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शुक्रवार, जुलाई 09, 2010

बच्चों को नाजुक हाथों से चाँद-सितारे छूने दो : सरस चर्चा ( 4 )

आप सभी को अक्षयांशी, आदि, जादू, पाखी, माधव और लवी का प्यार-भरा नमस्कार!

पिछले सप्ताह रवि अंकल ने कहा कि वे अगले रविवार को नहीं मिलेंगे... हम सबने सोचा... अरे, क्या हो गया... क्यों नहीं मिलेगें... हमारी चर्चा का क्या होगा... पता है, उन्होंने ऐसा क्यों बोला... क्योंकि इस बार हमें शुक्रवार को मिलना था...

अब देखते हैं... इस सप्ताह किसने क्या-क्या किया...

आदि और लवी अब घर पर कम ऊधम मचाएँगे... इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि वे कम नॉटी हो गए हैं... अरे, अब वे स्कूल जाने लगे हैं... दोनों पहले दिन रुआँसे हो रहे थे, पर अब नए माहोल में एडजस्ट हो रहे हैं...


आदि और लवी के लिए ढेर-सारी शुभकामनाएँ...

ये दोनों तो स्कूल चले गए, पर देखो तो यह अक्षयांशी क्या कर रही है...


नन्ही-सी जान और ढेर-सा काम... आप जा रहे हैं न... मदद करने...

अब देखते हैं यह माधव क्या कर रहा है...


अरे, यह तो इतनी धूप में पापा से साथ भारत बंद का मज़ा ले रहा है... आख़िर भारत बंद था... मस्ती थोड़े ही बंद थी... अरे माधव सनस्क्रीन लगाया या नहीं... पार्क में मस्ती कर रहा है तो चुलबुल बता रही है की मम्मी ने किचन का कैसा बुरा हाल किया...:)


चुलबुल चित्र बना रही है... तो पाखी चित्र दिखा रही है...


कितने सुंदर हैं... वाह-वाह... अगर आपको भी ऐसे सुंदर फ़ोटो चाहिए... तो पाखी को बताना... पाखी सबके लिए बनवाकर दे देगी... क्यों पाखी... ठीक कहा न?

यह तो हुईं बच्चों की बातें... अब देखते हैं बच्चों के लिए कौन क्या लाया है...

नन्हा मन पर सीमा सचदेव आपके लिए लाई हैं एक नया उपन्यास चूचू और चिंटी... काव्य शैली में लिखा यह उपन्यास बहुत मज़ेदार है...
चूचू हर पल करे शैतानी
चिंटी चूचू की भी नानी
चिंटी जब भी सोने जाए
चूचू उसको बड़ा सताए
आया न मज़ा...

नन्हा मन पर ही मंजू गुप्ता नाव ले कर आई हैं...
नाव को ले कर बच्चे निकले
नाव पानी में तैराई रे
छप - छप -छप -छप नाव चली
देख इसे सब हर्षाए रे
बारिश के इस मौसम में शास्त्री जी बता रहे हैं कि कैसे मौसम सुहाना हुआ है...
बह रही पुरवाई आज आन-बान से,
जंगलों में नाच रहे मोर शान से
और राजस्थानी कविता का मज़ा लेना है तो चले जाइए बचपन पर.. दीनदयाल शर्मा जी बताते हैं की सासूजी मीठा क्यों नहीं बोल रहीं... आपको भी कारण जानना है तो उनके ब्लॉग पर ही जाना पड़ेगा.. हम नहीं बताएँगे...

ख़ुशी के लम्हे...

कांस्य पदक पर निशाना लगाने के बाद प्यारे सरस पायस ने इस बार स्वर्ण पदक हासिल किया है.. और यह मिला है उनको उनके प्रयोग प्रदर्शन "पवन चक्की द्वारा ऊर्जा उत्पादन" के लिए... चलो, जल्दी से उन्हें बधाई दे आएँ...


और चलते-चलते पाखी आपके लिए लॉलीपॉप लाई है... इसका स्वाद लेकर बताना... कितनी “मीठी” है...


सूचना
  • आदि और लवी के बाद अब अक्षयांशी भी फेसबुक पर आने वाली है... पूछो ज़रा उसी से कि किस आई डी पर मिलना है?
  • बच्चों की और बच्चों के लिए प्यारी-प्यारी बातें इस नए संकलक पर आप हमेशा देख सकतें है.. यह केवल और केवल बच्चों के लिए है...
अब लगाते हैं सरस चर्चा के इस अंश पर विराम... और आज इसे आप तक लेकर आए हैं आदि के पापा...

अगले सप्ताह इस रंग-बिरंगी दुनिया में फिर मिलेंगे... तब तक के लिए - शुभविदा!

10 टिप्‍पणियां:

रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…

बज़ (buzz) से indu puri goswami (इंदु पुरी गोस्वामी) –

सब बच्चों को प्यार और "पवन चक्की द्वारा ऊर्जा उत्पादन" के लिए पदक हासिल करने पर भी पायस परिवार को बधाई.पाखी मुझे तीन लोलीपोप चाहिए. क्यों?
मेरे दो पोते हैं 'ट्विन्स' .बहुत प्यारे,शरारती.अभी हॉल ही धोनी से मिल कर आये ये बात अलग है उन्हें धोनी के डौगी के साथ खेलने में ज्यादा मजा आया.
कहोगे तो उनके बड़े प्यारे फोटोज हैं वो तुम सब बच्चों को बता सकती हूँ पर...............कहोगे 'यस' तभी.
तुम्हारी दादी
इंदु


9 Jul 2010

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

परिश्रम के साथ की गई उपयोगी चर्चा के लिए आपका आभारी हूँ!
--
इस बार की चर्चा में आपने नन्हे सुमन को छोड़ दिया है और उच्चारण की पोस्ट को चर्चा में लिया है!
--
धन्यवाद!

रंजन (Ranjan) ने कहा…

नन्हे सुमन मेरी फीड में नहीं था इसलिए छूट गया.. अब शामिल कर लिया है.. आगे कभी मौक़ा लगा तो नहीं छूटेगा...

Udan Tashtari ने कहा…

आदि के पापा तो मस्त चर्चा कर गये जी!! बहुत बढ़िया!

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बहुत बढ़िया चर्चा....सच में सरस रही

राज भाटिय़ा ने कहा…

बहुत सुंदर चित्र ओर बहुत ही सुंदर चर्चा जी सभी बच्चो को बहुत बहुत प्यार

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

हम बच्चों की प्यारी-प्यारी चर्चा ..मजा आ गया.

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

@इंदु पुरी गोस्वामी Aunty ji,

पक्का..आपको तीन लालीपाप दे दूंगी, पर जब आप उनके प्यारे-प्यारे फोटोज दिखाएंगी.

बेनामी ने कहा…

वाह !! आदि के पापा एक नए रूप में..... अच्छी लगी ये चर्चा...

रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…

आदि के पापा ने बिल्कुल नए अंदाज़ में
बहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुत की है!
--
उनकी इस चर्चा ने "सरस पायस" का गौरव बढ़ा दिया है!

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