"सरस पायस" पर सभी अतिथियों का हार्दिक स्वागत है!

सोमवार, फ़रवरी 01, 2010

रावेंद्रकुमार रवि का एक शिशुगीत : मीठा-मीठा-मीठा

मीठा-मीठा-मीठा
--
--
बकरी का बच्चा,
बच्चे की मम्मी,
मम्मी का दुद्-धू,
मीठा-मीठा-मीठा,
बच्चा दुम उठा के पीता!
--
रावेंद्रकुमार रवि
( चित्र : गूगल सर्च से साभार )  

9 टिप्‍पणियां:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

चित्र और गीत में तो गजब का सामंजस्य है!
देख मेमने को हर्षित है बकरी रानी।

रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…

बचपन की मासूमियत का ऐसा मोहक शब्दांकन ...
भाई, यूँ ही बिखेरते रहो ये अनछुए से पावन रंग...
--
गिरिजा कुलश्रेष्ठ

ग्वालियर, मध्य प्रदेश (भारत)

डॉ टी एस दराल ने कहा…

ममतामयी चित्र और मिठास का अहसास।

shyam gupta ने कहा…

वाह ! दूध मीठा, दूध पीने का भाव मीठा,मां का ममता भाव मीठा--मीठा मीठा मीठा .

मनोज कुमार ने कहा…

बड़ा प्यारा गीत है!!

Harminder Singh ने कहा…

सबसे बढ़ी बात है बच्चे को बिना मिलावट का दूध मिल रहा है !!!

रंजन ने कहा…

मजेदार..

Paise Ka Gyan ने कहा…

Data Communication in Hindi
Motherboard in Hindi
Phishing in Hindi
Computer Virus in Hindi
Input Devices in Hindi
Android in Hindi
Intranet in Hindi

Paise Ka Gyan ने कहा…

Internet in Hindi
Computer in Hindi
Apple in Hindi
LTE Full Form
Call Barring Meaning In Hindi
Satellite in Hindi

Related Posts with Thumbnails

"सरस पायस" पर प्रकाशित रचनाएँ ई-मेल द्वारा पढ़ने के लिए

नीचे बने आयत में अपना ई-मेल पता भरकर

Subscribe पर क्लिक् कीजिए

प्रेषक : FeedBurner

नियमावली : कोई भी भेज सकता है, "सरस पायस" पर प्रकाशनार्थ रचनाएँ!

"सरस पायस" के अनुरूप बनाने के लिए प्रकाशनार्थ स्वीकृत रचनाओं में आवश्यक संपादन किया जा सकता है। रचना का शीर्षक भी बदला जा सकता है। ये परिवर्तन समूह : "आओ, मन का गीत रचें" के माध्यम से भी किए जाते हैं!

प्रकाशित/प्रकाश्य रचना की सूचना अविलंब संबंधित ईमेल पते पर भेज दी जाती है।

मानक वर्तनी का ध्यान रखकर यूनिकोड लिपि (देवनागरी) में टंकित, पूर्णत: मौलिक, स्वसृजित, अप्रकाशित, अप्रसारित, संबंधित फ़ोटो/चित्रयुक्त व अन्यत्र विचाराधीन नहीं रचनाओं को प्रकाशन में प्राथमिकता दी जाती है।

रचनाकारों से अपेक्षा की जाती है कि वे "सरस पायस" पर प्रकाशनार्थ भेजी गई रचना को प्रकाशन से पूर्व या पश्चात अपने ब्लॉग पर प्रकाशित न करें और अन्यत्र कहीं भी प्रकाशित न करवाएँ! अन्यथा की स्थिति में रचना का प्रकाशन रोका जा सकता है और प्रकाशित रचना को हटाया जा सकता है!

पूर्व प्रकाशित रचनाएँ पसंद आने पर ही मँगाई जाती हैं!

"सरस पायस" बच्चों के लिए अंतरजाल पर प्रकाशित पूर्णत: अव्यावसायिक हिंदी साहित्यिक पत्रिका है। इस पर रचना प्रकाशन के लिए कोई धनराशि ली या दी नहीं जाती है।

अन्य किसी भी बात के लिए सीधे "सरस पायस" के संपादक से संपर्क किया जा सकता है।

आवृत्ति