बी.डी.ए. कॉलोनी, शिवाजीनगर,
भोपाल, म. प्र. (भारत) - 462016.
"सरस पायस" के अनुरूप बनाने के लिए प्रकाशनार्थ स्वीकृत रचनाओं में आवश्यक संपादन किया जा सकता है। रचना का शीर्षक भी बदला जा सकता है। ये परिवर्तन समूह : "आओ, मन का गीत रचें" के माध्यम से भी किए जाते हैं!
प्रकाशित/प्रकाश्य रचना की सूचना अविलंब संबंधित ईमेल पते पर भेज दी जाती है।
मानक वर्तनी का ध्यान रखकर यूनिकोड लिपि (देवनागरी) में टंकित, पूर्णत: मौलिक, स्वसृजित, अप्रकाशित, अप्रसारित, संबंधित फ़ोटो/चित्रयुक्त व अन्यत्र विचाराधीन नहीं रचनाओं को प्रकाशन में प्राथमिकता दी जाती है।
रचनाकारों से अपेक्षा की जाती है कि वे "सरस पायस" पर प्रकाशनार्थ भेजी गई रचना को प्रकाशन से पूर्व या पश्चात अपने ब्लॉग पर प्रकाशित न करें और अन्यत्र कहीं भी प्रकाशित न करवाएँ! अन्यथा की स्थिति में रचना का प्रकाशन रोका जा सकता है और प्रकाशित रचना को हटाया जा सकता है!
पूर्व प्रकाशित रचनाएँ पसंद आने पर ही मँगाई जाती हैं!
"सरस पायस" बच्चों के लिए अंतरजाल पर प्रकाशित पूर्णत: अव्यावसायिक हिंदी साहित्यिक पत्रिका है। इस पर रचना प्रकाशन के लिए कोई धनराशि ली या दी नहीं जाती है।
अन्य किसी भी बात के लिए सीधे "सरस पायस" के संपादक से संपर्क किया जा सकता है।
9 टिप्पणियां:
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चंदा "एकलव्य" के नाम से बने चेक या मनीऑर्डर से भेजा जा सकता है!
भोपाल के बाहर के चेक में रु. 80.00 अतिरिक्त जोड़ें!
भेजने का पता है -
"एकलव्य",
ई - 10, शंकरनगर,
बी.डी.ए. कॉलोनी, शिवाजीनगर,
भोपाल, म. प्र. (भारत) - 462016.
भारत से बाहर रहनेवाले इस पते पर संपर्क कर सकते हैं -
ciculation@eklavya.in
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बहुत प्यारी पत्रिका है.. आभार.
हम तो यहाँ मंगवा नहीं सकते लेकिन वेब के जरिये ही आनंद लेंगे
आपका शुक्रिया बहुत सुन्दर पत्रिका !
पत्रिका बहुत रोचक और लाभदायक लगी
धन्यवाद जानकारी के लिए ......
वाह ! बहुत अच्छा लगा । यह पत्रिका मेरे यहाँ पिछले 25 साल से आ रही है और मेरी बिटिया कोपल nanhikopal.blogspot.com)इसकी आजीवन सदस्य है ।
101 वी पोस्ट के लिए हार्दिक बधाई ।
क्या कहने ! सब कुछ बहुत अच्छा है ...आभार
नन्ही ब्लॉगर
अनुष्का
आपने तो बड़ी अच्छी जानकारी दी.... हाथों से बनी कई तरह की शेप्स तो मुझे बहुत ही पसंद आयी...
अले वाह, यह तो बहुत अच्छी पत्रिका है. अब मैं भी पढूंगी.
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