधित फ़ोटो/चित्रयुक्त व अन्यत्र विचाराधीन नहीं रचनाओं को प्रकाशन में प्राथमिकता दी जाती है।
रचनाकारों से अपेक्षा की जाती है कि वे "सरस पायस" पर प्रकाशनार्थ भेजी गई रचना को प्रकाशन से पूर्व या पश्चात अपने ब्लॉग पर प्रकाशित न करें और अन्यत्र कहीं भी प्रकाशित न करवाएँ! अन्यथा की स्थिति में रचना का प्रकाशन रोका जा सकता है और प्रकाशित रचना को हटाया जा सकता है!
पूर्व प्रकाशित रचनाएँ पसंद आने पर ही मँगाई जाती हैं!
"सरस पायस" बच्चों के लिए अंतरजाल पर प्रकाशित पूर्णत: अव्यावसायिक हिंदी साहित्यिक पत्रिका है। इस पर रचना प्रकाशन के लिए कोई धनराशि ली या दी नहीं जाती है।
अन्य किसी भी बात के लिए सीधे "सरस पायस" के संपादक से संपर्क किया जा सकता है।
9 टिप्पणियां:
बहुत सुंदर
sundar
प्रकृति के प्रति चिन्ता व्यक्त करते हुए पूर्वी की सोच और उसकी इस सुन्दर रचना के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएँ साथ ही आशीर्वाद भी!
सुन्दर कविता व सुन्दर भाव ....
achchhe se prastut kiyaa hai . thanks.
बहुत ही खुबसूरत लिखा तुमने !
मेरी तरफ से बहुत - बहुत बधाई और ढेर सारी शुभ - कामनाएं !
उत्साह बढ़ाने की लिए मैं आप सभी का आभार व्यक्त करती हूँ। विशेष रूप से अजेय अंकल का और सरस पायस का । जिनकी वजह से मेरी कविता सब लोगों तक पहुँची और आप सब की शुभकामनाएँ और आशीर्वाद मुझे मिले।
- पूर्वा शर्मा
बहुत सुन्दर.. और एक अच्छा सन्देश देती हुई कविता....
समसामयिक प्तास्तुती..बहुत सुन्दर
एक टिप्पणी भेजें