"सरस पायस" पर प्रकाशित रचनाएँ ई-मेल द्वारा पढ़ने के लिए
नियमावली : कोई भी भेज सकता है, "सरस पायस" पर प्रकाशनार्थ रचनाएँ!
"सरस पायस" के अनुरूप बनाने के लिए प्रकाशनार्थ स्वीकृत रचनाओं में आवश्यक संपादन किया जा सकता है। रचना का शीर्षक भी बदला जा सकता है। ये परिवर्तन समूह : "आओ, मन का गीत रचें" के माध्यम से भी किए जाते हैं!
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मानक वर्तनी का ध्यान रखकर यूनिकोड लिपि (देवनागरी) में टंकित, पूर्णत: मौलिक, स्वसृजित, अप्रकाशित, अप्रसारित, संबंधित फ़ोटो/चित्रयुक्त व अन्यत्र विचाराधीन नहीं रचनाओं को प्रकाशन में प्राथमिकता दी जाती है।
रचनाकारों से अपेक्षा की जाती है कि वे "सरस पायस" पर प्रकाशनार्थ भेजी गई रचना को प्रकाशन से पूर्व या पश्चात अपने ब्लॉग पर प्रकाशित न करें और अन्यत्र कहीं भी प्रकाशित न करवाएँ! अन्यथा की स्थिति में रचना का प्रकाशन रोका जा सकता है और प्रकाशित रचना को हटाया जा सकता है!
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"सरस पायस" बच्चों के लिए अंतरजाल पर प्रकाशित पूर्णत: अव्यावसायिक हिंदी साहित्यिक पत्रिका है। इस पर रचना प्रकाशन के लिए कोई धनराशि ली या दी नहीं जाती है।
अन्य किसी भी बात के लिए सीधे "सरस पायस" के संपादक से संपर्क किया जा सकता है।
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- मैं हूँ किशन कन्हइया : शुभम् सचदेव की शिशुकविता
- मन को भाने नए दोस्तों का दिन आया : सरस चर्चा (14)
- नन्हे दोस्तों की रचनाओं से सजा चकमक का विशेषांक
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- रिमझिम का प्यारा दोस्त कौन है? : सरस चर्चा (13)
- गुदगुदी : अरविंद राज की नई शिशुकविता
- इतना मत दो : पूर्णिमा वर्मन की एक शिशुकविता
- कबूतर के चूज़े : रावेंद्रकुमार की नई शिशुकविता
- कान्हा मेरे मन का मीत : सरस चर्चा (12)
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5 टिप्पणियां:
वाह ! बहुत बढ़िया !
sundar rachna !
सुन्दर बाल कविता। आभार।
बहुत सुंदर लगी यह वाल कविता धन्यवाद
बहुत सुन्दर
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